Sun Transit in Libra
सूर्य का तुला में गोचर
आज आश्विन शुक्ल अष्टमी/नवमी – शारदीय नवरात्र का एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण दिन – जब सन्धि पूजा की जाती है | दिन में जिस समय भी महाष्टमी और महानवमी का मिलन होता है उस समय यह पूजा सम्पन्न की जाती है | आज 12:49 तक अष्टमी तिथि है और उसके बाद नवमी तिथि आ जाएगी | इस प्रकार यशी काल सन्धि काल है | इस समय से लगभग 24 मिनट पूर्व और 24 मिनट बाद यानी लगभग दो गाढ़ी का मुहूर्त होता है सन्धि पूजा के लिए समर्पित | मान्यता है कि इसी समय चामुण्डा ने चण्ड और मुण्ड का वध किया था | साथ ही आज सरस्वती पूजा का भी अन्तिम दिन है | सर्वप्रथम सभी को महाष्टमी और महा नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ…
आज तुला संक्रान्ति भी है | आज 18:44 के लगभग नवमी तिथि में सूर्यदेव चित्रा नक्षत्र में रहते हुए ही बालव करण और धृति योग में कन्या राशि से निकल कर तुला राशि में प्रस्थान करेंगे | जहाँ 16 नवम्बर को लगभग 18:32 तक भ्रमण करने के पश्चात वृश्चिक राशि में प्रविष्ट हो जाएँगे | सूर्यदेव जिस भी राशि में जाते हैं, कुछ समय के लिए शुक्र और बुध का साथ उन्हें प्राप्त होता ही है | तुला राशि में भी यही स्थिति रहेगी | ध्यान देने योग्य बात है कि तुला राशि सूर्य की नीच की राशि है | अपनी इस यात्रा के दौरान सूर्यदेव 24 अक्टूबर से स्वाति तथा 06 नवम्बर से विशाखा नक्षत्र में भ्रमण करेंगे | तो जानने का प्रयास करते हैं कि तुला राशि में सूर्य के संक्रमण के जनसाधारण पर क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं…
मेष : आपकी राशि से पंचमेश आपके सप्तम भाव में गोचर कर रहा है | अकारण ही आपके स्वभाव में चिडचिडापन आ सकता है जो सम्बन्धों के लिए उचित नहीं होगा, अतः सावधान रहने की आवश्यकता है | विशेष रूप से दाम्पत्य जीवन में तथा प्रेम सम्बन्धों में किसी प्रकार की तनाव की सम्भावना हो सकती है | सूर्य की उपासना तथा सूर्य के मन्त्र का जाप आपको बहुत सी समस्याओं से बचा सकता है | साथ ही आपकी सन्तान का स्वभाव भी कुछ उग्र हो सकता है, किन्तु उसका सहयोग आपको प्राप्त होता रहेगा |
वृषभ : आपकी राशि से चतुर्थेश छठे भाव में गोचर कर रहा है | यदि आपने अपने Temperament पर नियन्त्रण नहीं रखा तो प्रेम सम्बन्धों अथवा पारिवारिक सम्बन्धों में दरार की भी सम्भावना है | सम्पत्ति विषयक कोई विवाद आपके लिए समस्या उत्पन्न कर सकता है | यदि आप गर्भवती महिला हैं तो आपके लिए विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता है | साथ ही यात्राओं में भी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | सूर्य की उपासना आपके लिए उचित रहेगी |
मिथुन : आपकी राशि से तृतीयेश का गोचर आपके पञ्चम भाव में हो रहा है | आपके उत्साह में वृद्धि की सम्भावना है | जिसके कारण आप अपने कार्य समय पर पूर्ण करने में सक्षम हो सकते हैं | आपके भाई बहनों के लिए भी यह गोचर यों तो अनुकूल प्रतीत होता है, किन्तु उनके अपने स्वभाव के कारण उन्हें मानसिक और शारीरिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है जिसके कारण उनके कार्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है | साथ ही आपके साथ भी भाई बहनों का किसी प्रकार का मतभेद इस अवधि में हो सकता है |
कर्क : आपकी राशि से द्वितीयेश का गोचर आपके चतुर्थ भाव में हो रहा है | भाई बहनों के साथ सम्बन्धों में सुधार की सम्भावना की जा सकती है | आर्थिक दृष्टि से यह गोचर आपके लिए अनुकूल प्रतीत होता है | आपके पिता तथा सहकर्मियों का सहयोग भी आपको प्राप्त रहेगा | आपका यदि स्वयं का व्यवसाय है अथवा मीडिया या आई टी से आपका कोई सम्बन्ध है तो आपके लिए उन्नति का समय प्रतीत होता है | आप इस अवधि में नया घर अथवा वाहन खरीदने की योजना भी बना सकते हैं |
सिंह : आपके लिए आपके राश्यधिपति का अपनी राशि से तीसरे भाव में गोचर हो रहा है | आपको किसी घनिष्ठ मित्र के माध्यम से कुछ नवीन प्रोजेक्ट्स इस अवधि में प्राप्त हो सकते हैं | किसी पुराने मित्र से भी इस अवधि में भेंट हो सकती है और उसके माध्यम से भी आपके कार्य में उन्नति की सम्भावना की जा सकती है | किसी प्रकार के पुरूस्कार, सम्मान अथवा पदोन्नति की सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है | छोटे भाई बहनों के साथ समय अच्छा व्यतीत होने की सम्भावना है |
कन्या : आपके लिए आपके द्वादशेश का गोचर आपके दूसरे में हो रहा है | आपको अपने कार्य के सिलसिले में किसी विदेशी मित्र के माध्यम से सहायता प्राप्त हो सकती है | यदि आप किसी सरकारी नौकरी में हैं तो आपका ट्रांसफर किसी ऐसे स्थान पर हो सकता है जो आपके मन के अनुकूल न हो | आपका कार्य विदेश से सम्बन्धित है तो आपकी आय में वृद्धि की सम्भावना भी की जा सकती है | किन्तु खर्चों में भी वृद्धि हो सकती है | अतः बजट बनाकर चलना उचित रहेगा | साथ ही स्वास्थ्य की ओर से भी सावधान रहने की आवश्यकता है |
तुला : आपकी लग्न में ही आपके एकादशेश का गोचर आय में वृद्धि के संकेत दे रहा है | आपके लिए यह गोचर कार्य की दृष्टि से भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है, किन्तु साथ ही किसी घनिष्ठ मित्र अथवा बड़े भाई के विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है | जीवन साथी के साथ किसी प्रकार का विवाद भी सम्भव है | आवश्यक है कि आप अपने स्वभाव को नियन्त्रण में रखें | प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास आपके लिए सहायक हो सकते हैं |
वृश्चिक : आपकी राशि से दशमेश का गोचर आपके द्वादश में हो रहा है | कार्य से सम्बन्धित विदेश यात्राओं में वृद्धि की सम्भावना है | किन्तु इन यात्राओं के दौरान आपको किसी प्रकार की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है | दूसरी ओर यात्राओं के दौरान कुछ नवीन सम्पर्क भी स्थापित हो सकते हैं जिनके कारण आपको अपने कार्य में लाभ प्राप्त हो सकता है | ड्राइविंग करते समय सावधान रहने की आवश्यकता है | साथ ही स्वास्थ्य का ध्यान रखने की भी आवश्यकता है |
धनु : आपकी राशि के लिए आपका भाग्येश आपके एकादश भाव में गोचर कर रहा है | आपके लिए वास्तव में यह गोचर भाग्यवर्धक प्रतीत होता है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति के अवसर प्रतीत होते हैं | अपना स्वयं का कार्य है तो उसमें भी लाभ की सम्भावना है | आपके लिए पराक्रम और मान सम्मान में वृद्धि के संकेत प्रतीत होते हैं | किसी प्रकार का अवार्ड या सम्मान आदि भी आपको इस अवधि में प्राप्त हो सकता है | धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में रूचि बढ़ सकती है |
मकर : आपकी राशि से अष्टमेश का गोचर आपके दशम भाव में हो रहा है | आपके लिए मिश्रित फल देने वाला गोचर प्रतीत होता है | एक ओर अचानक ही किसी ऐसे स्थान से लाभ हो सकता है जहाँ के विषय में आपने सोचा भी नहीं होगा, तो वहीं दूसरी ओर कार्यक्षेत्र में किसी प्रकार के विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है | वक़ीलों और डॉक्टर्स के लिये यह गोचर भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | किसी कारणवश आपको निराशा का अनुभव भी हो सकता है | गुप्त शत्रुओं की ओर से भी सावधान रहने की आवश्यकता है |
कुम्भ : पार्टनरशिप में जिन लोगों का कार्य है उनके लिए यह गोचर भाग्यवर्धक प्रतीत होता है | साथ ही पॉलिटिक्स से जो लोग सम्बन्ध रखते हैं उन लोगों के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | उन्हें किसी पद की प्राप्ति भी हो सकती है | लेकिन किसी महिला सहकर्मी के विरोध का सामना भी करना पड़ सकता है | जीवन साथी के साथ कहीं तीर्थ यात्रा के लिए भी जा सकते हैं |
मीन : आपका षष्ठेश होकर सूर्य का गोचर आपके अष्टम भाव में हो रहा है | आपके लिए यह गोचर अनुकूल नहीं प्रतीत होता | किसी कोर्ट केस के कारण भी आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | नौकरी में हैं तो किसी विरोध के कारण उसमें भी समस्या उत्पन्न हो सकती है | तनाव के कारण स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है | सूर्य की उपासना आपके लिए आवश्यक प्रतीत होती है |
अन्त में, उपरोक्त परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु किसी योग्य Astrologer द्वारा उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है |
साथ ही, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं | सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…