Happy Karwachauth – Karak Chaturthi

Happy Karwachauth – Karak Chaturthi

Happy Karwachauth – Karak Chaturthi

करवाचौथ – करक चतुर्थी 2018

शनिवार को चन्द्रमा यदि रोहिणी नक्षत्र में हो तो सर्वार्थसिद्धि योग बनता है | इस बार 27 अक्टूबर शनिवार को महिलाएँ अपने सुख सौभाग्य की कामना से करवाचौथ या करक चतुर्थी का व्रत रखेंगी, और Astrologers के अनुसार सौभाग्य से इस दिन सर्वार्थसिद्ध योग भी बन रहा है | चन्द्रमा दूसरे दिन प्रातः 07:22 तक रोहिणी नक्षत्र पर ही रहेगा | इस शुभ योग में करवा चौथ की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ…

करवाचौथ
करवाचौथ

कल शनिवार 27 अक्टूबर को सायं छह बजकर सैंतीस मिनट तक तृतीया तिथि रहेगी और उसके बाद चतुर्थी तिथि आ जाएगी जो अगले दिन सायं 04:54 तक रहेगी | लेकिन करवाचौथ के व्रत का पारायण उस समय किया जाता है जब चन्द्रदर्शन के समय चतुर्थी तिथि रहे | इसीलिए तृतीया में व्रत रखकर तृतीया-चतुर्थी के सन्धिकाल – प्रदोष काल – में पूजा अर्चना का विधान है | कुछ स्थानों पर निशीथ काल – मध्य रात्रि – में भी करवा चौथ की पूजा अर्चना की जाती है | इस अवसर पर अन्य देवी देवताओं के साथ शिव परिवार की पूजा अर्चना की जाती है | 27 अक्टूबर को 18:37 तक तृतीया के साथ साथ विष्टि करण अर्थात भद्रा भी रहेगी इसलिए सन्धिकाल में पूजा नहीं की जा सकती | पूजा सायं 06:37 के बाद ही आरम्भ होगी | यद्यपि कुछ लोग जो भद्रा का विचार नहीं करते उनकी मान्यता है कि सन्धिकाल में भी पूजा की जा सकती है | दिल्ली में चन्द्रदर्शन का समय रात्रि 8 बजे के लगभग है | यों प्रायः सभी राज्यों में 07:55 से 08:20 के मध्य चन्द्रदर्शन का समय है |

करवाचौथ – जिसे करक चतुर्थी भी कहा जाता है – का पालन उत्तर भारत में प्रायः सभी विवाहित हिन्दू महिलाएँ चिर सौभाग्य की कामना से करती हैं और जिसमें पार्वती तथा गणेश की पूजा का विधान है | इस व्रत को पार्वती की तपस्या का प्रतीक भी माना जाता है | कुछ स्थानों पर उन लड़कियों से भी यह व्रत कराया जाता है जो विवाह योग्य होती हैं अथवा जिनका विवाह तय हो चुका है | यह व्रत पारिवारिक परम्पराओं तथा स्थानीय रीति रिवाज़ के अनुसार किया जाता है | व्रत की कहानियाँ भी अलग अलग हैं | लेकिन कहानी कोई भी हो, एक बात हर कहानी में समान है कि बहन को व्रत में भूखा प्यासा देख भाइयों ने नकली चाँद दिखाकर बहन को व्रत का पारायण करा दिया, जिसके फलस्वरूप उसके पति के साथ अशुभ घटना घट गई | कथा एक लोक कथा ही है | लेकिन इस लोक कथा में इस विशेष दुर्घटना का चित्र खींचकर एक बात पर विशेष रूप से बल दिया गया है कि जिस दिन व्यक्ति नियम संयम और धैर्य का पालन करना छोड़ देगा उसी दिन से उसके कार्यों में बाधा पड़नी आरम्भ हो जाएगी | नियमों का धैर्य के साथ पालन करते हुए यदि कार्यरत रहे तो समय अनुकूल बना रह सकता है |

हम सभी नियम संयम की डोर न टूटने दें इसी कामना के साथ सभी महिलाओं को करवाचौथ व्रत की हार्दिक शुभकामनाएँ – इस आशा के साथ कि ऋद्धि सिद्धि दायक भगवान गणेश सभी के परिवारों में सुख, समृद्धि, सौभाग्य तथा स्नेह प्रेम की वर्षा करते रहें…