Sun transit in Sagittarius
सूर्य का धनु में गोचर
रविवार, 16 दिसम्बर, मार्गशीर्ष शुक्ल नवमी को प्रातः नौ बजकर दस मिनट के लगभग भगवान भास्कर बालव करण और व्यातिपत योग में अपने मित्र ग्रह मंगल की वृश्चिक राशि से निकल कर दूसरे मित्र गृह गुरु की धनु राशि और मूल नक्षत्र में प्रविष्ट हो जाएँगे जहाँ शनिदेव पहले से ही विराजमान हैं | यहाँ लगभग एक माह तक भ्रमण करने के पश्चात 14 जनवरी को रात्रि 07:51 के लगभग मकर राशि में केतु के साथ पहुँच जाएँगे | अपनी इस यात्रा के दौरान सूर्यदेव 29 दिसम्बर से पूर्वाषाढ़ तथा 11 जनवरी से उत्तराषाढ़ नक्षत्र पर भ्रमण करेंगे | धनु राशि से सूर्य भाग्येश भी है तथा अपनी स्वयं की राशि सिंह से पंचम भाव और अपनी उच्च की राशि मेष से भाग्य स्थान में सूर्य का गोचर रहेगा | इन्हीं सब तथ्यों के आधार पर संक्षेप में जानने का प्रयास करते हैं कि वृश्चिक राशि में सूर्य के संक्रमण के जनसाधारण पर क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं…
मेष : आपकी राशि से पंचमेश आपके भाग्य स्थान में गोचर कर रहा है | निश्चित रूप से आपके लिए यह गोचर भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आपको अपने पिता का सहयोग और समर्थन इस अवधि में निरन्तर उपलब्ध रहेगा | आप अपने व्यवसाय से सम्बन्धित कोई Advance Course भी इस अवधि में कर सकते हैं | कुछ नवीन प्रोजेक्ट्स इस अवधि में आपको प्राप्त हो सकते हैं जिनके कारण आपकी व्यस्तताएँ भी बढ़ सकती हैं | आपकी सन्तान तथा आपके पिता के लिओये भी यह गोचर अनुकूल फल देने वाला प्रतीत होता है | इसके साथ ही धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों की ओर आपका रुझान बढ़ सकता है | समाज में मान प्रतिष्ठा तथा किसी प्रकार पुरूस्कार आदि प्राप्त होने की भी सम्भावना है |
वृषभ : आपकी राशि से चतुर्थेश आपके अष्टम भाव में गोचर कर रहा है | परिवार में अचानक ही किसी प्रकार का तनाव उत्पन्न हो सकता है | किन्तु अपने पिता के सहयोग से आप उस तनाव को दूर करने में भी समर्थ हो सकते हैं | अपने पिता का सहयोग आपकी प्राप्त रहेगा किन्तु गुप्त शत्रुओं की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | परिवार में बच्चे के जन्म की ही समभावना इस अवधि में है जिसके कारण परिवार में आनन्द का वातावरण बन सकता है | सामाजिक गतिविधियों में वृद्धि की भी सम्भावना है | साथ ही ड्राइविंग के समय आपको सावधान रहने की आवश्यकता है |
मिथुन : आपकी राशि से तृतीयेश का गोचर आपके सप्तम भाव में हो रहा है | छोटे भाई बहनों के कारण जीवन साथी के साथ किसी प्रकार का तनाव सम्भव है | कार्यस्थल में सहकर्मियों का सहयोग आपको प्राप्त रहेगा | किसी घनिष्ठ मित्र के साथ भी कोई समस्या हो सकती है जिसके निराकरण में आप व्यस्त रह सकते हैं | यदि आप गर्भवती महिला हैं तो आपके लिए विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता है | साथ ही यात्राओं में भी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | सूर्य की उपासना आपके लिए उचित रहेगी |
कर्क : आपकी राशि से द्वितीयेश का गोचर आपके छठे भाव में हो रहा है | एक ओर जहाँ आपके उत्साह में वृद्धि की सम्भावना है, जिसके कारण आप अपने कार्य समय पर पूर्ण करने में सक्षम हो सकते हैं | आय में वृद्धि के भी संकेत हैं | नौकरी में हैं तो पदोन्नति भी सम्भव है | पॉलिटिक्स में हैं तो आपको किसी पद की प्राप्ति हो सकती है | वहीं दूसरी ओर आपके अपने Temperament के कारण आपके शत्रुओं में भी वृद्धि हो सकती है, अतः इस ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | पिता का सहयोग आपको प्राप्त रहेगा किन्तु पिता के साथ अकारण बहस आपके हित में नहीं रहेगी |
सिंह : आपके लिए आपके राश्यधिपति का अपनी राशि से पञ्चम भाव में गोचर हो रहा है | कार्य की दृष्टि से, आर्थिक दृष्टि से तथा पारिवारिक स्तर पर यह गोचर आपके लिए अनुकूल प्रतीत होता है | आपकी सन्तान का सहयोग आपको उपलब्ध रहेगा तथा आप अपनी सन्तान के किसी कार्य में व्यस्त रह सकते हैं अथवा आपके पिता को आपके किसी कार्य में व्यस्त रहना पड़ सकता है | आपका यदि स्वयं का व्यवसाय है अथवा मीडिया या आई टी से आपका कोई सम्बन्ध है अथवा किसी प्रकार की Alternative Healing से सम्बन्धित कोई कार्य करते हैं तो आपके लिए उन्नति का समय प्रतीत होता है |
कन्या : आपके लिए आपके द्वादशेश का गोचर आपकी राशि से चतुर्थ भाव में गोचर हो रहा है | आपके लिए कार्य से सम्बन्धित विदेश यात्राओं के योग प्रतीत होते हैं | ये यात्राएँ आपके लिए अनुकूल फल देने वाली सिद्ध हो सकती हैं | तथा इनके कारण आपके कार्य में उन्नति की सम्भावना की जा सकती है | परिवार का कोई अन्य सदस्य भी कहीं भ्रमण के लिए जा सकता है अथवा आप भी सपरिवार कहीं भ्रमण के लिए जा सकते हैं | कार्यस्थल पर सहकर्मियों का सहयोग आपको प्राप्त रहेगा | आप इस अवधि में अपना निवास अथवा कार्यालय भी बदल सकते हैं |
तुला : आपके एकादशेश का गोचर आपके तीसरे भाव में हो रहा है | आर्थिक दृष्टि से तथा कार्य की दृष्टि से आपके लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | आपको अपने कार्य के सिलसिले में किसी मित्र के माध्यम से सहायता प्राप्त हो सकती है | आय में वृद्धि के संकेत हैं | भाई बहनों का सहयोग आपको अपने कार्य में प्राप्त हो सकता है | नौकरी में हैं तो अधिकारियों का सहयोग भी आपको प्राप्त रह सकता है | साथ ही किसी सम्मान प्राप्ति की सम्भावना भी है | धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि की सम्भावना है | किसी तीर्थ स्थान की यात्रा के लिए भी जा सकते हैं |
वृश्चिक : आपकी राशि से दशमेश का गोचर आपके द्द्वितीय भाव में हो रहा है | कार्य की दृष्टि से यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | कुछ नवीन प्रोजेक्ट्स भी आपको इस अवधि में प्राप्त हो सकते हैं जिनके कारण आप दीर्घ समय तक व्यस्त रह सकते हैं तथा अर्थलाभ कर सकते हैं | बड़े भाई तथा अधिकारीगणों का सहयोग आपकोई उपलब्ध रहेगा जिसके कारण आपके कार्य समय पर पूर्ण होते रह सकते हैं | आपकी वाणी इस समय प्रभावशाली बनी हुई है, उसका प्रभाव दूसरों पर अवश्य पड़ेगा | आपके पिता अथवा बड़े भाई के लिए भी यह गोचर भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है |
धनु : आपकी राशि के लिए आपका भाग्येश आपकी लग्न में ही गोचर कर रहा है | आपके लिए यह गोचर अत्यन्त भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आपके कार्य में उन्नति तथा उसके कारण अर्थलाभ की समभावना प्रतीत होती है | सामाजिक गतिविधियों में वृद्धि के साथ ही कुछ नवीन सम्पर्क भी स्थापित हो सकते हैं जिनके कारण आपको अपने कार्य में लाभ प्राप्त हो सकता है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति की सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है है | धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए जा सकते हैं | परिवार में आनन्द का वातावरण बना रह सकता है | प्रेम सम्बन्धों में प्रगाढ़ता के संकेत प्रतीत होते हैं | जीवन साथी की तलाश भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है |
मकर : आपकी राशि से अष्टमेश का गोचर आपके द्वादश भाव में हो रहा है | एक ओर यात्राओं में वृद्धि की सम्भावना है तो वहीं दूसरी ओर इन यात्राओं के दौरान आपको दुर्घटनाओं आदि के प्रति भी सावधान रहने की आवश्यकता है | गुप्त शत्रुओं की ओर से भी सावधान रहने की आवश्यकता है | किन्तु यदि समझदारी से काम लिया तो कुछ नया कार्य आरम्भ करके उसे आगे भी बढ़ा सकते हैं | स्वास्थ्य की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | गर्भवती महिला हैं और डिलीवरी निकट है तो आपको विशेष रूप से अपनी चिकित्सक के सम्पर्क में रहने की आवश्यकता है |
कुम्भ : आपके सप्तमेश का गोचर आपके लाभ स्थान में हो रहा है | पार्टनरशिप में जिन लोगों का कार्य है उनके लिए यह गोचर भाग्यवर्धक प्रतीत होता है | साथ ही आपको अपने बड़े भाई अथवा अधिकारियों का सहयोग भी इस अवधि में उपलब्ध रह सकता है | साथ ही पॉलिटिक्स से जो लोग सम्बन्ध रखते हैं उन लोगों के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | उन्हें किसी पद की प्राप्ति भी हो सकती है | अविवाहित हैं तो जीवन साथी की तलाश इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | आपके बड़े भाई का भी विवाह इस अवधि में सम्पन्न हो सकता है |
मीन : आपका षष्ठेश होकर सूर्य का गोचर आपके दशम भाव में हो रहा है | आपके लिए यह गोचर मिश्रित फल देने वाला प्रतीत होता है | एक ओर आपके उत्साह में वृद्धि की सम्भावना है तो वहीं कार्य स्थल पर किसी प्रकार का तनाव भी उत्पन्न हो सकता है | किन्तु आप स्वयं ही अपनी बुद्धि से उस तनाव को दूर भी कर सकते हैं | प्रतियोगी परिक्षा की तैयारी जो लोग कर रहे हैं उनके लिए यह गोचर अधिक भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसमें भी अनुकूल दिशा में प्रगति की सम्भावना है | किन्तु साथ ही अपनी माता जी के स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता है |
अन्त में, उपरोक्त परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु किसी योग्य Astrologer के द्वारा उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है |
साथ ही, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं | सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…