Mercury transit in Gemini 2019

Mercury transit in Gemini 2019

Mercury transit in Gemini 2019

बुध का मिथुन में गोचर 2019

कल शनिवार रविवार यानी ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी अर्थात 1 जून को 24:17 (मध्यरात्रि में 12:17) के लगभग विष्टि करण और अतिगण्ड योग में बुध अपने मित्र शुक्र की वृषभ राशि से निकल कर अपनी स्वयं की राशि मिथुन में प्रविष्ट होगा | मिथुन राशि में प्रवेश के समय बुध मृगशिरा नक्षत्र में होगा तथा कुछ समय के लिए अस्त भी होगा, किन्तु दो जून को रात्रि नौ बजकर एक मिनट के लगभग बुधोदय हो जाएगा | यहाँ भ्रमण करते हुए पाँच जून को आर्द्रा नक्षत्र और तेरह जून को पुनर्वसु नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए अन्त में इक्कीस जून को 26:27 (अर्धरात्र्योत्तर 2:27) के लगभग बुध कर्क राशि में प्रस्थान कर जाएगा | जैसा कि ऊपर लिखा, मिथुन बुध की स्वराशि है तथा बुध की उच्च राशि और मूल त्रिकोण राशि कन्या से मिथुन राशि दशम भाव यानी कर्म स्थान बनता है | ध्यान देने योग्य बात यह है कि मंगल और राहु यहाँ पहले से गोचर कर रहे हैं | बुध की अपनी राशि मिथुन से मंगल षष्ठेश और एकादशेश है तथा बुध की उच्च राशि कन्या से मंगल तृतीयेश और अष्टमेश है | इन समस्त तथ्यों के आधार पर आइये जानने का प्रयास करते हैं कि बुध के मिथुन राशि में गोचर के विभिन्न राशियों पर क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं…

किन्तु ध्यान रहे, ये परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु किसी योग्य Astrologer द्वारा उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन कराया जाना आवश्यक है |

मेष – आपके लिए तृतीयेश और षष्ठेश होकर बुध का गोचर आपके तृतीय भाव में अपनी ही राशि में हो रहा है | आपके लिए पहले से कहीं अधिक Competitive हो सकते हैं तथा आपकी निर्णायक क्षमता और उत्साह में वृद्धि की भी सम्भावना है जिसके कारण आप अपने कार्य समय पर पूर्ण करने में समर्थ हो सकते हैं | किन्तु साथ ही ऐसे मित्रों को पहचान कर उनसे दूरी बनाने की भी आवश्यकता है जो आपसे ईर्ष्या रखते हैं | सम्भावना कुछ ऐसी भी प्रतीत होती है कि आवश्यकता होने पर भाई बहनों का सहयोग प्राप्त हो सकता है | यद्यपि कुछ विवाद भी सम्भव है, किन्तु अन्त में परिणाम आपके पक्ष में ही होगा | स्वास्थ्य की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है |

वृषभ – आपका द्वितीयेश और पंचमेश होकर बुध का गोचर आपके दूसरे भाव में ही हो रहा है | आर्थिक दृष्टि से अनुकूलता होने के साथ ही आपकी वक्तव्यता तथा आपके लेखन में निखार इस अवधि में आ सकता है जिसके कारण आपसे लोग प्रभावित भी होंगे | आपके व्यवहार में उदारता, कोमलता एवं सौम्यता दिखाई देगी जिसका प्रभाव आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन पर निश्चित ही पड़ेगा | आपकी सन्तान के लिए भी समय अनुकूल प्रतीत होता है | ड्राइविंग के समय सावधान रहने की आवश्यकता है |

मिथुन – आपके लिए बुध योगकारक होकर अपनी ही राशि में लग्न में गोचर कर रहा है | परिवार में मंगलकार्यों का आयोजन हो सकता है | परिवार में परस्पर सौहार्द का वातावरण रहेगा और समय आमोद प्रमोद में व्यतीत होगा | सामाजिक गतिविधियों में भी वृद्धि की भी सम्भावना है | परिवारजनों का सहयोग आपको अपने कार्य में उपलब्ध होता रहेगा | साथ ही आप अपने लिए कोई नई प्रॉपर्टी भी इस अवधि में खरीद सकते हैं अथवा खरीदने की योजना बना सकते हैं | स्वास्थ्य की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है |

कर्क – कर्क राशि के लिए तृतीयेश और द्वादशेश होकर बुध का गोचर आपके बारहवें भाव में ही हो रहा है | भाई बहनों का सहयोग भी अपने कार्य में आपको प्राप्त रहने की सम्भावना है | कार्य के सिलसिले में आपको तथा आपके भाई बहनों को दूर पास की यात्राएँ भी करनी पड़ सकती हैं, किन्तु इन यात्राओं के दौरान आपको अपने तथा अपने भाई बहनों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा | साथ ही आप अपने कार्य में पैसा भी Invest कर सकते हैं, जिसका लाभ आपको भविष्य में अपने कार्य में प्राप्त हो सकता है |

सिंह – आपके लिए बुध द्वितीयेश और एकादशेश होकर आपके एकादश में ही गोचर कर रहा है | आपके लिए विशेष रूप से भाग्योदय का समय प्रतीत होता है | व्यवसाय में प्रगति, नौकरी में पदोन्नति तथा अर्थ और यश प्राप्ति के संकेत हैं | साथ ही यदि आप कोई नया कार्य आरम्भ करना चाहते हैं तो उसके लिए भी अनुकूल समय प्रतीत होता है | बड़े भाई तथा पिता का सहयोग आपको प्राप्त रह सकता है | आप परिवार के साथ कहीं यात्रा आदि के लिए भी जा सकते हैं |

कन्या – आपके लिए आपका लग्नेश तथा दशमेश होकर बुध योगकारक ग्रह है तथा दशम स्थान में गोचर कर रहा है | आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन के योग हैं | समाज में आपका मान-सम्मान तथा प्रभाव में वृद्धि की सम्भावना है | साथ ही कार्य की दृष्टि से भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | आपको नवीन प्रोजेक्ट्स प्राप्त होते रह सकते हैं और आप लम्बे समय तक उनमें व्यस्त रह सकते हैं तथा उनके माध्यम से धनलाभ कर सकते हैं | किन्तु यदि आपने अपने कण और आँख खुले नहीं रखे तो आपका कोई घनिष्ठ मित्र अथवा भाई ही आपके कार्य में विघ्न का कारण बन सकता है |

तुला – आपके लिए बुध भाग्येश तथा द्वादशेश भाग्य स्थान में ही गोचर कर रहा है | लम्बी विदेश यात्राओं के संकेत प्रतीत होते हैं | साथ ही यदि आपका कार्य किसी रूप में विदेशों से सम्बन्धित है तो उसमें उन्नति की भी सम्भावनाएँ हैं | इसके अतिरिक्त धर्म तथा आध्यात्मिकता की ओर आपकी रूचि बढ़ सकती है | आप किसी धार्मिक संस्था अथवा अस्पताल आदि के लिए धन दान भी करने की योजना बना सकते हैं | किन्तु पोंगा पण्डितों को पहचान कर उनसे बचने की आवश्यकता है अन्यथा बहुत सा धन अनावश्यक ही खर्च हो सकता है |

वृश्चिक – आपके लिए बुध अष्टमेश और एकादशेश है तथा आपके अष्टम भाव में गोचर कर रहा है | कहीं से आकस्मिक लाभ की सम्भावना है | व्यावसायिक रूप से भी अप्रत्याशित सफलता की सम्भावना है | किसी सीनियर के रिटायर होने के कारण आपको उस स्थान पर पदोन्नत भी किया जा सकता है | किन्तु बॉस के साथ पंगा आपके हित में नहीं रहेगा | साथ ही आपके स्वभाव में नकारात्मकता आपके व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक जीवन पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है | साथ ही स्वास्थ्य का ध्यान रखने की भी आवश्यकता है |

धनु – आपके लिए सप्तमेश और दशमेश होकर बुध योगकारक हो जाता है तथा आपकी राशि से सप्तम भाव में गोचर कर रहा है | आप तथा आपके जीवन साथी के लिए व्यावसायिक दृष्टि से यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | पार्टनरशिप में कोई कार्य कर रहे हैं तो उसमें भी उन्नति की सम्भावना है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति की भी सम्भावना है | लेखकों तथा बुद्धिजीवियों और मीडियाकर्मियों के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | अविवाहित हैं तो जीवन साथी की खोज भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | आपकी सन्तान की ओर से कोई शुभ समाचार भी आपको प्राप्त हो सकता है |

मकर – बुध आपका षष्ठेश और भाग्येश है तथा आपकी राशि से छठे भाव में गोचर कर रहा है | यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसमें अनुकूल परिणाम की सम्भावना की जा सकती है | साथ ही बहुत समय से चली आ रही जोड़ों और माँसपेशियों में दर्द के इलाज़ का भी पता इस अवधि में लग सकता है | प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे लोगों के लिए समय अनुकूल फल देने वाला प्रतीत होता है किन्तु उन्हें परिश्रम अधिक करना पड़ेगा | कार्यस्थल पर सहकर्मियों का सहयोग आपको उपलब्ध रहेगा, किन्तु पारिवारिक क्लेश के कारण मानसिक तनाव सम्भव है |

कुम्भ –  आपका पंचमेश और अष्टमेश होकर बुध आपकी राशि से पंचम भाव में गोचर कर रहा है | किसी प्रकार की अप्रत्याशित घटना की सम्भावना की जा सकती है | कार्यस्थल पर वातावरण अनुकूल बना रह सकता है | आपकी सन्तान तथा विद्यार्थियों के लिए यह गोचर विशेष रूप से अनुकूल प्रतीत होता है | किन्तु इसके साथ ही सन्तान के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है | साथ ही सन्तान के साथ किसी प्रकार की बहस से बचने का भी प्रयास आवश्यक है |

मीन – आपके लिए चतुर्थेश और सप्तमेश होकर बुध आपका योगकारक बन जाता है तथा आपके चतुर्थ भाव में ही गोचर कर रहा है | आपके तथा आपके जीवन साथी के लिए यह गोचर भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आप कोई नया घर खरीदने की योजना बना सकते हैं | आपको अपने परिवारजनों का तथा मित्रों का सहयोग प्राप्त होता रहेगा तथा परिवार में सौहार्द का वातावरण रहने की सम्भावना है, किन्तु आपको अपनी वाणी और Temperament को संयम में रखने की आवश्यकता है | परिवार में माँगलिक कार्यों की भी सम्भावना प्रतीत होती है |

अन्त में जैसा सदा लिखते हैं, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं – यह एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसका प्रभाव मानव सहित समस्त प्रकृति पर पड़ता है | वास्तव में सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…