Purnima Vrat 2019

Purnima Vrat 2019

Purnima Vrat 2019

पूर्णिमा व्रत 2019

कल सोमवार यानी 21 जनवरी को पौषी पूर्णिमा – पौष माह की पूर्णिमा है | जिन प्रदेशों में माह को अमान्त मानकर शुक्ल प्रतिपदा से माह का आरम्भ मानते हैं वहाँ पूर्णिमा माह का पन्द्रहवाँ दिन होता है | जिन प्रदेशों में माह को पूर्णिमान्त मानकर कृष्ण प्रतिपदा से माह का आरम्भ माना जाता है वहाँ पूर्णिमा माह का अन्तिम दिन होता है | यों शुक्ल पक्ष की अन्तिम यानी पन्द्रहवीं तिथि पूर्णिमा होती है | प्रायः सभी हिन्दू परिवारों में पूर्णिमा के व्रत को बहुत महत्त्व दिया जाता है | इसका कारण सम्भवतः यही है कि इस दिन चन्द्रमा अपनी समस्त कलाओं के साथ प्रकाशित होकर जगत का समस्त अन्धकार दूर करने का प्रयास करता है | साथ ही चन्द्रमा का सम्बन्ध भगवान शिव के साथ माना जाने के कारण भी सम्भवतः पूर्णिमा के व्रत को इतना अधिक महत्त्व पुराणों में दिया गया होगा | साथ ही बारह मासों की बारह पूर्णिमा के दिन कोई न कोई विशेष पर्व अवश्य रहता है | जैसे जैन मतावलम्बी पौष पूर्णिमा को पुष्याभिषेक यात्रा आरम्भ करते हैं | वैशाख पूर्णिमा भगवान् बुद्ध के लिए समर्पित है और इस प्रकार बौद्ध मतावलम्बियों के लिए भी इसका महत्त्व बहुत अधिक बढ़ जाता है | कार्तिक पूर्णिमा सिख सम्प्रदाय के दिन समस्त सिख समुदाय गुरु नानक देव का जन्म दिवस प्रकाश पर्व के रूप में बड़ी धूम धाम से मनाता है | खगोलीय घटना चन्द्रग्रहण भी पूर्णिमा को ही घटित होती है जब चन्द्र राहू और केतु एक समान अंशों पर आ जाते हैं | माना जाता है समुद्र में ज्वार भी पूर्ण चन्द्रमा की रात्रि को ही उत्पन्न होता है |

पूर्णिमा के व्रत की तिथि के विषय में कुछ आवश्यक बातों पर Astrologers बल

पूर्णिमा व्रत
पूर्णिमा व्रत

देते हैं | सर्प्रथम तो यह कि पूर्णिमा का व्रत पूर्णिमा के दिन भी किया जा सकता है और चतुर्दशी के दिन भी | किन्तु किस दिन किया जाना है यह निर्भर करता है इस बात पर कि पहले दिन पूर्णिमा किस समय आरम्भ हो रही है और दूसरे दिन किस समय तक रहेगी | यदि चतुर्दशी की मध्याह्न में पूर्णिमा आरम्भ होती है तो उस दिन पूर्णिमा का व्रत किया जाता है | किन्तु यदि मध्याह्न के बाद किसी समय अथवा सायंकाल में पूर्णिमा आरम्भ होती है तो इस दिन पूर्णिमा का व्रत नहीं किया जाता, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस स्थिति में पूर्णिमा में चतुर्दशी का दोष आ गया है | इस स्थिति में दूसरे दिन ही पूर्णिमा का व्रत किया जाता है |

आज यहाँ हम प्रस्तुत कर रहे हैं वर्ष 2019 में आने वाली पूर्णिमा व्रत की सूची…

  • सोमवार, 21 जनवरी पौष पूर्णिमा – 20 जनवरी 26:19 (अर्द्धरात्र्योत्तर 02:19) से आरम्भ होकर 21 जनवरी 10:46 तक | पूर्णिमा व्रत 20 जनवरी | पौष की पूर्णिमा के दिन शाकंभरी जयंती मनाई जाती है | जैन धर्म के मानने वाले पुष्यभिषेक यात्रा प्रारंभ करते हैं | बनारस में दशाश्वमेध तथा प्रयाग में त्रिवेणी संगम पर स्नान को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है |
  • मंगलवार, 19 फरवरी माघ पूर्णिमा – 18 फरवरी 25:12 (अर्द्धरात्र्योत्तर 01:12) से आरम्भ होकर 19 फरवरी 21:23 तक | पूर्णिमा व्रत 19 फरवरी | माघ की पूर्णिमा के दिन संत रविदास जयंती, श्री ललित और श्री भैरव जयंती मनाई जाती है | माघी पूर्णिमा के दिन संगम पर माघ-मेले में जाने और स्नान करने का विशेष महत्व है |
  • मंगलवार, 21 मार्च फाल्गुन पूर्णिमा –20 मार्च 10:45 से आरम्भ होकर 21 मार्च 07:13 तक | पूर्णिमा व्रत 20 मार्च | होलिका दहन 20 मार्च | रंगपर्व 21 मार्च |
  • शुक्रवार, 19 अप्रेल चैत्र पूर्णिमा – 18 अप्रेल को 19:26 से आरम्भ होकर 19 अप्रेल को 16:42 तक | उपवास 18 अप्रेल | हनुमान जयन्ती |
  • शनिवार, 18 मई वैशाख पूर्णिमा – 18 मई 04:11 से आरम्भ होकर 19 मई 02:41 तक | पूर्णिमा व्रत 18 मई | बुद्ध पूर्णिमा |
  • सोमवार, 17 जून ज्येष्ठ पूर्णिमा – 16 जून 14:02 से आरम्भ होकर 17 जून 14:01 तक | पूर्णिमा व्रत 16 जून | वट पूर्णिमा व्रत 16 जून |
  • मंगलवार, 16 जुलाई आषाढ़ पूर्णिमा – 16 जुलाई 01:48 से आरम्भ होकर 17 जुलाई 03:08 तक | पूर्णिमा व्रत 16 जुलाई | व्यास पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, कबीर जयन्ती | चन्द्र ग्रहण – धनु व मकर राशि और उत्तराषाढ़ नक्षत्र पर |
  • गुरूवार, 15 अगस्त श्रावण पूर्णिमा – 14 अगस्त 15:45 से आरम्भ होकर 15 अगस्त 17:59 तक | पूर्णिमा व्रत 14 अगस्त | रक्षा बन्धन 15 अगस्त | नारियली पूर्णिमा |
  • शनिवार, 14 सितम्बर भाद्रपद पूर्णिमा – 13 सितम्बर 07:35 से आरम्भ होकर 14 सितम्बर 10:02 तक | उपवास 13 सितम्बर | उमा माहेश्वर व्रत |
  • रविवार, 13 अक्टूबर आश्विन पूर्णिमा – 13 अक्टूबर 12:05 से आरम्भ होकर 14 अक्टूबर 01:58 तक | पूर्णिमा व्रत 13 अक्टूबर | कोजागरी लक्ष्मी पूजा बंगाल | कोजागिरी व्रत महाराष्ट्र | शरद पूर्णिमा |
  • मंगलवार, 12 नवम्बर कार्तिक पूर्णिमा – 11 नवम्बर को 17:54 से आरम्भ होकर 12 नवम्बर को 19:02 तक | पूर्णिमा व्रत 12 नवम्बर | देव दिवाली – दीपोत्सव | पुष्कर मेला | प्रकाश पर्व – गुरु नानक जयन्ती | कार्तिक स्नान पूर्णिमा | त्रिपुरारी पूर्णिमा | तुलसी विवाह सम्पन्न |
  • मंगलवार, 12 दिसम्बर मार्गशीर्ष पूर्णिमा – 11 दिसम्बर को 10:50 से आरम्भ होकर 12 दिसम्बर को 10:58 तक | पूर्णिमा व्रत 12 दिसम्बर | दत्तात्रेय जयन्ती | अन्नपूर्णा जयन्ती |