भाद्रपद मास के व्रतोत्सव
भाद्रपद मास – 13 अगस्त से 10 सितम्बर – के व्रतोत्सव
शुक्रवार बारह अगस्त को प्रातः 7:05 पर श्रावण पूर्णिमा समाप्त हो जाएगी और कृष्ण प्रतिपदा के साथ ही बालव करण और सौभाग्य योग में भाद्रपद मास आरम्भ हो जाएगा | क्योंकि सूर्योदय काल में तेरह अगस्त को प्रतिपदा तिथि होगी अतः इसी दिन से विधिवत भाद्रपद मास का आरम्भ माना जाएगा |
भाद्रपद माह का वैदिक नाम नभस्य है तथा इसमें तीन नक्षत्र आते हैं – शतभिषज और दोनों भाद्रपद – यानी पूर्वा भाद्रपद और उत्तर भाद्रपद | इन दोनों नक्षत्रों को प्रौष्ठ भी कहा जाता है जो एक प्रकार की मछली के लिए प्रयुक्त होता है – इसीलिए भाद्रपद मास को प्रौष्ठपद मास भी कहा जाता है | नभस्य माह में शुक्ल चतुर्दशी-पूर्णिमा तिथि को पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का उदय होता है इसलिए इसका हिन्दी नाम भाद्रपद हुआ | “नभ की ही भाँति नभस्य शब्द से भी आभास हो जाता है इस मास में नभ की क्रियाशीलता का – मेघों की क्रीड़ाओं का – यही कारण है कि यह मास भी चातुर्मास अर्थात वर्षाकाल के चार महीनों में से एक है |
भाद्रपद – जिसमें मूल शब्द ही भद्र अर्थात शुभ, सौभाग्य, अनुकूल, प्रसन्नता प्रदान करने वाला है – मास में धार्मिक कार्यों के साथ-साथ स्नान, दान, और व्रत आदि करने आदि का भी विशेष महत्व है | इस मास में भगवान शिव और माता पार्वती, भगवान विष्णु, भगवान श्रीकृष्ण के साथ श्री गणेश जी भगवान की पूजा करना उत्तम होता है. कजरी और हरतालिका तीज तथा श्री कृष्ण जन्माष्टमी जैसे बड़े पर्व इसी मास में आते हैं | साथ भाद्रपद पूर्णिमा जिसे प्रौष्ठ पूर्णिमा भी कहा जाता है – से ही श्राद्ध पक्ष भी आरम्भ हो जाता है | जैन सम्प्रदाय के पर्यूषण पर्व और दशलाक्षण पर्व भी इसी माह में आते हैं |
अस्तु, इस मास में आने वाले सभी पर्वों की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत है मास के प्रमुख व्रतोत्सवों की सूची…
शनिवार 13 अगस्त – भाद्रपद कृष्ण प्रतिपदा/द्वितीया / भाद्रपद मास का आरम्भ
रविवार 14 अगस्त – भाद्रपद कृष्ण तृतीया / कजरी तीज
सोमवार 15 अगस्त – भाद्रपद कृष्ण चतुर्थी / बहुला चतुर्थी / हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी
मंगलवार 16 अगस्त – भाद्रपद कृष्ण पञ्चमी / 12 अगस्त से आरम्भ हुए चोर पंचक समाप्त रात्रि 9:07 पर
बुधवार 17 अगस्त – भाद्रपद कृष्ण षष्ठी / हल षष्ठी / बलराम जयन्ती / सिंह संक्रान्ति – सूर्य का सिंह में गोचर
गुरूवार 18 अगस्त – भाद्रपद कृष्ण सप्तमी/अष्टमी / श्री कृष्ण जन्म महोत्सव स्मार्तों का
शुक्रवार 19 अगस्त – भाद्रपद कृष्ण अष्टमी / श्री कृष्ण जन्माष्टमी वैष्णवों की / दही हांडी
शनिवार 20 अगस्त – भाद्रपद कृष्ण नवमी / गोगा नवमी
मंगलवार 23 अगस्त – भाद्रपद कृष्ण एकादशी / अजा एकादशी
बुधवार 24 अगस्त – भाद्रपद कृष्ण द्वादशी / प्रदोष व्रत
गुरूवार 25 अगस्त – भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी / श्वेताम्बर जैन समाज का पर्यूषण पर्व आरम्भ
शुक्रवार 26 अगस्त – भाद्रपद कृष्ण चतुर्दशी / दर्श अमावस्या / पिठौरी अमावस्या
शनिवार 27 अगस्त – भाद्रपद कृष्ण अमावस्या / अन्वाधान
मंगलवार 30 अगस्त – भाद्रपद शुक्ल तृतीया / वाराह जयन्ती / हरतालिका तीज
बुधवार 31 अगस्त – भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी / गणेश चतुर्थी / पर्यूषण पर्व का समापन / दिगम्बर जैन समाज का दशलाक्षण पर्व आरम्भ
गुरूवार 1 सितम्बर – भाद्रपद शुक्ल पञ्चमी / ऋषि पञ्चमी
शनिवार 3 सितम्बर – भाद्रपद शुक्ल सप्तमी / ललिता सप्तमी / दूर्वा अष्टमी / महालक्ष्मी व्रतारम्भ
रविवार 4 सितम्बर – भाद्रपद शुक्ल अष्टमी / राधा अष्टमी
सोमवार 5 सितम्बर – भाद्रपद शुक्ल नवमी/दशमी / सुगन्ध दशमी व्रत
मंगलवार 6 सितम्बर – भाद्रपद शुक्ल एकादशी / परिवर्तिनी एकादशी स्मार्त
बुधवार 7 सितम्बर – भाद्रपद शुक्ल एकादशी/द्वादशी / वामन जयन्ती / परिवर्तिनी एकादशी वैष्णव
गुरूवार 8 सितम्बर – भाद्रपद शुक्ल त्रयोदशी / प्रदोष व्रत / जैन समाज का रत्नत्रय पर्व आरम्भ
शुक्रवार 9 सितम्बर – भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी / अनन्त चतुर्दशी / गणेश विसर्जन
शनिवार 10 सितम्बर – भाद्रपद पूर्णिमा / प्रौष्ठपदी पूर्णिमा / पूर्णिमा श्राद्ध / पितृ पक्ष आरम्भ / रत्नत्रय पर्व का समापन
रविवार 11 सितम्बर – आश्विन कृष्ण प्रतिपदा / दशलाक्षण पर्व सम्पन्न
हम सभी त्रिदेवों की पूजा अर्चना करते हुए अपने दिवंगत पूर्वजों को श्रद्धा सुमन समर्पित करें ताकि सभी की कृपा दृष्टि समस्त संसार पर बनी रहे…