Pradosh Vrat 2019

Pradosh Vrat 2019

Pradosh Vrat 2019

प्रदोष व्रत 2019

कर्पूगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् |

सदा वसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानी सहितन्नमामि ||

कल यानी गुरूवार तीन जनवरी को वर्ष 2019 का प्रथम प्रदोष व्रत होगा | सबसे पहले तो आइये जानते हैं कि प्रदोष व्रत होता क्या है |

प्रत्येक माह के शुक्ल और कृष्ण दोनों पक्षों की त्रयोदशी को प्रदोष के व्रत का पालन किया जाता है | अर्थात हर हिन्दू माह में दो प्रदोष पड़ते हैं | इस व्रत के दौरान सारा दिन निर्जल व्रत रखकर सन्ध्या समय शिव-पार्वती की पूजा अर्चना करके व्रत का पारायण किया जाता है | Astrologers के अनुसार कार्य में सफलता के लिए, मनोकामना सिद्धि के लिए, परिवार की सुख समृद्धि के लिए तथा इन सबसे भी बढ़कर सन्तान के सुख की कामना से इस व्रत का पालन किया जाता है | जिन लोगों की सन्तान को किसी प्रकार कोई कष्ट होता है अथवा सन्तान के कार्य में कोई विघ्न आ रहा होता है उन लोगों को प्रदोष के व्रत की सलाह दी जाती है | इसके अतिरिक्त बिना किसी समस्या के भी प्रदोष का व्रत रखा जा सकता है – इस कामना के साथ कि हमारी सन्तान सुखी रहे तथा परिवार में सुख समृद्धि बनी रहे | प्रायः उन महिलाओं को भी प्रदोष के व्रत की सलाह दी जाती है जिनके कोई सन्तान नहीं हो रही है अथवा सन्तान पैदा होने में या गर्भ धारण करने में कोई समस्या आ रही है |

यों प्रदोष किसी भी तिथि में हो सकता है क्योंकि किसी भी तिथि में सायंकाल के समय दूसरी तिथि का समावेश हो सकता है | किन्तु मान्यता है कि विशेष रूप से त्रयोदशी युक्त प्रदोषकाल भगवान शिव और पार्वती को बहुत प्रिय है और इस अवधि में वे इतने अधिक प्रसन्नचित्त होते हैं कि केवल एक दीप जलाकर प्रार्थना की जाए तब भी वे प्रसन्न हो जाते हैं और इसीलिए भक्तों की सारी मनोकामनाएँ पूर्ण कर देते हैं | साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि समुद्र मन्थन के दौरान जो हलाहल समुद्र में से निकला था भगवान शंकर ने इसी प्रदोषकाल में उसका पान किया था |

सोमवार, मंगलवार अथवा शनिवार को आने वाले प्रदोष अत्यधिक शुभ माने जाते हैं और उन्हें क्रमशः सोम प्रदोष, भौम प्रदोष तथा शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है |

प्रदोष व्रत के विधानादि विषय पहले भी हम लिख चुके हैं | हम ईश्वर के प्रति – अपनी आत्मा के प्रति – पूर्ण हृदय से आस्थावान रहते हुए पूर्ण निष्ठा के साथ अपने कर्तव्य कर्म करते रहें तो सुख सौभाग्य स्वयमेव निकट बने रहेंगे… इसी भावना के साथ आज प्रस्तुत हैं वर्ष 2019 में आने वाले प्रदोष व्रत की तारीखों की एक तालिका…

गुरुवार, 03 जनवरी       प्रदोष व्रत          पौष कृष्ण त्रयोदशी

शनिवार, 19 जनवरी       प्रदोष व्रत          पौष शुक्ल त्रयोदशी

शनिवार, 02 फरवरी       शनि प्रदोष व्रत      माघ कृष्ण त्रयोदशी

रविवार, 17 फरवरी         प्रदोष व्रत          माघ शुक्ल द्वादशी/त्रयोदशी

रविवार, 03 मार्च          प्रदोष व्रत          फाल्गुन कृष्ण द्वादशी

सोमवार, 18 मार्च          सोम प्रदोष व्रत      फाल्गुन शुक्ल द्वादशी

मंगलवार, 02 अप्रैल       भौम प्रदोष व्रत      चैत्र कृष्ण द्वादशी

बुधवार, 17 अप्रैल          प्रदोष व्रत          चैत्र शुक्ल त्रयोदशी

गुरुवार, 02 मई           प्रदोष व्रत          वैशाख कृष्ण त्रयोदशी

गुरुवार, 16 मई           प्रदोष व्रत          वैशाख शुक्ल द्वादशी/त्रयोदशी

शुक्रवार, 31 मई           प्रदोष व्रत          ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी

शुक्रवार, 14 जून           प्रदोष व्रत          ज्येष्ठ शुक्ल द्वादशी

रविवार, 30 जून           प्रदोष व्रत          आषाढ़ कृष्ण द्वादशी/त्रयोदशी

रविवार, 14 जुलाई         प्रदोष व्रत          आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी

सोमवार, 29 जुलाई       सोम प्रदोष व्रत      श्रावण कृष्ण द्वादशी

सोमवार, 12 अगस्त       सोम प्रदोष व्रत      श्रावण शुक्ल द्वादशी

बुधवार, 28 अगस्त       प्रदोष व्रत          भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी

बुधवार, 11 सितम्बर       प्रदोष व्रत          भाद्रपद शुक्ल त्रयोदशी

गुरुवार, 26 सितम्बर       प्रदोष व्रत          आश्विन कृष्ण त्रयोदशी

शुक्रवार, 11 अक्टूबर       प्रदोष व्रत          आश्विन शुक्ल त्रयोदशी

शुक्रवार, 25 अक्टूबर       प्रदोष व्रत          कार्तिक कृष्ण द्वादशी/त्रयोदशी

शनिवार, 09 नवम्बर       शनि प्रदोष व्रत      कार्तिक शुक्ल द्वादशी

रविवार, 24 नवम्बर        प्रदोष व्रत          मार्गशीर्ष कृष्ण त्रयोदशी

सोमवार, 09 दिसम्बर       सोम प्रदोष व्रत      मार्गशीर्ष शुक्ल द्वादशी

सोमवार, 23 दिसम्बर       सोम प्रदोष व्रत      पौष कृष्ण द्वादशी