Constellation – Nakshatras
अनुराधा नक्षत्र
नक्षत्रों की वार्ता को ही और आगे बढाते हैं | ज्योतिष में मुहूर्त गणना, प्रश्न तथा अन्य भी आवश्यक ज्योतिषीय गणनाओं के लिए प्रयुक्त किये जाने वाले पञ्चांग के आवश्यक अंग नक्षत्रों के नामों की व्युत्पत्ति और उनके अर्थ तथा पर्यायवाची शब्दों के विषय में हम बात कर रहे हैं | इस क्रम में अब तक अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिर, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, दोनों फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति और विशाखा नक्षत्रों के विषय में हम बात कर चुके हैं | आज चर्चा करते हैं अनुराधा नक्षत्र के नाम और उसके अर्थ के विषय में |
अनु अर्थात पीछे, राधा अर्थात पीछे आने वाला – जो पीछे आए वह अनुराधा | इसके अतिरिक्त विशाखा नक्षत्र का भी एक नाम राधा है और अनुराधा नक्षत्र विशाखा नक्षत्र के पीछे आता है – इस प्रकार राधा अर्थात विशाखा नक्षत्र का जो अनुसरण करे वह अनुराधा | राधा शब्द का प्रयोग सफलता, आनन्द, ऐश्वर्य तथा सौभाग्य आदि अर्थों में भी किया जाता है | इस प्रकार अनुराधा का प्रयोग भी इन्हीं अर्थो को और अधिक महत्त्वपूर्ण बना देता है – एक के पीछे एक प्राप्त होती रहने वाली सफलताएँ, अतुलित ऐश्वर्य, अपरिमित आनन्द तथा अखण्ड सौभाग्य इत्यादि अर्थों में अनुराधा शब्द का प्रयोग किया जाता है |
इस नक्षत्र में चार तारे होते हैं और यह नक्षत्र भी विशाखा की ही भाँति अनुराधा भी वैशाख माह में आता है जो अप्रेल और मई के मध्य पड़ता है | इस नक्षत्र का दूसरा नाम है मित्र | तपस्वियों द्वारा प्रयोग किया जाने वाला दण्ड इस नक्षत्र का प्रतीक चिह्न है | यह दण्ड देखने में साधारण दण्ड के समान ही दिखाई देता है, किन्तु नहीं भूलना चाहिए कि इस दण्ड में उन तपस्वियों की जीवन भर की साधना-तपस्या का बल छिपा होता है – समस्त सिद्धियाँ जो उन्होंने तपस्या के माध्यम से प्राप्त की हैं वे सब इस दण्ड में विद्यमान होती | किन्तु एक सन्यासी अथवा साधक कभी भी इस दण्ड का प्रयोग अपनी स्वयं की इच्छापूर्ति अथवा स्वार्थ सिद्धि के लिए नहीं करता, अपितु लोकहित के लिए करता है | इसी प्रकार जीवन के हर क्षेत्र में जो व्यक्ति सफल रहा है, जो अतुलित ऐश्वर्यशाली है अथ्वाजो अपरिमित आनन्द से युक्त है वह व्यक्ति भी कभी स्वार्थी नहीं हो सकता – अपितु उसके सान्निध्य से जन साधारण का भी हित ही सम्भव है | इस प्रकार हैं | यह दण्ड प्रतीक है विवेक का, बुद्धि का, संरक्षण का तथा शक्ति के सदुपयोग का |
अनुराधा शब्द कमल पुष्प के लिए भी प्रयुक्त होता रहा है | कमल ज्ञान विज्ञान की देवी माँ सरस्वती का आसन होता है | इस प्रकार अनुराधा का एक भाव ज्ञान विज्ञान,, प्रकाश तथा धवलता का भी सूचक बन जाता है |