Sun Transit in Pisces
कल यानी बुधवार 14 मार्च 2018 को रात्रि ग्यारह बजकर तैतालीस मिनट पर भगवान् भास्कर अपने शत्रु ग्रह शनि की राशि कुम्भ से निकल कर मित्र ग्रह गुरु की राशि मीन में भ्रमण करने के लिए प्रस्थान करेंगे, जहाँ वे बुधवार 14 अप्रेल को प्रातः आठ बजकर बारह मिनट तक विश्राम करके आगे मेष राशि में प्रस्थान कर जाएँगे | शुक्र और बुध पहले से ही वहाँ पहुँचे हुए हैं और शुक्र 26 मार्च तक वहीं सूर्य का साथ देगा | Vedic Astrology और Vedic Astrologers के अनुसार सूर्य आत्मा का कारक ग्रह है | इसका तत्व है अग्नि, वर्ण क्षत्रिय, लाल रंग का प्रतीक, पूर्व दिशा का स्वामी तथा स्वाभाविक दाहकत्व लिए हुए एक क्रूर ग्रह माना जाता है | सिंह सूर्य की अपनी राशि है तथा मेष सूर्य की उच्च राशि मानी जाती है | चन्द्र, मंगल और गुरु सूर्य के मित्र ग्रह, शुक्र, शनि, राहु और केतु शत्रु ग्रह तथा बुध को सूर्य का सम ग्रह माना जाता है |
इस वर्ष सूर्य के मीन राशि में संक्रमण के समय वृश्चिक लग्न और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होगा | शुक्र और बुध पहले से ही वहाँ पहुँच चुके हैं | अपनी इस यात्रा के दौरान भगवान भास्कर 18 मार्च तक पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में, उसके बाद 31 मार्च को सायं 18:51 तक उत्तर भाद्रपद में और अन्त में रेवती नक्षत्र में संचार करेंगे | सूर्य के मीन राशि में संक्रमण के समय त्रयोदशी (जया) तिथि, गर करण तथा सिद्ध (नाम के अनुकूल ही सिद्धिदायक, अच्छा स्वभाव तथा आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों में रूचि) योग होगा |
पूर्वा भाद्रपद अधोगामी, उग्र और वात प्रकृति का, सहनशीलता तथा धैर्य आदि गुणों से युक्त सात्विक नक्षत्र है | कर्म उसका स्वभाव है | इसका देवता अजैकपाद और अधिपति ग्रह गुरु है | उत्तरभाद्रपद ऊर्ध्वगामी, स्थिर और पित्त प्रकृति तामसी नक्षत्र है तथा सन्तुलन रखना इसका गुण है | इसका देवता अहिर्बुन्ध्य तथा अधिपति ग्रह शनि है | रेवती नक्षत्र की चाल समानान्तर, मधुर और कफ प्रकृति का सात्विक नक्षत्र है | इसका गुण भी सन्तुलन स्थापित करना है | इसका देवता पूषा तथा अधिपति ग्रह बुध को माना जाता है |
अर्थात हम कह सकते हैं कि इस अवधि में जन साधारण में वात और कफ प्रकृति की अधिकता रहेगी – जो कि मौसम बदलने पर रहती भी है | अतः मौसम से सम्बन्धित रोगों से बचने के लिए अपने खान पान पर नियन्त्रण तथा जीवन शैली में परिवर्तन की आवश्यकता तो होगी ही | अधिकाँश लोग कर्मशील तथा सन्तुलित भाव से अपना कर्म करते हुए आगे बढ़ते रहेंगे | इस यात्रा के दौरान सूर्य अपनी उच्च राशि मेष से बारहवें भाव में तथा अपनी राशि सिंह से अष्टम भाव में गोचर करेंगे |
इन्हीं समस्त तथ्यों को आधार बनाकर मीन राशि में सूर्य के संक्रमण के जनसाधारण पर होने वाले सम्भावित परिणामों पर दृष्टिपात करने का प्रयास किया गया है…
मेष : आपके लिए पंचमेश होकर सूर्य का गोचर आपकी राशि से बारहवें भाव में हो रहा है | जो लोग उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना चाहते हैं उनके लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | साथ ही इस यात्रा के दौरान उन्हें विदेश भ्रमण का अवसर भी प्राप्त हो सकता है | आप अपनी सन्तान को भी कहीं बाहर अध्ययन के लिए भेज सकते हैं | साथ ही सन्तान के स्वास्थ्य की चिन्ता भी हो सकती है | कार्य के क्षेत्र में आपके लिए परिवर्तन का समय प्रतीत होता है | सम्भव है आपका कहीं ट्रांसफर हो जाए या आप वर्तमान नौकरी को छोड़कर किसी नई नौकरी में नए स्थान पर चले जाएँ | अपना स्वयं का व्यवसाय है तो उसमें आप बदलाव कर सकते हैं | इस अवधि में अध्ययन आदि पर खर्च अधिक होने की सम्भावना प्रतीत होती है | साथ ही आपको विरोधियों की ओर से भी सावधान रहने की आवश्यकता है | आँखों के इन्फेक्शन की ओर से भी सावधान रहने की आवश्यकता है |
वृषभ : सूर्य आपके लिए चतुर्थेश है और लाभ स्थान में गोचर करने जा रहा है जहाँ आपका लग्नेश पहले से ही पहुँचा हुआ है और 26 मार्च तक वहीं भ्रमण करने वाला है | इसके फलस्वरूप आपको किसी प्रकार की सम्पत्ति का लाभ हो सकता है | आप अपने वर्तमान निवास को बेचकर कोई नया घर भी खरीद सकते हैं | यदि आप प्रॉपर्टी से सम्बन्धित किसी व्यवसाय में हैं तो उसमें भी आपको लाभ हो सकता है | नौकरी में हैं तो आपको अपने अधिकारियों का सहयोग प्राप्त होता रहा सकता है तथा आप उनके प्रिय बने रह सकते हैं | जिसके कारण आपकी पदोन्नति की भी सम्भावना की जा सकती है जिसके कारण कार्य से सम्बन्धित व्यस्तताएँ भी बढ़ जाएँगी | आपकी रूचि कोई नया कार्य सीखने की भी हो सकती है अथवा अपने कार्य से ही सम्बन्धित कोई अग्रिम स्तर की शिक्षा प्राप्त करने का आप प्रयास कर सकते हैं | संगीत आदि किसी कला को सीखने के प्रति भी आपकी रूचि हो सकती है | अपने इस प्रयास में आपको सफलता भी प्राप्त हो सकती है | मित्रगणों का साथ और सहयोग दोनों इस अवधि में प्राप्त रहने की सम्भावना है | हाँ आपके बड़े भाई अथवा पिता के कारण किसी प्रकार की चिन्ता हो सकती है जिसके कारण सम्भव है आपके परिवार का वातावरण तनावपूर्ण हो जाए |
मिथुन : आपका तृतीयेश होकर सूर्य आपके दशम भाव में प्रस्थान करने जा रहा है जहाँ आपका लग्नेश पहले से ही पहुँचा हुआ है और इस पूरी यात्रा में वह भगवान् भास्कर के साथ ही भ्रमण करेगा | यदि आप हाथ के कारीगर हैं तब आपके लिए तो समय विशेष रूप से लाभदायक प्रतीत होता है | आपमें कार्य के प्रति समर्पण का भाव है जिसके कारण निश्चित रूप से आप अपने लक्ष्य को समय पर प्राप्त कर सकते हैं | नौकरी में हैं तो आपका प्रदर्शन इस अवधि में बहुत अच्छा रहने की सम्भावना है, जिसके कारण आपके अधिकारी आपसे प्रसन्न रहेंगे और सम्भव है आपकी पदोन्नति भी इस अवधि में हो सकती है | किन्तु कार्य से सम्बन्धित व्यस्तताएँ इस अवधि में बढ़ सकती हैं जिसके कारण सम्भव है आप अपने परिवार की ओर बहुत अधिक ध्यान न दे पाएँ | उचित तो यही रहेगा कि आप अपने व्यक्तिगत, पारिवारिक और व्यावसायिक जीवन में एक सन्तुलन स्थापित करके आगे बढ़ें | आपको अपने पिता तथा प्रभावशाली लोगों की ओर से प्रशंसा तथा सहयोग प्राप्त होता रहेगा, किन्तु छोटे भाई बहनों तथा अधीनस्थ कर्मचारियों के कारण परिवार में अथवा कार्यस्थल पर वातावरण तनावपूर्ण हो सकता है | साथ ही आपके जीवन साथी के पिता का स्वास्थ्य भी चिन्ता का विषय हो सकता है |
कर्क : आपके लिए आपका तृतीयेश होकर सूर्य आपके नवम भाव में प्रस्थान करने जा रहा है | जो वास्तव में भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आपकी आय में वृद्धि की सम्भावना के साथ साथ आपके लिए यश और प्रतिष्ठा में वृद्धि के भी योग बन रहे हैं | ऐसा भी हो सकता है कि आप आध्यात्मिक और धार्मिक कारणों से किसी तीर्थ स्थान की यात्रा के लिए चले जाएँ अथवा अपने कार्य के सिलसिले में किसी लम्बी यात्रा पर निकल जाएँ | आप धार्मिक कार्यों के लिए दानादि भी दे सकते हैं या किसी अस्पताल, धर्मशाला अथवा धार्मक स्थल के निर्माण अथवा देख रेख के के लिए भी धन दे सकते हैं | आपके जो भी कार्य बीच में रुके हुए हैं उनके भी इस अवधि में पूर्ण होने की सम्भावना है | किन्तु इस अवधि में आपकी वाणी में कुछ तीखापन आ सकता है जिसके कारण आपके पिता के साथ सम्बन्धों में तनाव की स्थिति आ सकती है | अतः अपनी वाणी पर नियन्त्रण रखने की आवश्यकता है | स्वास्थ्य का जहाँ तक प्रश्न है तो इस अवधि में आपको आँखों में इन्फेक्शन, हाई ब्लड प्रेशर अथवा मानसिक तनाव की समस्या हो सकती है |
सिंह : आपका लग्नेश होकर सूर्य आपके अष्टम भाव में संचार करने जा रहा है | यह समय स्वास्थ्य की दृष्टि से कुछ अनुकूल नहीं प्रतीत होता | सरदर्द या माइग्रेन यदि रहता है तो उसमें वृद्धि भी हो सकती है | साथ ही शरीर में आलस्य की वृद्धि भी हो सकती है जिसके कारण आपका कार्य में मन नहीं लगेगा | साथ ही आपके कुछ गुप विरोधी इस समय मुखर हो सकते हैं अतः हर किसी के सामने अपनी योजना के विषय में न बताएँ | पहले अच्छी तरह उस व्यक्ति के विषय में जानकारी प्राप्त करें तब ही अपनी बात उसे बताएँ | हो सकता है आपको इस अवधि में अपने अधिकारियों की ओर से भी किसी प्रकार का सहयोग न प्राप्त हो | किन्तु इस स्थिति में संयम से काम लेने की आवश्यकता है साथ ही इस सबके कारण चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं है | बहुत शीघ्र इस स्थिति में सुधार की सम्भावना है | सम्भव है आपका मन आगे कोई अध्ययन करने का बन जाए और इस अवधि में आप अपने आप ही किसी विषय का अध्ययन आरम्भ कर दें | यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके लिए कार्य की दृष्टि से उचित रहेगा | आप कहीं भ्रमण के लिए भी जाने का मन इस अवधि में बना सकते हैं जो आपके जीवन की एकरसता को दूर करने के लिए उचित रहेगा |
कन्या : आपका द्वादशेश आपके सप्तम भाव में गोचर करने जा रहा है आपके लग्नेश, द्वितीयेश, नवमेश और दशमेश के साथ | आपके जीवन साथी के स्वभाव में कुछ चिडचिडापन आ सकता है अतः उनके साथ व्यर्थ के विवाद से बचने का प्रयास करें | यद्यापू आपका जीवां साथी आपके प्रति पूर्ण रूप से समर्पित रहेगा | आप किसी विदेशी कम्पनी अथवा बाहर बसे हुए किसी मित्र के साथ कोई नया कार्य आरम्भ कर सकते हैं अथवा उसके निमन्त्रण पर वहाँ जाकर स्वयं कोई कार्य तलाश सकते हैं | आप अपने परिश्रम तथा ज्ञान के बल पर उपलब्ध कार्य को समय पर पूर्ण करने में समर्थ हो सकते हैं | किन्तु साथ ही अपने स्वयं के व्यवसाय में किसी भी नई डील को अभी कुछ समय के लिए स्थगित कर देंगे तो अच्छा रहेगा | यदि डील पक्की करनी ही हो तो उस पर भली भाँति सोच विचार अवश्य कर लें | आपमें जो ऊर्जा और क्रियाशीलता इस समय बनी हुई है उसका अनुकूल परिणाम आपको अपने कार्य में प्राप्त होने की सम्भावना है | पार्टनरशिप में कोई कार्य कर रहे हैं तो वहाँ संयम से काम लेने की आवश्यकता है | नई पार्टनरशिप अभी कुछ समय के लिए स्थिगित करना हित में रहेगा | अपने जीवन साथी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है |
तुला : आपका एकादशेश होकर सूर्य आपके छठे भाव में गोचर करने वाला है | नवमेश और द्वादशेश के साथ साथ लग्नेश और अष्टमेश का साथ भी वहाँ मिलेगा | आर्थिक दृष्टि से यह समय कुछ समस्याओं से युक्त हो सकता है | धन की हानि की सम्भावना है | घर तथा ऑफिस में काम कर रहे लोगों की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | साथ ही नई नियुक्तियाँ करने से पूर्व सारे सम्बन्धित Documents को अच्छी तरह जाँच लें | आपको अपने बड़े भाई अथवा पिता से किसी प्रकार धनलाभ की सम्भावना है, किन्तु कार्य स्थल तथा परिवार में महिला सदस्यों के साथ किसी प्रकार की बहस से बचने का प्रयास आवश्यक है | यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसका भी निर्णय आपके पक्ष में आ सकता है और उसके द्वारा भी आपको धनलाभ हो सकता है | अपने तथा अपने बड़े भाई और पिता के भी स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है | साथ ही विरोधियों की ओर से भी सतर्क रहना आवश्यक है | आप सपरिवार कहीं तीर्थ यात्रा पर जाने का विचार भी कर सकते हैं | इन यात्राओं के दौरान एक ओर जहाँ आपके कुछ नए मित्र भी बन सकते हैं वहीं दूसरी ओर आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति भी सावधान रहने की आवश्यकता है |
वृश्चिक : आपका दशमेश आपके पंचम भाव में गोचर करने जा रहा है जहाँ पहले से ही द्वादशेश, सप्तमेश, अष्टमेश और एकादशेश का गोचर हो रहा है | जीवन में कुछ बड़े परिवर्तन इस अवधि में हो सकते हैं | जैसे सम्भव है आप जिस नौकरी में हैं उसे छोड़कर कोई दूसरी नौकरी कर लें | या व्यवसाय में हैं तो वर्तमान व्यवसाय को छोड़कर अथवा उसके साथ ही कोई नया व्यवसाय भी आरम्भ कर लें | आपके जीवन साथी के लिए भी किसी नवीन व्यवसाय के आरम्भ होने की सम्भावना है | अचानक ही आपको अपनी पदोन्नति का समाचार भी प्राप्त हो सकता है अथवा परिवार में नवशिशु का आगमन हो सकता है अथवा किसी मंगलकार्य का आयोजन हो सकता है | इस आयोजन में आपकी भेंट कुछ प्रभावशाली लोगों से हो सकती है जिनसे आपको भविष्य में अपने कार्य में लाभ हो सकता है | किसी ऐसे स्थान से भी आपको लाभ हो सकता है जिसके विषय में आपको कुछ भान ही न हो | आपकी रूचि अध्ययन मैं बढ़ सकती है और आप अपने कार्य से सम्बन्धित कोई कोर्स भी कर सकते हैं | आपकी सन्तान की ओर से भी आपको शुभ समाचार प्राप्त होने की सम्भावना है | किन्तु सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है | साथ ही अपने व्यवहार पर यदि नियन्त्रण नहीं रखा तो जीवन साथी के साथ भी सम्बन्धों में कड़वाहट आ सकती है |
धनु : सूर्य आपकी राशि के लिए भाग्येश है तथा आपके चतुर्थ भाव में गोचर करने जा रहा है | षष्ठेश, सप्तमेश, दशमेश और एकादशेश पहले से ही वहाँ पहुँचे हुए हैं | आर्थिक दृष्टि से भी और पारिवारिक स्तर भी समय लाभदायक प्रतीत होता है | यद्यपि परिवार में आपका सम्मान और प्रतिष्ठा इस अवधि में बढ़ सकती है, किन्तु आपके स्वभाव की उग्रता परिवार की शान्ति भंग कर सकती है | ध्यान प्राणायाम आदि के द्वारा आप अपने व्यवहार को नियन्त्रित कर सकते हैं | आप यदि कोई शोध कार्य कर रहे हैं तो उसमें अनुकूल दिशा में प्रगति की सम्भावना है | इसके अतिरिक्त प्रॉपर्टी के व्यवसाय में भी लाभ की सम्भावना है | किन्तु प्रॉपर्टी से सम्बन्धित किसी विवाद में पड़ने से बचने के लिए सम्बन्धित Documents का भली भाँति अध्ययन अवश्य कर लें | आपको अपने पिता की ओर से वाहन अथवा घर भी उपहारस्वरूप प्राप्त हो सकता है | यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसका निर्णय भी आपके पक्ष में आ सकता है | पॉलिटिक्स से सम्बद्ध लोगों के लिए भी समय अनुकूल प्रतीत होता है | माता पिता का स्वास्थ्य चिन्ता का विषय हो सकता है |
मकर : आपका अष्टमेश होकर सूर्य तृतीय भाव में गोचर करने वाला है | पंचमेश, षष्ठेश, नवमेश और दशमेश वहाँ पहले से ही गोचर कर रहे हैं | लक्ष्य के प्रति आपकी एकाग्रता में इस अवधि में और अधिक दृढ़ता आने की और उत्साह तथा मनोबल में और अधिक वृद्धि होने की सम्भावना है जिसके कारण आपके कार्य समय पूर्ण होते रहने की सम्भावना है | आप अपनी वर्तमान नौकरी को छोड़कर कोई नई नौकरी करने का विचार भी बना सकते हैं | अपना स्वयं का व्यवसाय है तो कोई नया कार्य आरम्भ कर सकते हैं | यदि ऐसा है तो आपको उसमें सफलता प्राप्त होने की भी सम्भावना है | यदि आप हाथ के कारीगर हैं तो आपके कार्य में विशेष रूप से उन्नति की सम्भावना है | आपकी सन्तान के लिए भी यह गोचर अनुकूल फल देने वाला प्रतीत होता है | किन्तु आपकी सन्तान, छोटे भाई बहन अथवा पिता के स्वास्थ्य के विषय में चिन्ता हो सकती है | साथ ही छोटे भाई बहनों के साथ किसी प्रकार विवाद भी बड़ा रूप ले सकता है | कार्यक्षेत्र में अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ व्यर्थ की बहस की सम्भावना है | अतः अपनी वाणी और व्यवहार पर नियन्त्रण रखना आपके लिए आवश्यक है |
कुम्भ : आपका सप्तमेश आपके द्वितीय भाव में गोचर करने वाला है | आपके जीवन साथी के माध्यम से आपको अर्थलाभ की सम्भावना है | किन्तु आपके स्वभाव में इस समय उग्रता अधिक बढ़ी हुई है जिसके कारण परिवार की शान्ति भंग होने की सम्भावना है | अतः अपनी उग्रता पर नियन्त्रण रखें और इसके लिए ध्यान, योग तथा प्राणायाम आदि का नियमित अभ्यास अवश्य करें | व्यर्थ के विवादों से दूर रहना ही हितकर रहता है | इसके साथ ही आपका योगकारक शुक्र तथा पंचमेश और अष्टमेश भी द्वितीय भाव में हो गोचर कर रहे हैं | एक ओर जहाँ आपको किसी पैतृक सम्पत्ति का लाभ होने की सम्भावना है वहीं दूसरी ओर उसी सम्पत्ति के कारण परिवार के लोगों के साथ किसी प्रकार का विवाद भी हो सकता है | आपके संचित धन में भी वृद्धि की सम्भावना है | पारिवारिक तनावों का दुष्प्रभाव आपके तथा आपके जीवन साथी के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है और आपके पिता अथवा परिवार के किसी बुज़ुर्ग व्यक्ति का स्वास्थ्य भी इसी कारण प्रभावित हो सकता है | अतः यथासम्भव इस प्रकार के विवादों से बचने का प्रयास करें | किन्तु किसी भी विवाद को सुलझाने के लिए आपकी सन्तान तथा बड़े भाई का सहयोग आपको प्राप्त होता रहेगा |
मीन : आपका षष्ठेश होकर सूर्य आपकी ही राशि में गोचर करने वाला है | आपके लिए यह गोचर अत्यन्त महत्त्व रखता है | यदि आप किसी सरकारी नौकरी में हैं, कोर्ट कचहरी से सम्बन्धित किसी कार्य में हैं, स्पोर्ट्स में हैं अथवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में हैं तो आपके लिए समय उत्साहवर्द्धक प्रतीत होता है | इसके साथ ही तृतीयेश, चतुर्थेश, सप्तमेश और अष्टमेश का गोचर पहले से ही आपकी राशि में हो रहा है | आपके जेवण साथी को किसी पैतृक सम्पत्ति का लाभ हो सकता है | आपको भी किसी ऐसे स्थान से अर्थलाभ हो सकता है जिसके विषय में आपको कुछ भान ही न हो | सामाजिक गतिविधियों में वृद्धि की सम्भावना भी है | परिवार में कोई मंगलकार्य भी हो सकता है | इन समस्त पारिवारिक और सामाजिक गतिविधियों में आपको अपने रिश्तेदारों और मित्रों के साथ ही कुछ नए लोगों से भी मिलने का अवसर प्राप्त हो सकता है जो भविष्य में आपके कार्य के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है | यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसका भी निर्णय इस अवधि में आपके पक्ष में आ सकता है | आपका जीवन साथी आपके प्रति पूर्ण रूप से समर्पित रहेगा, किन्तु आपके क्रोध में वृद्धि की सम्भावना है जिसके कारण आपके सम्बन्धों में कड़वाहट भी उत्पन्न हो सकती है | अतः वाणी तथा स्वभाव पर नियन्त्रण रखने की आवश्यकता है | साथ ही सर में दर्द, ज्वर आदि की समस्या भी हो सकती है |
उपरोक्त परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है |
सूर्य का मीन राशि में गोचर आप सभी के लिए मंगलमय हो…