मंगल का मेष में गोचर
सोमवार 27 जून, आषाढ़ कृष्ण चतुर्दशी को प्रातः 5:40 के लगभग विष्टि करण और शूल योग में मंगल मीन राशि से निकल कर अपनी स्वयं की मूल त्रिकोण राशि मेष में अश्विनी नक्षत्र पर राहु केतु के मध्य प्रस्थान कर जाएगा | मंगल और राहु की युति अंगारक योग बनाती है | मंगल ऊर्जा का स्रोत है जो अग्नि तत्व से सम्बन्धित है और राहु भ्रम तथा नकारात्मकता का प्रतीक है | जब दोनों किसी एक राशि और भाव में एक साथ होते हैं तो दोनों की ही शक्ति में वृद्धि हो जाती है जिसके कारण कुछ बड़ी घटनाएँ घटने की सम्भावना रहती है | अपने इस गोचर के दौरान मंगल सोलह जुलाई से भरणी तथा पाँच अगस्त से कृत्तिका नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए दस अगस्त को रात्रि 9:10 के लगभग मंगल वृषभ राशि में प्रस्थान कर जाएगा | मेष राशि से मंगल की दृष्टियाँ कर्क, तुला तथा अपनी स्वयं की राशि वृश्चिक पर रहेंगी | कर्क राशि के लिए मंगल पंचमेश तथा दशमेश होकर योगकारक हो जाता है, तुला राशि के लिए द्वितीयेश तथा सप्तमेश है और वृश्चिक तो उसकी अपनी राशि है ही | इन्हीं सब तथ्यों के आधार पर जानने का प्रयास करते हैं मंगल के मेष राशि में गोचर के विभिन्न राशियों के जातकों पर क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं…
मेष : आपका लग्नेश और अष्टमेश का गोचर आपकी लग्न में ही हो राहु के साथ रहा है | आर्थिक तथा कार्य की दृष्टि से यह गोचर अत्यन्त भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | विशेष रूप से यदि आप लेखक हैं, बुद्धिजीवी हैं, प्रॉपर्टी से सम्बन्धित किसी व्यवसाय में हैं अथवा किसी आधिकारिक पद पर आसीन हैं या पॉलिटिक्स में हैं तो आपके लिए यह गोचर अत्यन्त अनुकूल प्रतीत होता है | पारिवारिक स्तर पर कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | किन्तु ये समस्याएँ अस्थाई होंगी | किसी नवीन सदस्य का आगमन भी परिवार में हो सकता है | अविवाहित हैं तो जीवन साथी की तलाश भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | विवाहित हैं तो जीवन साथी के साथ कुछ मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है – समझदारी के साथ परिस्थिति को सुलझाने की आवश्यकता है | साथ ही मौसम से सम्बन्धित पित्त, सरदर्द, ज्वर जैसी समस्याएँ भी हो सकती हैं | अपने जीवन साथी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है | शीतल पेय पदार्थों का अधिकाधिक सेवन आपके लिए लाभकारी रहेगा |
वृषभ : आपका सप्तमेश और द्वादशेश होकर मंगल आपके बारहवें भाव में ही गोचर कर रहा है | स्वास्थ्य का ध्यान रखने की विशेष रूप से आवश्यकता है यदि आपका कार्य विदेश से सम्बन्धित है तो आपको लाभ की सम्भावना की जा सकती है | इस अवधि में आप सपरिवार कहीं घूमने जाने का कार्यक्रम भी बना सकते हैं | किन्तु इन यात्राओं में अपने स्वास्थ्य तथा चोरी आदि की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | साथ ही यदि अपने खर्चों पर ध्यान नहीं दिया तो बजट बिगड़ सकता है और अधिक व्यय के कारण समस्या का सामना करना पड़ सकता है | बहनों के लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है, किन्तु उनके साथ आपके सम्बन्धों में कुछ तनाव भी उत्पन्न हो सकता है | अविवाहित हैं तो जीवन साथी की तलाश इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | दाम्पत्य जीवन में सौहार्द बनाए रखने के लिए अपने स्वभाव पर नियन्त्रण आवश्यक है | आँख में कोई कष्ट हो तो तुरन्त चिकित्सकीय सलाह लें |
मिथुन : षष्ठेश और एकादशेश होकर मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के लाभ स्थान में हो रहा है | यह गोचर आपके स्वयं के लिए तथा आपकी सन्तान के लिए अनुकूल प्रतीत होता है | आपके पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवाश्यकता इस अवधि में रहेगी | कार्य स्थल पर सहकर्मियों का सहयोग आपको प्राप्त रह सकता है | आर्थिक स्थिति में दृढ़ता की सम्भावना की जा सकती है | किसी घनिष्ठ मित्र के माध्यम से कुछ नवीन प्रोजेक्ट्स भी प्राप्त हो सकते हैं | नौकरी की खोज में हैं तो उसमें भी सफलता प्राप्त हो सकती है | यद् कहीं पैसा इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो उसके लिए समय अनुकूल प्रतीत होता है | विद्यार्थियों के लिए यह समय अत्यन्त अनुकूल प्रतीत होता है | पारिवारिक स्तर पर कुछ समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है |
कर्क : आपके लिए पंचमेश और दशमेश का गोचर आपके दशम भाव यानी कर्म स्थान में हो रहा है | आपके लिए उत्साह में वृद्धि के साथ ही कार्य में उन्नति के संकेत भी हैं | नौकरी में हैं तो पदोन्नति के साथ ही आय में वृद्धि के भी संकेत हैं | किसी पुरूस्कार आदि की प्राप्ति की सम्भावना भी की जा सकती है | अधिकारियों तथा सहकर्मियों का सहयोग आपको उपलब्ध रहेगा | अपना स्वयं का व्यवसाय है तो उसमें भी आप वृद्धि कर सकते हैं अथवा कोई नई ब्रांच खोल सकते हैं | यदि आप किसी प्रशासनिक सेवा में हैं तब तो आपके लिए यह गोचर अत्यन्त महत्त्वपूर्ण प्रतीत होता है | साथ ही जिन लोगों का व्यवसाय भोजन से सम्बन्धित है किसी भी रूप में तो उनके लिए भी यह अंगारक योग में गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | अपने तथा जीवन साथी के स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है | अविवाहित हैं तो अपने किसी सहकर्मी के साथ Romantically Involve हो सकते हैं |
सिंह : आपका चतुर्थेश और नवमेश होकर मंगल का गोचर आपके भाग्य स्थान में ही हो रहा है | आपके लिए यह गोचर अत्यन्त भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आपके कार्य में प्रगति तथा आय में वृद्धि के संकेत हैं | नौकरी में हैं तो पदोन्नति के संकेत हैं | नौकरी की खोज इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | अपना स्वयं का कार्य है तो आपको कुछ नवीन प्रोजेक्ट्स प्राप्त हो सकते हैं जिनमें आप काफी समय तक व्यस्त रहकर अर्थलाभ कर सकते हैं | यदि प्रॉपर्टी के व्यवसाय में हैं अथवा अपने स्वयं के लिए कोई प्रॉपर्टी खरीदना अथवा बेचना चाहते हैं तो उसके लिए यह गोचर अत्यन्त उपयुक्त प्रतीत होता है | परिवार के किसी सदस्य की ओर से भी कोई शुभ समाचार आपको प्राप्त हो सकता है | परिवार में किसी नए सदस्य का आगमन भी सम्भव है | पिटा का सहयोग आपको उपलब्ध रहेगा | आध्यात्मिक तथा धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि की भी सम्भावना है |
कन्या : आपका तृतीयेश और अष्टमेश होकर मंगल का गोचर आपके अष्टम भाव में हो रहा है | अचानक ही किसी ऐसे स्रोत से आर्थिक लाभ की सम्भावना है जहाँ की आपने कल्पना भी नहीं की होगी | किसी वसीयत के माध्यम से आपको प्रॉपर्टी का लाभ भी हो सकता है | आपके छोटे भाई बहनों के लिए भी लाभ की सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है | भाई बहनों के साथ सम्बन्धों में किसी प्रकार का तनाव सम्भव है | सम्भव है आपको किसी कार्य में आरम्भ में व्यवधान का भी अनुभव हो | किन्तु वह व्यवधान अधिक समय नहीं रहेगा और आपका कार्य पुनः आगे बढ़ सकता है | आपकी वाणी इस अवधि में अत्यन्त प्रभावपूर्ण रहेगी और आपके कार्य में आपको उसका लाभ भी प्राप्त होगा | मन्त्र सिद्धि के लिए समय अनुकूल प्रतीत होता है | अपने खान पान पर तथा वाणी पर नियन्त्रण रखने तथा स्वास्थ्य की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | रक्त से सम्बन्धित कोई समस्या है अथवा ब्लड प्रेशर जैसी समस्या है तो उसे गम्भीरता से लेने की आवश्यकता है | साथ ही क्रोध पर नियन्त्रण रखने की भी आवश्यकता है |
तुला : आपका द्वितीयेश और सप्तमेश होकर मंगल का गोचर आपके सप्तम भाव में हो रहा है | कार्य की दृष्टि से तथा आर्थिक दृष्टि से यह गोचर आपके लिए तथा आपके जीवन साथी के लिए अत्यन्त अनुकूल प्रतीत होता है | अचानक ही आपको किसी घनिष्ठ मित्र के माध्यम से नवीन प्रोजेक्ट्स प्राप्त हो सकते हैं जिनके कारण आप बहुत समय तक व्यस्त रहते हुए अर्थ लाभ कर सकते हैं | किन्तु पार्टनरशिप में कोई भी कार्य आपके लिये अनुकूल नहीं रहेगा | किसी अन्य की बातों में आकर अथवा किसी से प्रभावित होकर कोई कार्य न करें अन्यथा धनहानि सम्भव है | अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की भी आवश्यकता है | साथ ही यदि अपनी वाणी पर नियन्त्रण नहीं रखा तो दाम्पत्य जीवन तथा प्रेम सम्बन्धों में तनाव उत्पन्न हो सकता है | विवाह के लिए यह गोचर अनुकूल नहीं प्रतीत होता |
वृश्चिक : आपका लग्नेश और षष्ठेश होकर मंगल आपके छठे भाव में गोचर कर रहा है | विदेश यात्राएँ करनी पड़ सकती हैं किन्तु इन यात्राओं में आपको स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है | किन्तु आपके उत्साह में तथा निर्णायक क्षमता में वृद्धि के कारण आपके कार्य की दृष्टि से यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | कोई नवीन कार्य आपको प्राप्त हो सकता है, किन्तु सोच समझ कर ही आगे बढें | यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसका परिणाम आपके पक्ष में आ सकता है | शत्रु पक्ष को परास्त करने में सक्षम रहेंगे | किसी नई नौकरी की तलाश है तो वह भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे लोगों के लिए तथा स्पोर्ट्स से जुड़े लोगों के लिए यह गोचर अनुकूल परिणाम देने वाला प्रतीत होता है |
धनु : आपकी राशि के लिए पंचमेश तथा द्वादशेश होकर मंगल का गोचर आपके पंचम भाव में ही हो रहा है | आपके लिए उत्साह में वृद्धि के संकेत प्रतीत होते हैं | कार्य की दृष्टि से तथा आर्थिक दृष्टि से यह गोचर आपके लिए अनुकूल प्रतीत होता है | आपकी सन्तान के लिए भी ये गोचर लाभदायक प्रतीत होता है | यदि आपकी सन्तान विवाह योग्य है तो उसके विवाह की भी सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है | अपने तथा अपनी सन्तान के स्वास्थ्य की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | उच्च शिक्षा अथवा किसी सेमीनार आदि में भाग लेने के लिए यात्रा करनी पड़ सकती है | यदि अपने क्रोध पर नियन्त्रण नहीं रखा ओ सम्बन्धों में दरार पड़ते देर नहीं लगेगी | सन्तान के साथ भी व्यर्थ की बहस से बचने का प्रयास करें |
मकर : आपके चतुर्थेश और एकादशेश का गोचर आपके चतुर्थ भाव में हो रहा है | कार्य में प्रगति तथा आर्थिक स्थिति में दृढ़ता के संकेत भी हैं | नौकरी में हैं तो पदोन्नति के साथ ही किसी ऐसे स्थान पर आपका ट्रांसफर भी हो सकता है जहाँ आप पहले से जाना चाहते थे | यदि अपने लिए नया वाहन अथवा मकान खरीदना चाहते हैं तो उसके लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | पारिवारिक स्तर पर वातावरण सौहार्दपूर्ण बना रहेगा किन्तु किसी घनिष्ठ मित्र के साथ किसी प्रकार का मनमुटाव इस अवधि में सम्भव है | साथ ही, यदि नौकरी में हैं अथवा पार्टनरशिप में कोई व्यवसाय है तो अधिकारीवर्ग से तथा पार्टनर के साथ किसी प्रकार की बहस आपके हित में नहीं रहेगी | अच्छा यही रहेगा कि जो लोग आपसे सहमत न हों उन पर किसी प्रकार का दबाव डालने का प्रयास न करें |
कुम्भ : आपके लिए आपके तृतीयेश और दशमेश का गोचर आपकी राशि से तृतीय भाव में हो रहा है | यह गोचर उत्साहवर्द्धक तथा कार्य की दृष्टि से भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है, किन्तु आवश्यकता से अधिक उत्साह का प्रदर्शन कभी कभी हानिकारक भी हो सकता है अतः उस ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | आपको अपने छोटे भाई बहनों तथा सन्तान का सहयोग प्राप्त होता रहने की सम्भावना है | परिवार में सौहार्द का वातावरण बना रहने की सम्भावना है | स्वयं का व्यवसाय तो उसमें लाभ की सम्भावना है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति के साथ अर्थलाभ की भी सम्भावना है | अधिकारीगणों तथा घनिष्ठ मित्रों का सहयोग निरन्तर प्राप्त रहेगा | धार्मिक गतिविधियों में रूचि में वृद्धि हो सकती है | पॉलिटिक्स में जो लोग हैं उनके लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है |
मीन : आपके लिए आपका द्वितीयेश और भाग्येश आपके द्वितीय भाव में गोचर कर रहा है | आपके लिए गोचर अत्यन्त भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | नौकरी में पदोन्नति तथा मान सम्मान में वृद्धि के संकेत प्रतीत होते हैं | पॉलिटिक्स में हैं तो वहाँ भी किसी उच्च पद के प्राप्ति की सम्भावना है | अपना स्वयं का व्यवसाय है तो उसमें उन्नति तथा आर्थिक लाभ की सम्भावना भी की जा सकती है | आकस्मिक लाभ के संकेत भी प्रतीत होते हैं | आपकी रूचि धार्मिक गतिविधियों में भी बढ़ सकती है | आपकी सन्तान के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | सम्बन्धों में सौहार्द बनाए रखने के लिए वाणी पर तथा स्वास्थ्य के लिए खान पान पर नियन्त्रण रखने की आवश्यकता है |
अन्त में, ये समस्त फल सामान्य अर्थात Common हैं | किसी एक ही ग्रह के गोचर के आधार पर स्पष्ट फलादेश नहीं किया जा सकता | उसके लिए कुण्डली का विविध सूत्रों के आधार पर व्यापक अध्ययन आवश्यक है | साथ ही, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं | सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…