मंगल का कुम्भ में गोचर
गुरूवार सात अप्रैल यानी चैत्र शुक्ल षष्ठी अर्थात छठे नवरात्र को अपराह्न तीन बजकर सोलह मिनट के लगभग धनिष्ठा नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए तैतिल करण और शोभन योग में भूमिसुत मंगल अपनी उच्च राशि मकर से निकल कर शनि की ही दूसरी राशि कुम्भ में प्रस्थान कर जाएगा – जहाँ गुरु और शुक्र पहले से ही उपस्थित हैं | कुम्भ राशि में विचरण करते हुए मंगल सोलह अप्रैल से शतभिषज तथा चार मई से पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए अन्त में सत्रह मई को प्रातः 9:33 के लगभग मीन राशि में प्रस्थान कर जाएगा | कुम्भ राशि से मंगल की दृष्टियाँ वृषभ, सिंह तथा कन्या राशियों पर रहेंगी, तथा मंगल की अपनी राशि मेष से कुम्भ एकादश भाव और वृश्चिक से चतुर्थ भाव हो जाता है और कुम्भ के लिए मंगल तृतीयेश और दशमेश हो जाता है | इन्हीं सब तथ्यों के आधार पर जानने का प्रयास करते हैं मंगल के कुम्भ राशि में गोचर के विभिन्न राशियों के जातकों पर क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं…
किन्तु ध्यान रहे, ये समस्त फल सामान्य हैं | व्यक्ति विशेष की कुण्डली का व्यापक अध्ययन करके ही किसी निश्चित परिणाम पर पहुँचा जा सकता है |
मेष : आपका लग्नेश और अष्टमेश का गोचर आपके लाभ स्थान में हो रहा है | आर्थिक दृष्टि से यह गोचर भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | रुके हुए कार्य पूर्ण होने की सम्भावना है | कुछ पुरानी इच्छाओं की पूर्ति भी इस अवधि में हो सकती है | बड़े भाई, मित्रों, सहकर्मियों तथा अधिकारी वर्ग का सहयोग प्राप्त होता रहेगा | सन्तान के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | किसी पुरानी बीमारी के भी ठीक होने की सम्भावना है |
वृषभ : आपका सप्तमेश और द्वादशेश होकर मंगल आपके दशम भाव में गोचर करेगा | आपके लिए कार्य सम्बन्धी यात्राओं में वृद्द्धि के योग प्रतीत होते हैं | कार्य की दृष्टि से यह गोचर आपके, आपके जीवन साथी तथा आपकी सन्तान के लिए अनुकूल प्रतीत होता है | आपके पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवाश्यकता इस अवधि में रहेगी | कार्य स्थल पर सहकर्मियों का सहयोग आपको प्राप्त रह सकता है, किन्तु पारिवारिक स्तर पर कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है |
मिथुन : षष्ठेश और एकादशेश होकर मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के भाग्य स्थान में हो रहा है | लाभदायक और लम्बी विदेश यात्राओं के योग प्रतीत होते हैं | आपके जीवन साथी तथा छोटे भिया बहनों के लिए भी यह गोचर अनुकूल फल देने वाला प्रतीत होता है | भाई बहनों का विवाह भी इस अवधि में सम्भव है | जिन लोगों का कार्य विदेशों से सम्बद्ध है उनके लिए लाभ एक अवसर हैं | साथ ही धार्मिक कार्यों में रूचि में वृद्धि की सम्भावना है | सम्भव है किसी अस्पताल अथवा धर्म स्थल के लिए आप कुछ धन दान भी कर दें | साथ ही स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना आवश्यक है |
कर्क : आपके लिए पंचमेश और दशमेश का गोचर आपके अष्टम भाव में हो रहा है | अचानक ही किसी स्रोत से आर्थिक लाभ की सम्भावना है | किसी कार्य में आप व्यवधान का भी अनुभव कर सकते हैं | किन्तु वह व्यवधान अधिक समय नहीं रहेगा और आपका कार्य पुनः आगे बढ़ सकता है | आपकी सन्तान के लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | आपकी सन्तान कोई नया घर अथवा वाहन भी इस अवधि में खरीद सकती है | सन्तान का विवाह भी इस अवधि में सम्भव है |
सिंह : आपका चतुर्थेश और नवमेश होकर मंगल का गोचर सप्तम भाव में हो रहा है | अनुकूल फल देने वाला गोचर प्रतीत होता है | आप यदि प्रॉपर्टी से सम्बन्धित किसी कार्य से सम्बद्ध हैं तो आपके लिए यह गोचर अनुकूल फल देने वाला प्रतीत होता है | नौकरी में हैं तो किसी आधिकारिक पद पर आपकी पदोन्नति भी हो सकती है | आपकी सन्तान और जीवन साथी के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | आप यदि अविवाहित हैं तो इस अवधि में जीवन साथी की आपकी खोज भी पूर्ण हो सकती है | सम्भव है आपके किसी सहकर्मी अथवा किसी रिश्तेदार की ओर से आपको विवाह का प्रस्ताव प्राप्त हो जाए |
कन्या : आपका तृतीयेश और अष्टमेश मंगल आपके छठे भाव में गोचर कर रहा है | विदेश यात्राएँ करनी पड़ सकती हैं किन्तु इन यात्राओं में आपको स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है | भाई बहनों के साथ व्यर्थ का विवाद भी इस अवधि में सम्भव है जिसका प्रतिकूल प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर भी हो सकता है | किन्तु यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसका परिणाम आपके पक्ष में आ सकता है | प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे लोगों के लिए तथा स्पोर्ट्स से जुड़े लोगों के लिए यह गोचर अनुकूल परिणाम देने वाला प्रतीत होता है |
तुला : आपका द्वितीयेश और सप्तमेश होकर मंगल का गोचर आपके पंचम भाव में गोचर कर रहा है | कार्य की दृष्टि से तथा आर्थिक दृष्टि से यह गोचर आपके लिए अनुकूल प्रतीत होता है | आपकी सन्तान के लिए भी ये गोचर लाभदायक प्रतीत होता है | यदि आपकी सन्तान विवाह योग्य है तो उसके विवाह की भी सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है | साथ ही आपके भाई बहनों के लिए भी ये गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | अपने तथा अपनी सन्तान के स्वास्थ्य की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है |
वृश्चिक : आपका लग्नेश और षष्ठेश होकर मंगल का गोचर आपके चतुर्थ भाव में हो रहा है | परिवार में अकारण ही तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है | कार्यस्थल पर भी सहकर्मियों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है | अच्छा यही रहेगा कि जहाँ आपका वश न चले वहाँ आप अपनी वाणी तथा विचारों पर संयम रखें | यों कार्य में प्रगति तथा आर्थिक स्थिति में दृढ़ता के संकेत भी हैं | किन्तु यदि आप नौकरी में हैं तो अधिकारियों से पंगा आपके हित में नहीं रहेगा | प्रॉपर्टी से सम्बन्धित किसी कोर्ट केस से आर्थिक लाभ की भी सम्भावना है |
धनु : आपकी राशि के लिए पंचमेश तथा द्वादशेश होकर मंगल का गोचर आपके तृतीय भाव में हो रहा है | यह गोचर उत्साहवर्द्धक तथा कार्य की दृष्टि से भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आपको अपने छोटे भाई बहनों तथा सन्तान का सहयोग प्राप्त होता रहने की सम्भावना है | परिवार में सौहार्द का वातावरण बना रहने की सम्भावना है | आपकी सन्तान की ओर से कोई शुभ समाचार इस अवधि में आपको प्राप्त हो सकता है | सन्तान का विवाह भी इस अवधि में सम्भव है | किन्तु स्वास्थ्य की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है |
मकर : आपके चतुर्थेश और एकादशेश का गोचर द्वितीय भाव में गोचर कर रहा है | आपके लिए गोचर अत्यन्त भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | नौकरी में पदोन्नति तथा मान सम्मान में वृद्धि के संकेत प्रतीत होते हैं | पॉलिटिक्स में हैं तो वहाँ भी किसी उच्च पद के प्राप्ति की सम्भावना है | अपना स्वयं का व्यवसाय है तो उसमें उन्नति तथा आर्थिक लाभ की सम्भावना भी की जा सकती है | आपकी रूचि धार्मिक गतिविधियों में भी बढ़ सकती है | आपकी सन्तान के लिए भी यह गोचर अनुकूल फल देने वाला प्रतीत होता है |
कुम्भ : आपके लिए तो आपका तृतीयेश और दशमेश आपकी लग्न में ही गोचर कर रहा है | कार्य की दृष्टि से यह गोचर अत्यन्त महत्त्व का प्रतीत होता है – विशेष रूप से यदि आप हाथ के कारीगर है, लेखक या कलाकार हैं | प्रॉपर्टी से सम्बन्धित व्यवसाय में प्रगति की सम्भावना है | नौकरी की तलाश में हैं तो वह भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | किसी ऐसे स्थान से भी कार्य का प्रस्ताव आपको प्राप्त हो सकता है जहाँ की आशा ही आप छोड़ चुके हैं | परिवार में सौहार्द का वातावरण बना रह सकता है | अविवाहित हैं तो जीवन साथी की तलाश भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है |
मीन : द्वितीयेश और भाग्येश का आपके बारहवें भाव में हो रहा है | कार्य से सम्बन्धित किसी कार्य में पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं अथवा कार्य से सम्बन्धित खर्चों में वृद्धि हो सकती है | यदि आपका कार्य विदेश से सम्बन्धित है तो आपको लाभ की सम्भावना की जा सकती है | कार्य से सम्बन्धित यात्राओं में वृद्धि के संकेत हैं | जीवन साथी तथा छोटे भाई बहनों के साथ के साथ व्यर्थ की बहस से बचने का प्रयास करें | साथ ही धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि की समभावना है – किन्तु धूर्त पोंगा पण्डितों के जाल में न फँसें इसके लिए सावधान रहने की आवश्यकता है |
अन्त में, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं – यह एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसका प्रभाव मानव सहित समस्त प्रकृति पर पड़ता है | वास्तव में सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है… सभी को साम्वत्सरिक नवरात्र और रामनवमी की अनेकशः हार्दिक शुभकामनाएँ…