संकष्ट चतुर्थी

ॐ वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्यसमप्रभ |

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ||

हिन्दू मान्यता के अनुसार ऋद्धि सिद्धिदायक भगवन गणेश किसी भी शुभ कार्य में सर्वप्रथम पूजनीय माने जाते हैं | गणेश जी को विघ्नहर्ता माना जाता है, यही कारण है कि कोई भी शुभ कार्य आरम्भ करने से पूर्व गणपति का आह्वाहन और स्थापन हिन्दू मान्यता के अनुसार आवश्यक माना जाता है | चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित मानी जाती है और इस दिन गणपति की उपासना बहुत फलदायी मानी जाती है |

माह के दोनों पक्षों में दो बार चतुर्थी आती है | इनमें पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है और अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है | इस प्रकार यद्यपि संकष्ट चतुर्थी का व्रत हर माह में होता है, किन्तु माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का विशेष महत्त्व माना जाता है |

इस वर्ष 5 जनवरी 2018 को यानी कल माघ कृष्ण चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी का व्रत किया जाएगा | इस व्रत को माघ मास में होने के कारण माघी तथा इसमें तिल के सेवन का विधान होने के कारण तिलकुट चतुर्थी भी कहा जाता है | उत्तर भारत  में तथा मध्य प्रदेश प्रदेश और महाराष्ट्र में इस व्रत की विशेष मान्यता है और विशेष रूप से माताएँ सपनी सन्तान की मंगल कामना से इस व्रत को करती हैं |

ऋद्धि सिद्धिदायक विघ्नहर्ता भगवान गणेश सभी को कष्टमुक्त रखें इसी कामना के साथ सभी को संकष्ट चतुर्थी के व्रत की शुभकामनाएँ…