Constellation – Nakshatras

Constellation – Nakshatras

ConstellationNakshatras

दोनों आषाढ़

ज्योतिष में मुहूर्त गणना, प्रश्न तथा अन्य भी आवश्यक ज्योतिषीय गणनाओं के लिए प्रयुक्त किये जाने वाले पञ्चांग के आवश्यक अंग नक्षत्रों के नामों की व्युत्पत्ति और उनके अर्थ तथा पर्यायवाची शब्दों के विषय में हम बात कर रहे हैं | इस क्रम में अब तक अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिर, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, दोनों फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा और मूल नक्षत्रों के विषय में हम बात कर चुके हैं | आज चर्चा करते हैं दोनों आषाढ़ – पूर्वाषाढ़ और उत्तराषाढ़ – नक्षत्रों के नाम और उनके अर्थ के विषय में |

ढाक के वृक्ष की लकड़ी से बने एक दण्ड को आषाढ़ कहा जाता है, सन्यासी लोग इसे अपने हाथ में रखते हैं | दोनों आषाढ़ में प्रत्येक में दो दो तारे होते हैं | आषाढ़

दोनों आषाढ़
दोनों आषाढ़

माह में ये दोनों नक्षत्र आते हैं, जो जून और जुलाई के मध्य पड़ता है | “शेते विष्णुः सदाषाढे कार्तिके प्रतिबोध्यते |” मान्यता है कि आषाढ़ माह में भगवान् विष्णु शयन करने के लिए क्षीर सागर में प्रस्थान कर जाते हैं और फिर कार्तिक माह में देवोत्थान एकादशी को नींद से जागते हैं | इसीलिए आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी देवशयिनी एकादशी कहलाती है | इस अवधि में विवाह आदि संकार प्रायः नहीं किये जाते | मलयाचल – जिस पर चन्दन के वृक्ष होते हैं तथा मंगल को इस नाम से पुकारते हैं | जल, नीर, वैश्वेदेव, भी इसके अन्य नाम हैं | आषाढ़ शब्द का शाब्दिक अर्थ है पहले आने वाला अपराजित अथवा पहले आने वाला अजेय तथा इसी के अनुसार बहुत से Astrologers इस नक्षत्र को अजेय तथा अपराजित रहने के साथ सम्बद्ध करते हैं | उनकी मान्यता है कि इन नक्षत्रों के प्रबल प्रभाव वाले जातक अपने जीवन में कभी हार नहीं मानते और सफलता प्राप्त हो जाने तक संघर्ष करते रहते हैं |

वैदिक ज्योतिष के अनुसार हाथ के पंखे को आषाढ़ नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना जाता है जो अपने विभिन्न उपयोगों के माध्यम से विभिन्न प्रकार की विशेषताएँ प्रदर्शित करता है | हाथ के पंखे का उपयोग प्राचीन काल में गर्मी से शान्ति प्राप्त करने यानी ठण्डी हवा प्राप्त करने के लिए किया जाता था | आज भी बहुत से गाँवों में गर्मी में हाथ के पंखे का उपयोग किया जाता है | इसी के आधार पर ऐसी मान्यता बनी कि इन नक्षत्रों के जातक भी कठिन से कठिन समय में भी शान्त रहते हैं तथा बिना किसी उत्तेजना अथवा आवेग का प्रदर्शन किये समय तथा परिस्थितियों के अपने पक्ष में होने की प्रतीक्षा करने में सक्षम होते हैं | जिस प्रकार हाथ के पंखे को चलाने के लिए लगातार परिश्रम की आवश्यकता होती है उसी प्रकार ये जातक भी किसी कार्य को करने के लिए कठिन से कठिन परिश्रम करने की सामर्थ्य रखते हैं | पंखे का उपयोग मुँह छिपाने का लिए भी किया जाता है, इस प्रकार ऐसी भी मान्यता है कि जातक किसी भी रहस्य की सफलतापूर्वक छिपा सकते हैं | प्राचीन काल में एक प्रकार के हाथ के पंखे का प्रयोग अग्नि को प्रज्वलित रखने के लिए तथा उसे तेज करने के लिए भी किया जाता था | इसी प्रकार इस नक्षत्र के जातकों में भी इतनी अधिक ऊर्जा होती है कि वे बिना थके और धैर्य गँवाए बहुत समय तक कार्य कर सकते हैं | इनकी यही सामर्थ्य इन्हें लक्ष्य प्राप्ति में सहायता करती है | साथ ही अग्नि को हवा देना आक्रामकता का प्रतीक भी माना जाता है |

कुछ प्राचीन सभ्यताओं में सौन्दर्य तथा साज सज्जा के प्रदर्शन के लिए भी पंखे का उपयोग किया जाता था | इस प्रकार इन नक्षत्रों को सौन्दर्य के प्रदर्शन तथा भौतिक जीवन जीने की कला के लिए भी देखा जाता है |