Ooty January 11, 2018 250 × 200 है रचा बसा हर एक कण में है रचा हुआ हर एक कण में ना मन्दिर में, ना मस्ज़िद में, ना गिरजे या गुरद्वारे में | उसको मत खोजो बाहर, वह तो बस्ता है हर एक दिल में ||