Chandra Kavacham

Chandra Kavacham

Chandra Kavacham

चन्द्रकवचम्

रामावतार: सूर्यस्य चन्द्रस्य यदुनायक: |

नृसिंहो भूमिपुत्रस्य बुद्ध: सोमसुतस्य च ||

वामनो बिबुधेज्यस्य भार्गवो भार्गवस्य च |

कूर्मो भास्करपुत्रस्य सैन्हिकेयस्य शूकर: ||

केतोर्मीनावतारश्च ये चान्ये तेऽपि खेटजा: |

परमात्मांशमधिकं येषु ते खेचराभिधा: ||

बृहत्पाराशर होराशास्त्रम् 2/5-7

Navagraha Mandala
Navagraha Mandala

भगवान् विष्णु के सभी अवतार नवग्रहों से ही सम्बद्ध हैं | सूर्य से भगवान राम का अवतार हुआ, चन्द्रमा से कृष्ण का, मंगल से नृसिंह का, बुध से बुद्ध, गुरु से वामन, भार्गव अर्थात शुक्र से परशुराम, भास्करपुत्र शनि से कूर्म, राहु से वाराह और केतु से मत्स्यावतार हुआ | अन्य अवतार भी ग्रहों से ही हुए हैं और उन सबमें भी परमात्मांश के आधिक्य के कारण उन्हें खेचर कहा जाता है |

ग्रहों पर चर्चा करते समय जब श्रीकृष्ण के वन्शाधिपति चन्द्र की बात करते हैं तो चन्द्रमा का एक नाम “सोम” भी उपलब्ध होता है जिसके नाम पर सप्ताह के एक दिन “सोमवार” का नाम पड़ा | चन्द्रमा में जो जलतत्व की शीतलता, पवित्रता आदि है सम्भवतः उसी के कारण इसे औषधियों का कारक भी माना जाता है |

यदि किसी व्यक्ति की कुण्डली में चन्द्र अशुभ प्रभाव में हो अथवा निर्बल हो उसका दोष दूर करने के लिए तथा उसे बली बनाने के लिए अनेक मन्त्रों के जाप का विधान है, पिछले लेख में हमने उसकी चर्चा भी की है | यहाँ प्रतुत है गौतम ऋषि द्वारा प्रणीत चन्द्र कवच :

अस्य श्री चन्द्र कवचस्य गौतम ऋषिः अनुष्टुप् छन्द: श्री चन्द्रो देवता | चन्द्र प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ||

ध्यानम्
समं चतुर्भुजं वन्दे केयूरमकुटोज्वलम् |
वासुदेवस्य नयनं शंकरस्य च भूषणम् ||

एवं ध्यात्वा जपेन्नित्यं शशिनः कवचं शुभम् ||

अथ चन्द्र कवचम्
शशी पातु शिरोदेशं भालं पातु कलानिधिः |
चक्षुषी चन्द्रमा पातु श्रुती पातु निशापतिः ||

प्राणं क्षपकरः पातु मुखं कुमुद बान्धव: |
पातु कण्ठं च मे सोमः स्कन्धे जैवातृकस्तथा ||

करौ सुधाकरः पातु वक्षः पातु निशाकरः |
हृदयं पातु मे चन्द्रो नाभिं शंकरभूषणः ||

मध्यं पातु सुरश्रेष्ठः कटिं पातु सुधाकरः |
ऊरू तारापतिः पातु मृगांको जानुनी सदा ||

अब्धिजः पातु मे जंघे पातु पादौ विधुः सदा |
सर्वाण्यन्यानि चांगानि पातु चन्द्रोSखिलं वपुः ||

फलश्रुतिः
एतद्धि कवचं दिव्यं भुक्ति मुक्ति प्रदायकम् |
यः पठेच्छृणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवेत् ||

|| इति श्री चन्द्र कवचं सम्पूर्णम् ||

चन्द्रमा का यह भुक्ति-मुक्ति प्रदान करने वाला कवच सबके मनों में प्रेम, शान्ति और आनन्द की सरिता प्रवाहित करते हुए सभी की रक्षा करे…