Jupiter Transit in Scorpio for Aquarius

Jupiter Transit in Scorpio

Jupiter Transit in Scorpio for Aquarius

वृश्चिक में गुरु के गोचर का कुम्भ राशि पर सम्भावित प्रभाव

आज सभी ने अन्तिम नवरात्र – रामनवमी – के अवसर पर माँ दुर्गा के नौ दिवसीय आराधन का समापन किया – सर्वप्रथम सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ…

इस वर्ष 11 अक्टूबर को देवगुरु बृहस्पति अपने शत्रु ग्रह शुक्र की राशि तुला से निकल कर मित्र ग्रह मंगल की वृश्चिक राशि में प्रस्थान कर चुके हैं | हम विभिन राशियों के जातकों पर इस गोचर के सम्भावित प्रभावों के विषय में बात कररहे हैं | अब तक मेष राशि से मकर राशि तक के जातकों के विषय में बात कर चुके हैं | आज कुम्भ राशि के जातकों पर इस गोचर के सम्भावित प्रभावों को संक्षेप में जानने का प्रयास करते हैं |

कुम्भ
कुम्भ

आपकी राशि से द्वितीयेश और एकादशेश होकर गुरु का गोचर आपके दशम भाव में हो रहा है | जहाँ से इसकी दृष्टियाँ आपके द्वितीय भाव, चतुर्थ भाव और छठे भाव पर आ रही हैं | निश्चित रूप से आपके लिए कार्य की दृष्टि से और आर्थिक दृष्टि से यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | परुशराम करना होगा आपको, किन्तु उसके अनुकूल परिणाम भी आपको प्राप्त होंगे | आपकी निर्णायक और प्रतियोगी क्षमताओं में इस अवधि में वृद्धि होने की सम्भावना है जिसके कारण आप कार्य से सम्बन्धित कोई भी चेलेंज स्वीकार कर सकते हैं | नौकरी में हैं तो आय में वृद्धि के साथ पदोन्नति की सम्भावना है | अपना स्वयं का व्यवसाय है तो उसमें भी निरन्तर उन्नति की सम्भावना प्रतीत होती है | कोई इण्डस्ट्री है आपकी तो आप अपनी कोई नई ब्रांच भी खोल सकते हैं | साथ ही अपने व्यवसाय का विस्तार करके नौकरी की तलाश में हैं तो आपको अपने मन के अनुकूल ही कोई अच्छी नौकरी भी मिल सकती है | ऑफिस में अधिकारी वर्ग की प्रशंसा तथा सहकर्मियों का सहयोग आपको प्राप्त रहेगा तथा आपकी योजनाओं पर विचार भी किया जाएगा |

परिवार में आनन्द का वातावरण रहने की सम्भावना है | कोई माँगलिक कार्य भी इस अवधि में हो सकता है | परिवार के सदस्यों तथा मित्रों के साथ मौज मस्ती में समय व्यतीत होगा | आप अपने लिए नया ऑफिस अथवा घर भी खरीद सकते हैं | इसके अतिरिक्त प्रॉपर्टी में Invest करने के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | धार्मिक तथा आध्यात्मिक गितिविधियों की ओर आपकी रूचि में वृद्धि हो सकती है |

यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसके माध्यम से भी आपको लाभ हो सकता है | आपकी यदि किसी प्रेम सम्बन्ध में हैं तो उसमें प्रगाढ़ता इस अवधि में बढ़ सकती है | दाम्पत्य जीवन में भी माधुर्य बना रहने की सम्भावना है | आप इस अवधि में वंश वृद्धि के लिए भी प्रयास कर सकते हैं | यदि आप योग, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास निरन्तर करते रहे तो आपका स्वास्थ्य भी इस अवधि में उत्तम रह सकता है |

अन्त में, उपरोक्त परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु इसके लिए किसी योग्य ज्योतिषी – Astrologer – के द्वारा उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन कराना आवश्यक है | साथ ही, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं | सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें तथा माँ भगवती की कृपा दृष्टि सभी पर बनी रहे, यही कामना है…