Sun transit in Leo
सूर्य का सिंह में गोचर
कल भाद्रपद कृष्ण द्वितीया यानी 17 अगस्त को दिन में एक बजकर तीन मिनट के लगभग गर करण और अतिगण्ड योग में सूर्यदेव अपने मित्र ग्रह चन्द्र की कर्क राशि से निकल कर अपनी स्वयं की राशि सिंह और मघा नक्षत्र में प्रस्थान कर जाएँगे | यहाँ भ्रमण करते हुए 31 अगस्त को पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और चौदह सितम्बर को उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए अन्त में 17 सितम्बर को दिन में एक बजकर तीन मिनट के लगभग बुध की कन्या राशि में प्रस्थान कर जाएँगे | शुक्र और बुध का तो अधिकाँश में सूर्य को साथ मिलता ही है, मंगल भी इस पूरी यात्रा में सूर्य के साथ सिंह राशि में ही रहेगा | सिंह सूर्य की मूल त्रिकोण राशि भी है | और जब कोई ग्रह अपनी मूल त्रिकोण राशि अथवा अपनी उच्च राशि में आता है तो वह बली माना जाता है |
इस बीच भगवान् श्री कृष्ण का जन्म महोत्सव श्री कृष्ण जन्माष्टमी भी है – 23 अगस्त को स्मार्तों की और 24 अगस्त को वैष्णवों की | भाद्रपद कृष्ण द्वादशी यानी 27 अगस्त से श्वेताम्बर जैन सम्प्रदाय का पञ्चमी पक्ष का पर्यूषण पर्व भी आरम्भ होने जा रहा है, और उसके समाप्त होते ही दूसरे दिन यानी 3 सितम्बर भाद्रपद शुक्ल पञ्चमी से दिगम्बरों के दशदिवसीय साम्वत्सरिक पर्व पजूसन पर्व का भी आरम्भ हो जाएगा जो कि भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा यानी अनंतचतुर्दशी को संपन्न होगा | पहली सितम्बर को हरतालिका तीज, दो सितम्बर को गणेश चतुर्थी, तीन सितम्बर को ऋषिपञ्चमी, दस सितम्बर को वामन जयंती और तेरह प्रौष्ठपदी पूर्णिमा को पूर्णिमा के श्राद्ध के साथ ही दिवंगतों के प्रति श्रद्धा का पर्व श्राद्ध पक्ष भी आरम्भ हो जाएगा | इस प्रकार भगवान् भास्कर के सिंह राशि में प्रस्थान के साथ ही इतने सारे व्रत उपवास तथा पर्वों का आरम्भ होने जा रहा है, जिनके लिए सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ…
अब जानने का प्रयास करते हैं सिंह राशि में सूर्य के संक्रमण के जनसाधारण पर क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं…
किन्तु ध्यान रहे, ये सभी परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है |
मेष : आपकी राशि से पंचमेश पंचम भाव में ही गोचर कर रहा है | यदि आप अथवा आपकी सन्तान उच्च शिक्षा अथवा किसी Professional Course के लिए जाना चाहते हैं तो आपके लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | साथ ही सन्तान प्राप्ति के भी योग प्रतीत होते हैं | आय के नवीन अवसरों के साथ ही मन सम्मान में वृद्धि के भी संकेत हैं | स्वास्थ्य के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | कोई व्यक्ति आपकी ओर आकर्षित हो सकता है और आपके साथ Romantically involve हो सकते हैं जो धीरे धीरे विवाह सम्बन्ध में भी परिणत हो सकता है | किन्तु यदि आपने अपने Temperament पर नियन्त्रण नहीं रखा तो प्रेम सम्बन्धों में दरार की भी सम्भावना है | आपकी सन्तान का स्वभाव भी उग्र हो सकता है किन्तु उसका सहयोग आपको प्राप्त रहेगा |
वृषभ : आपकी राशि से चतुर्थेश चतुर्थ भाव में ही गोचर कर रहा है | एक ओर जहाँ आपको अपनी माता का सुख प्राप्त होगा वहीं दूसरी ओर आपके पिता के लिए किसी प्रकार के शारीरिक कष्ट की सम्भावना भी हो सकती है | आपके कार्य की दृष्टि से यह गोचर अत्यन्त अनुकूल प्रतीत होता है | नौकरी में पदोन्नति तथा अपने स्वयं के व्यवसाय में प्रगति की सम्भावना है | जो कार्य अब तक रुके हुए थे उनके भी पूर्ण होने की सम्भावना है | परिवार में मंगल कार्यों का आयोजन हो सकता है |
मिथुन : आपकी राशि से तृतीयेश का गोचर तृतीय भाव में ही हो रहा है | आपके लिए मान सम्मान और यश में वृद्धि के योग प्रतीत होते हैं | साथ ही आपके उत्साह में भी इस अवधि में वृद्धि की सम्भावना है | जिसके कारण आप अपने कार्य समय पर पूर्ण करने में सक्षम हो सकते हैं | किन्तु आपके छोटे भाई बहनों के लिए यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं प्रतीत होता | उनके अपने स्वभाव के कारण उन्हें मानसिक और शारीरिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है जिसके कारण उनके कार्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है |
कर्क : आपकी राशि से द्वितीयेश का गोचर द्वितीय भाव में ही हो रहा है | आपके कार्य में प्रगति तथा आय में वृद्धि के साथ ही मान सम्मान में भी वृद्धि के योग हैं | परिवार में तथा कार्य स्थल पर सौहार्दपूर्ण वातावरण रहने की सम्भावना है | किन्तु इसके साथ ही आपका स्वभाव भी उग्र हो सकता है | साथ ही नेत्रों से सम्बन्धित कोई समस्या, किसी प्रकार की फोड़े फुंसी आदि की समस्या अथवा मानसिक तनाव के कारण माइग्रेन या उच्च रक्तचाप की समस्या भी हो सकती है | इस सबसे बचने के लिए खान पान पर नियन्त्रण रखने की आवश्यकता है | ध्यान और प्राणायम को अपनी दिनचर्या का अंग बना लेंगे तो बहुत सी समस्याओं से बच सकते हैं |
सिंह : आपके लिए आपके राश्यधिपति का अपनी ही राशि में गोचर विशेष रूप से लाभप्रद प्रतीत होता है | आपकी ऊर्जा में वृद्धि तथा व्यक्तित्व में ओज के ही साथ आपके कार्य में भी प्रगति की सम्भावना है | आपके व्यक्तित्व का प्रभाव लोगों पर पड़ेगा और इस कारण आपके मान सम्मान में भी वृद्धि की सम्भावना है | अपना स्वयं का व्यवसाय है तो बड़े भाई का सहयोग भी प्राप्त रह सकता है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति की भी सम्भावना है | किन्तु आपको अपने क्रोध को नियन्त्रण में रखना होगा | आपको अपने जीवन साथी के स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता है |
कन्या : आपके लिए आपके द्वादशेश का गोचर आपके द्वादश भाव में ही हो रहा है | यदि आपका कार्य कहीं विदेशों से सम्बद्ध है तो कार्य में प्रगति तथा विदेश यात्राओं में वृद्धि की सम्भावना है | यदि आप किसी सरकारी नौकरी में हैं तो आपका कहीं ट्रांसफर भी हो सकता है | ननिहाल के पक्ष से किसी प्रकार का मनमुटाव सम्भव है | यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो इस अवधि में उसका निर्णय आपके पक्ष में आ सकता है | आपके लिए एक ओर जहाँ किसी पुरानी बीमारी से मुक्ति की सम्भावना है वहीं दूसरी ओर नेत्र सम्बन्धी विकार भी उत्पन्न हो सकते हैं |
तुला : आपकी राशि से एकादश भाव में सूर्य का गोचर आय में वृद्धि की ओर तथा नौकरी में पदोन्नति की ओर संकेत करता है | आपका अपना कार्य है तो उसमें भी प्रगति की सम्भावना है | किसी प्रकार का अवार्ड या सम्मान आदि भी आपको इस अवधि में प्राप्त हो सकता है | किन्तु साथ ही किसी घनिष्ठ मित्र अथवा बड़े भाई के साथ किसी प्रकार का मतभेद भी हो सकता है | आप कोई नया वाहन भी इस अवधि में खरीद सकते हैं | आपके अपने स्वास्थ्य की दृष्टि से समय अनुकूल प्रतीत होता है, किन्तु सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है | छात्रों के लिए यह गोचर अनुकूल फल देने वाला प्रतीत होता है |
वृश्चिक : आपकी राशि से दशमेश का गोचर दशम भाव में ही हो रहा है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति और मान सम्मान में वृद्धि के संकेत हैं | अपना स्वयं का व्यवसाय है तो उसमें भी प्रगति की सम्भावना है | आपके लिए कार्य तथा आय के नवीन स्रोत इस अवधि में उपस्थित हो सकते हैं | परिवार में किसी प्रकार के मंगल कार्य की भी सम्भावना है | किन्तु आपको अपनी माता जी के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है | साथ ही यदि आप गर्भवती महिला हैं और डिलीवरी निकट है तो आपको सावधान रहने की आवश्यकता है |
धनु : आपकी राशि के लिए आपका भाग्येश भाग्य स्थान में ही गोचर कर रहा है | आपके लिए वास्तव में यह गोचर भाग्यवर्धक प्रतीत होता है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति के साथ ही कहीं ट्रांसफर भी हो सकता है | अपना स्वयं का कार्य है तो उसमें भी लाभ की सम्भावना है | आपके लिए पराक्रम और मान सम्मान में वृद्धि के संकेत प्रतीत होते हैं | किसी प्रकार का अवार्ड या सम्मान आदि भी आपको इस अवधि में प्राप्त हो सकता है | विदेश यात्राओं के भी योग प्रतीत होते हैं | धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में रूचि बढ़ सकती है | किसी रोग से मुक्ति भी इस अवधि में संभव है |
मकर : आपकी राशि से अष्टमेश अष्टम भाव में ही गोचर कर रहा है | आपके लिए यह गोचर बहुत अनुकूल नहीं प्रतीत होता | आपके कार्य में आपके स्वयं के अथवा आपके पिता या परिवार के किसी बुज़ुर्ग व्यक्ति के स्वास्थ्य के कारण विघ्न उपस्थित हो सकता है | अचानक ही आपके विरोधियों के भी स्वर मुखर हो सकते हैं | आपको स्वयं को ज्वर, मानसिक तनाव के कारण माइग्रेन, उच्च रक्तचाप अथवा नेत्र विकार अथवा गुप्तांगों से सम्बंधित किसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है | किन्तु खान पान पर ध्यान देंगे और अपने स्वभाव को संयमित रखेंगे तो बहुत सी समस्याओं से बच सकते हैं |
कुम्भ : आपके लियेः गोचर मिश्रित फल देने वाला प्रतीत होता है | पार्टनरशिप में कोई कार्य कर रहे हैं तो उसमें प्रगति की सम्भावना है | किन्तु आपके बिजनेस पार्टनर का स्वभाव इस अवधि में कुछ उग्र हो सकता है | साथ ही दाम्पत्य जीवन में जीवन साथी का सहयोग और साथ तो प्राप्त रहेगा किन्तु उसके स्वभाव की उग्रता के कारण आपको मानसिक तनाव हो सकता | अच्छा यही रहेगा कि अपनी वाणी और Temperament पर नियन्त्रण रखें | कुछ दूर पास की यात्राओं के योग भी बन रहे हैं |
मीन : आपका षष्ठेश होकर सूर्य का गोचर छठे भाव में ही हो रहा है | एक ओर आपके विरोधियों में वृद्धि की सम्भावना है वहीं दूसरी ओर आपके उत्साह में वृद्धि की भी सम्भावना है जिसके कारण आप अपने विरोधियों पर स्वयं ही विजय प्राप्त करने में समर्थ हो सकते हैं | किसी प्रकार का कोई लीगल केस का भी सामना करना पड़ सकता है | किन्तु साथ ही परिवार के लोगों का सहयोग आपको प्राप्त रहेगा और उनके कारण आपके आत्मबल में भी वृद्धि होगी | स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है | आपके ननिहाल के पक्ष के साथ या तो मनमुटाव हो सकता है अथवा किसी का स्वास्थ्य चिन्ता का विषय हो सकता है | आपकी अपनी भी किसी प्रकार की सर्जरी इस अवधि में संभव है |
अंत में, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं | सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…