Jupiter Transit in Scorpio for Scorpio
वृश्चिक में गुरु के गोचर का वृश्चिक राशि पर सम्भावित प्रभाव
सभी जानते हैं कि 11 अक्टूबर को देवगुरु बृहस्पति अपने शत्रु ग्रह शुक्र की राशि तुला से निकल कर मित्र ग्रह मंगल की वृश्चिक राशि में प्रस्थान कर चुके हैं | वृश्चिक राशि में गोचर करते हुए गुरु वृश्चिक राशि को तो प्रभावित करेगा ही, साथ ही गुरु की दृष्टियाँ वृश्चिक राशि से पञ्चम भाव यानी स्वयं अपनी राशि मीन पर, वृश्चिक से सप्तम भाव यानी वृषभ राशि और वृश्चिक राशि से भाग्य स्थान यानी कर्क राशि पर रहेंगी | इस प्रकार गुरु अपने इस गोचर में वृश्चिक, मीन, वृषभ तथा कर्क राशियों को प्रभावित करेगा | निश्चित रूप से इन राशियों के लिए यह गोचर भाग्यवर्द्धक रहने की सम्भावना की जा सकती है |
उपरोक्त समस्त तथ्यों के आधार पर अब तक हम मेष राशि से तुला राशि के जातकों पर इस गोचर के सम्भावित प्रभावों की बात कर चुके हैं | अब जानने का प्रयास करते हैं कि स्वयं वृश्चिक राशि के जातकों पर इस गोचर के क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं…
आपके लिए द्वितीयेश और पंचमेश होकर गुरु का गोचर आपकी राशि पर ही हो रहा है, जहाँ से उसकी दृष्टियाँ आपके पंचम, सप्तम और नवम भावों पर आ रही हैं | आर्थिक तथा कार्य की दृष्टि से यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | आपके कार्य में उन्नति के संकेत हैं | आर्थिक स्थिति में भी दृढ़ता के संकेत हैं | यदि पूर्व में आपको कुछ समस्याओं का सामना करना भी पडा है तो कोई बात नहीं, अब परिस्थितियाँ आपके अनुकूल होती प्रतीत होती हैं | आपकी आय में वृद्धि के संकेत हैं | यदि आप किसी नौकरी में हैं तो आपको अपने उच्च अधिकारियों का सहयोग प्राप्त रहेगा जिनके कारण आपके सभी कार्य सरलतापूर्वक पूर्ण होते रहने की सम्भावना प्रतीत होती है | साथ ही पदोन्नति के अवसर भी उपलब्ध हो सकते हैं | परिवार में तथा कार्यक्षेत्र में वातावरण अनुकूल रहने की सम्भावना है | आपकी वक्तव्यता इस अवधि में बहुत उत्तम रहेगी जिसका लाभ भी आपको प्राप्त होगा | साथ ही लेखन के द्वारा भी आपको यश और धन प्राप्त होने की सम्भावना है | इसके अतिरिक्त प्रॉपर्टी से सम्बन्धित व्यवसाय जिन लोगों का है अथवा जो लोग ज्योतिष आदि विद्याओं के जानकार हैं अथवा जिनका व्यवसाय किसी प्रकार से वाहन आदि से सम्बन्ध रखता है तो उनके लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | आपकी रूचि इस समय धर्म और आध्यात्म की ओर भी प्रवृत्त हो सकती है |
परिवार में किसी नए सदस्य का आगमन हो सकता है | किसी बच्चे का जन्म भी इस अवधि में सम्भव है | आपकी सन्तान के लिए भी यह गोचर भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | साथ ही आपकी सन्तान का भी विवाह इस गोचर के मध्य सम्भव है | आप स्वयं भी यदि अविवाहित हैं तो आपका विवाह भी इस अवधि में हो सकता है | यदि किसी के साथ Romantically Involve हैं तो वह सम्बन्ध भी विवाह में परिणत हो सकता है | विवाहित हैं तो दाम्पत्य जीवन में माधुर्य बना रहने की सम्भावना है |
स्वास्थ्य का जहाँ तक प्रश्न है, तो लीवर अथवा पेट से सम्बन्धित कोई समस्या इस अवधि में हो सकती है | अनियन्त्रित खान पान के कारण मोटापा भी बढ़ने की सम्भावना है | अपने खान पर ध्यान रखेंगे और व्यायाम को अपनी दिनचर्या का आवश्यक अंग बना लेंगे तो बहुत सी समस्याओं से बचे रह सकते हैं |
अन्त में, उपरोक्त परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु किसी योग्य Astrologer से उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन कराना आवश्यक है | साथ ही, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं | सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…