मार्गशीर्ष अथवा मृगशिर मास के व्रतोत्सव

मार्गशीर्ष अथवा मृगशिर मास के व्रतोत्सव

मार्गशीर्ष अथवा मृगशिर मास के व्रतोत्सव

मार्गशीर्ष मास – 20 नवम्बर से 20 दिसम्बर 2021 – के व्रतोत्सव

शुक्रवार 19 नवम्बर को कार्तिकी पूर्णिमा के साथ कार्तिक मास समाप्त हो जाएगा और 20 नवम्बर से कृष्ण प्रतिपदा के साथ मार्गशीर्ष मास आरम्भ हो जाएगा | कार्तिक मास में दीपोत्सव और छठ पूजा की धूम समस्त हिन्दू समाज में रही | अब कार्तिक मास आरम्भ हो रहा है जिसका वैदिक नाम सह है और इसमें मृगशिर तथा आर्द्रा दो नक्षत्र उदय होते हैं – किन्तु मास की चतुर्दशी/पूर्णिमा को मृगशिर नक्षत्र उदय होने के कारण इसका नाम मार्गशीर्ष है | आम बोलचाल की भाषा में इसे अगहन, मगसर, मंगसिर, अग्रहायण आदि नामों से भी जाना जाता है | इस मास में श्री कृष्ण तथा लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्त्व माना जाता है | श्रीमद्भगवद्गीता में श्रीकृष्ण ने कहा भी है…

बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम् |
मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकरः ||10/35||

गायी जाने वाली श्रुतियों में बृहत्साम, वैदिक छन्दों में गायत्री, बारह मासों में मार्गशीर्ष तथा छह ऋतुओं में वसन्त में ही हूँ |

इस मास में शीत आरम्भ हो जाता है अतः इस मास में गर्म वस्त्रों आदि का दान उत्तम माना जाता है | माना जाता है कि भगवान श्री राम का विवाह भी इसी मास में हुआ था | श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश भी इसी मास में दिया था |

इस वर्ष प्रतिपदा तिथि का आरम्भ 19 नवम्बर को दिन में दो बजकर अट्ठाईस मिनट के लगभग होगा, किन्तु 20 नवम्बर को सूर्योदय काल में प्रतिपदा होने के कारण इसी दिन से मार्गशीर्ष मास का आरम्भ हो रहा है | इस मास में आने वाले सभी पर्वों की अग्रिम रूप से अनेकशः हार्दिक शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत है इस माह में आने वाले प्रमुख व्रतोत्सवों की सूची…

शनिवार 20 नवम्बर – मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा / मार्गशीर्ष मासारम्भ

शनिवार 27 नवम्बर – मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी / कालभैरव जयन्ती

मंगलवार 30 नवम्बर – मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी / उत्पन्ना एकादशी

गुरूवार 2 दिसम्बर – मार्गशीर्ष कृष्ण त्रयोदशी / प्रदोष व्रत

शनिवार 4 दिसम्बर – मार्गशीर्ष अमावस्या

बुधवार 8 दिसम्बर – मार्गशीर्ष शुक्ल पञ्चमी / विवाह पञ्चमी / भगवान श्री राम-सीता का विवाहोत्सव

गुरूवार 9 दिसम्बर – मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी / चम्पा षष्ठी / पञ्चक आरम्भ प्रातः दस बजकर दस मिनट से

सोमवार 13 दिसम्बर – मार्गशीर्ष शुक्ल दशमी / पञ्चक समाप्त अर्द्धरात्र्योत्तर दो बजकर पाँच मिनट पर    

मंगलवार 14 दिसम्बर – मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी / मोक्षदा एकादशी / गीता जयन्ती

गुरूवार 16 दिसम्बर – मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी / प्रदोष व्रत / धनु संक्रान्ति – सूर्य का धनु राशि में संक्रमण सूर्योदय से पूर्व (15 दिसम्बर को अर्द्धरात्र्योत्तर) तीन बजकर पैंतालीस मिनट पर

शनिवार 18 दिसम्बर – मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशी / अन्वाधान / दत्तात्रेय जयन्ती

रविवार 19 दिसम्बर – मार्गशीर्ष पूर्णिमा

अन्त में, सभी को इस मार्गशीर्ष मास में आने वाले पर्वों की अग्रिम रूप से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ…