कुम्भ और मीन राशियों के लिए शनि का कुम्भ में गोचर
शुक्रवार 29 अप्रैल 2022 को यानी वैशाख कृष्ण चतुर्दशी को प्रातः सात बजकर चौवन मिनट के लगभग विष्टि करण और विषकुम्भ योग में शनि का गोचर तीस वर्षों के बाद अपनी ही एक राशि मकर से दूसरी राशि कुम्भ में होगा जो शनि की मूल त्रिकोण राशि भी है | तीस वर्षों के बाद इसलिए कि शनि एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक भ्रमण करता है अतः सभी बारह राशियों की यात्रा करते हुए वापस उसी राशि में लौटने में तीस वर्षों का समय लग जाता है | कुम्भ राशि में विचरण करते हुए शनि 12 जुलाई 2022 से पुनः मकर राशि में फिर से गोचर करने लगेंगे और 17 जनवरी 2023 तक ये मकर राशि में ही रहेंगे इसके बाद कुम्भ राशि में वापस आ जायेंगे जहाँ 29 मार्च 2025 तक भ्रमण करने के पश्चात मीन राशि में प्रस्थान कर जाएँगे | लम्बी यात्रा है शनि की अतः इस बीच शनि कई बार अस्त भी रहेगा और कई बार वक्री चाल भी चलेगा | इन्हीं सब तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अगले लेख में जानने का प्रयास करेंगे शनि के कुम्भ राशि में गोचर के कुम्भ राशि के जातकों पर क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं…
किन्तु ध्यान रहे, ये सभी परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है | क्योंकि शनि का जहाँ तक प्रश्न है तो “शं करोति शनैश्चरतीति च शनि:” अर्थात, जो शान्ति और कल्याण प्रदान करे और धीरे चले वह शनि… अतः शनिदेव का गोचर कहीं भी हो, घबराने की या भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है… अपने कर्म की दिशा सुनिश्चित करके आगे बढ़ेंगे तो कल्याण ही होगा… साथ ही कुम्भ अर्थात घट के भीतर क्या छिपा होता है इसके विषय में बाहर से देखकर कुछ नहीं कहा जा सकता | अतः धैर्यपूर्वक शनि की चाल पर दृष्टि रखते हुए कर्मरत रहिये… निश्चित रूप से कुम्भ में से कुछ तो अमृत प्राप्त होगा… अस्तु,
कुम्भ राशि… आपके लिए आपका राश्यधिपति तथा द्वितीयेश होकर शनि का गोचर आपकी राशि में ही हो रहा है जहाँ से आपके तृतीय भाव, सप्तम भाव तथा दशम भावों पर इसकी दृष्टियाँ हैं | अभी तक आपके बारहवें भाव में शनि का गोचर
था अब लग्न में शनि आ जाएगा और आपका साढ़ेसाती का एक चरण पूरा होकर अब दूसरा चरण आरम्भ होगा | आपका अपने भाई बहनों के साथ किसी बात पर मतभेद हो सकता है | स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है तथा जीवन साथी के साथ भी क्लेश सम्भव है | कार्यक्षेत्र में परिश्रम अधिक करना पड़ सकता है किन्तु लाभ की दृष्टि से सम्भव है आपको सन्तुष्टि न प्राप्त हो | इन सबके कारण मानसिक तनाव भी हो सकता है | किन्तु उस मानसिक तनाव से लड़ने की सामर्थ्य भी शनि से ही प्राप्त होगी | आपकी निर्णायक क्षमता में वृद्धि तथा सन्तुलन की सम्भावना है जिसके कारण आप सही दिशा में प्रयास करेंगे और उसका लाभ आपको प्राप्त होगा |
कोई नवीन व्यवसाय आरम्भ करना चाहते हैं तो इस अवधि में कर सकते हैं, किन्तु जब शनि वक्री रहेगा उस समय कोई नया कार्य आरम्भ न करें तो उचित रहेगा | आर्थिक स्थिति में सुधार की सम्भावना की जा सकती है | कार्य से सम्बन्धित विदेश यात्राओं के भी योग प्रतीत होते हैं | आलस्य का त्याग करके सावधानीपूर्वक कार्य करते जाएँगे तो उसमें लाभ की सम्भावना की जा सकती है | ड्राइविंग के समय दुर्घटना आदि के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है |
स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है | अपने खान पान का ध्यान रखें, आलस्य का त्याग करके व्यायाम आदि को अपनी दिनचर्या में शामिल करें तथा मानसिक तनाव जहाँ हो सकता है उन बातों से दूर रहने का प्रयास करेंगे तो बहुत सी समस्याओं से बचे रह सकते हैं |
अविवाहित हैं तो इस अवधि में किसी के साथ विवाह बन्धन में भी बंध सकते हैं | किसी सहकर्मी की ओर आकर्षित हो सकते हैं जो रोमांस में परिणत हो सकता है | विवाहित हैं तो जीवन साथी के साथ किसी बात पर मतभेद सम्भव है | किन्तु अपनी सूझ बूझ से आप स्वयं ही उस मतभेद को समाप्त कर सकते हैं | साथ ही विवाहेतर सम्बन्धों से बचने की आवश्यकता है |
मीन राशि… आपका लग्नेश और द्वादशेश होकर शनि का गोचर आपके बारहवें भाव में ही हो रहा है, जहाँ से आपके द्वितीय भाव, छठे भाव तथा नवम भावों पर शनि की दृष्टियाँ रहेंगी और इसके साथ ही आपकी राशि पर साढ़ेसाती के प्रथम चरण
का आरम्भ भी हो जाएगा | आपके लिए इस गोचर को शुभ नहीं कहा जा सकता | सामान्य रूप से आपके खर्चों में वृद्धि के कारण अथवा उधार आदि देने के कारण आपको आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | शत्रु पक्ष में भी वृद्धि की सम्भावना है | अच्छा रहेगा इस समय आप संयम से काम लें | यह समय आपके लिए आत्मावलोकन का समय कहा जाए तो उचित रहेगा | कोई भी नया कार्य इस अवधि में आरम्भ न करें, और यदि करना पड़ भी जाए तो अपने शुभचिन्तकों से इस विषय में सलाह अवश्य लें | वैसे शनि के इस गोचर से आपकी निर्णयात्मक क्षमता में वृद्धि की भी सम्भावना की जा सकती है |
यदि अपनी वाणी पर संयम नहीं रखा तो व्यक्तिगत तथा पारिवारिक सम्बन्धों में किसी प्रकार के तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है | आप नया घर खरीद सकते हैं अपने लिए लेकिन प्रॉपर्टी के व्यवसाय के लिए यह समय – विशेष रूप से जब शनि वक्री होगा – उचित नहीं रहेगा | घर में नवीन सुविधाओं पर तथा घर को Renovate कराने में धन खर्च कर सकते हैं | पहले से बजट बनाकर चलेंगे तो आपके लिए उचित रहेगा | कार्य में सफलता प्राप्त हो सकती है, किन्तु इसके लिए परिश्रम और
संघर्ष बहुत अधिक करना पड़ेगा | किसी कोर्ट केस निर्णय सम्भव है आपके पक्ष में न आए | वक़ीलों के साथ पहले ताल मेल बैठाकर चलेंगे तो कुछ आशा की जा सकती है | धार्मिक गतिविधियों के प्रति भी आपका रुझान बढ़ सकता है | किन्तु पोंगा पण्डितों के फेर में बहुत सा धन भी नष्ट कर सकते हैं, अतः इस ओर से भी सावधान रहने की आवश्यकता है | अच्छा होगा आप स्वयं ही शनि स्तोत्र का जाप आरम्भ कर दें |
ड्राइविंग के समय दुर्घटना आदि के प्रति भी सावधान रहने की आवश्यकता है | कोई पुराना रोग भी इस अवधि में उभर सकता है अतः डॉक्टर से नियमित चेकअप अवश्य कराते रहे तथा डॉक्टर के दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करें | खान पान पर नियन्त्रण भी आवश्यक है अन्यथा पेट से सम्बन्धित किसी बीमारी का शिकार हो सकते हैं |
जीवन साथी की तलाश में हैं तो उसमें अभी समय लग सकता है | जल्दबाज़ी में कोई निर्णय लेना उचित नहीं रहेगा | विवाहित तो आपको अपने Temperament और वाणी पर संयम रखने की आवश्यकता है, अन्यथा सम्बन्धों में दरार भी उत्पन्न हो सकती है | जीवन साथी अथवा बिज़नेस पार्टनर के साथ किसी प्रकार की Cheating सम्बन्धों पर भारी पड़ सकती है |
अन्त में बस इतना ही कि यदि कर्म करते हुए भी सफलता नहीं प्राप्त हो रही हो तो किसी अच्छे ज्योतिषी के पास दिशानिर्देश के लिए अवश्य जाइए, किन्तु अपने कर्म और प्रयासों के प्रति निष्ठावान रहिये – क्योंकि ग्रहों के गोचर तो अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं, केवल आपके कर्म और उचित प्रयास ही आपको जीवन में सफल बना सकते हैं…