नियमों में बंधा प्राकृतिक सौन्दर्य

Nature

हम सकारात्मक भाव से समस्त मानवीय आदर्शों का पालन करते हुए वर्तमान में जीने की कला तभी सीख सकते हैं जब हम नियमों में बंधे प्राकृतिक सौन्दर्य को मन की आँखों से निहारते हुए उसमें खो जाना सीख जाएँगे | जिस दिन हमने स्वयं को प्रकृति के इस उन्मुक्त किन्तु नियमित सौन्दर्य में डुबा दिया उसी दिन से हम जीवन का वास्तविक आनन्द उठाना आरम्भ कर देंगे | सभी का आज का दिन आनन्दमय हो…