Dates of Navraatri 2019
नवरात्र 2019 की तिथियाँ
कल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से घट स्थापना तथा माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप “शैलपुत्री” की उपासना के साथ ही चैत्र नवरात्र या वासन्तिक नवरात्र या साम्वत्सरिक नवरात्र के रूप में माँ भवानी के नवरूपों की पूजा अर्चना आरम्भ हो जाएगी | यों प्रतिपदा का आरम्भ आज दिन में दो बजकर इक्कीस मिनट के लगभग हो जाएगा | किन्तु सूर्योदय में प्रतिपदा तिथि नहीं होने के कारण घट स्थापना कल यानी शनिवार को की जाएगी | शनिवार को सूर्योदय प्रातः छह बजकर छह मिनट पर है | इस समय सूर्य और चन्द्रमा दोनों मीन राशि और रेवती नक्षत्र पर होने के कारण बहुत शुभ योग बना रहे हैं | साथ ही इस समय बव करण और वैद्धृति योग होगा | सवा छह बजे के लगभग घट स्थापना का मुहूर्त विद्वान् पण्डित लोगों ने बताया है जो लगभग सवा दस बजे तक रहेगा | किन्तु जो लोग कुछ देर से घट स्थापना करना चाहते हैं वे अभिजित मुहूर्त में भी कर सकते हैं – जो दिन में लगभग बारह बजे से पचास मिनट के लिए यानी 12:50 तक रहेगा | साथ ही व्यक्तिगत रूप से घट स्थापना का मुहूर्त जानने के लिए अपने Astrologer से अपनी कुण्डली के अनुसार मुहूर्त ज्ञात करना होगा | अस्तु, सर्वप्रथम सभी को नव सम्वत्सर, गुडी पर्व और उगडी या युगादि की हार्दिक शुभकामनाएँ…
रविवार 14 अप्रेल को कन्या पूजन के साथ ही विसर्जन हो जाएगा | किन्तु रविवार को प्रातः नौ बजकर पैंतीस मिनट तक ही नवमी तिथि रहेगी इसलिए जो लोग दिन में विसर्जन करना चाहते हैं वे 13 अप्रेल को भी कर सकते हैं |
नवरात्रि के महत्त्व के विषय में विशिष्ट विवरण मार्कंडेय पुराण, वामन पुराण, वाराह
पुराण, शिव पुराण, स्कन्द पुराण और देवी भागवत आदि पुराणों में उपलब्ध होता है | इन पुराणों में देवी दुर्गा के द्वारा महिषासुर के मर्दन का उल्लेख उपलब्ध होता है | महिषासुर मर्दन की इस कथा को “दुर्गा सप्तशती” के रूप में देवी माहात्मय के नाम से जाना जाता है | नवरात्रि के दिनों में इसी माहात्मय का पाठ किया जाता है और यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है | जिसमें 537 चरणों में सप्तशत यानी 700 मन्त्रों के द्वारा देवी के माहात्मय का जाप किया जाता है | इसमें देवी के तीन मुख्य रूपों – काली अर्थात बल, लक्ष्मी और सरस्वती की पूजा के द्वारा देवी के तीन चरित्रों – मधुकैटभ वध, महिषासुर वध तथा शुम्भ निशुम्भ वध का वर्णन किया जाता है | इस वर्ष नवरात्रों की तिथियाँ इस प्रकार हैं…
शनिवार 6 अप्रेल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा देवी के शैलपुत्री रूप की उपासना
कलश स्थापना
रविवार 7 अप्रेल चैत्र शुक्ल द्वितीया देवी के ब्रह्मचारिणी रूप की उपासना
सोमवार 8 अप्रेल चैत्र शुक्ल तृतीया देवी के चन्द्रघंटा रूप की उपासना
मंगलवार 9 अप्रेल चैत्र शुक्ल चतुर्थी देवी के कूष्माण्डा रूप की उपासना
बुधवार 10 अप्रेल चैत्र शुक्ल पञ्चमी देवी के स्कन्दमाता रूप की उपासना
गुरूवार 11 अप्रेल चैत्र शुक्ल षष्ठी देवी के कात्यायनी रूप की उपासना
शुक्रवार 12 अप्रेल चैत्र शुक्ल सप्तमी देवी के कालरात्रि रूप की उपासना
शनिवार 13 अप्रेल चैत्र शुक्ल अष्टमी देवी के महागौरी रूप की उपासना
रविवार 14 अप्रेल चैत्र शुक्ल नवमी देवी के सिद्धिदात्री रूप की उपासना
राम जन्म महोत्सव – राम नवमी
माँ भगवती सभी का कल्याण करें… सभी को नव सम्वत्सर तथा नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएँ…