Jupiter Transit in Scorpio for Virgo
वृश्चिक में गुरु के गोचर का कन्या राशि पर सम्भावित प्रभाव
11 अक्टूबर को देवगुरु बृहस्पति का प्रवेश अपने शत्रु ग्रह शुक्र की राशि तुला से मित्र ग्रह मंगल की वृश्चिक राशि में हो चुका है | संक्षेप में जानने का प्रयास करते हैं कि कन्या राशि के जातकों पर गुरु के इस गोचर के क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं…
कन्या राशि के लिए गुरु चतुर्थेश और सप्तमेश हो जाता है | और इस समय गुरु का गोचर कन्या राशि से तृतीय भाव में हुआ है | आर्थिक दृष्टि से कार्य के लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है, किन्तु 28 अक्टूबर से 27 दिसम्बर के मध्य आपको परिश्रम अधिक करना पड़ सकता है | लेकिन चिन्ता मत कीजिए, परिश्रम का अनुकूल परिणाम भी आपको प्राप्त होगा और आपका कार्य पुनः उन्नति की ओर अग्रसर हो सकता है | यदि आप किसी नौकरी में हैं तो आपका ट्रांसफर भी हो सकता है | या हो सकता है अपना निवास ही बदल लें | नया घर अथवा वाहन भी आप इस अवधि में खरीद सकते हैं | इसके अतिरिक्त यदि आपका कार्य से किसी भी प्रकार से Property से सम्बन्धित है तो भी आपके लिए लाभ के संकेत प्रतीत होते हैं | आपके नए क्लायिन्ट्स भी बन सकते हैं | साथ ही यदि आपका कार्य किसी भी प्रकार से विदेश से सम्बन्ध रखता है तो आपके कार्य, आय तथा विदेश यात्राओं में वृद्धि के भी संकेत प्रतीत होते हैं | यदि आप उचित दिशा में प्रयास करते हैं तो ये यात्राएँ आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकती हैं | पार्टनरशिप में कोई कार्य कर रहे हैं तो उसमें उन्नति के अवसर हैं | कोई नया कार्य भी पार्टनरशिप में आरम्भ कर सकते हैं जो आपके लिए लाभदायक भी सिद्ध हो सकता है | जीवन साथी की पार्टनरशिप में या उनके साथ विचार विमर्श करके कार्य करेंगे तो और भी लाभदायक हो सकता है | साथ ही यदि आपकी कम्यूनिकेशन स्किल्स भी इस अवधि में बहुत अच्छी हो सकती हैं | आप नया कम्प्यूटर आदि भी खरीद सकते हैं |
सामाजिक गतिविधियों में वृद्धि की सम्भावना है | इन Social Get-Togethers में आपके नए सम्बन्ध स्थापित हो सकते हैं और आपके मान सम्मान तथा प्रतिष्ठा में वृद्धि के भी संकेत हैं | इनके कारण आपको अपने कार्य में भी लाभ प्राप्त हो सकता है | छोटे भाई बहनों तथा आस पड़ोस के लोगों के साथ सम्बन्धों में मधुरता बनी रह सकती है और उनसे आपको अपने कार्य में सहयोग भी प्राप्त हो सकता है | परिवार में किसी प्रकार का कोई मंगल कार्य भी इस अवधि में सम्पन्न हो सकता है – जैसे किसी का विवाह आदि – और आप उनकी तैयारियों में भी व्यस्त हो सकते हैं | परिवार में अतिथियों के आवागमन में वृद्धि के साथ ही घर का वातावरण भी सौहार्दपूर्ण बने रहने की सम्भावना है |
यदि अविवाहित हैं तो जीवन साथी की तलाश इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | विवाहित हैं तो दाम्पत्य जीवन में माधुर्य तथा अन्तरंगता की सम्भावना की जा सकती है | आपको अपने कार्य में अपने जीवन साथी का सहयोग भी इस अवधि में निरन्तर प्राप्त होता रहने की सम्भावना है |
स्वास्थ्य की दृष्टि से समय अनुकूल प्रतीत होता है | किन्तु इसे अनुकूल बनाए रखने के लिए योग, ध्यान और प्राणायाम आदि को अपनी दिनचर्या का आवश्यक अंग बना लेंगे तो और भी उत्तम रह सकता है |
अन्त में, उपरोक्त परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है | साथ ही, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं | सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…