श्राद्ध पर्व की तिथियाँ

श्राद्ध पर्व की तिथियाँ

श्राद्ध पर्व की तिथियाँ

भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी यानी शुक्रवार नौ सितम्बर को क्षमावाणी के साथ जैन मतावलम्बियों के दशलाक्षण पर्व का समापन हो चुका है | इसी दिन अनन्त चतुर्दशी का पावन पर्व भी मनाया गया | इस दिन अनन्त भगवान की पूजा करके संकटों से रक्षा करने वाला अनन्त सूत्र बांधा जाता है | आज भाद्रपद अथवा प्रौष्ठपदी पूर्णिमा के दिन पूर्णिमा का श्राद्ध होकर सोलह दिनों का श्राद्ध पक्ष आरम्भ हो रहा है जो 25 सितम्बर को महालया के साथ सम्पन्न हो जाएगा और 26 सितम्बर से कलश स्थापना के साथ भगवती की उपासना के दशदिवसीय पर्व शारदीय नवरात्र आरम्भ हो जाएँगे | श्राद्ध को अनेक स्थानों पर “कनागत” भी कहा जाता है | कल बात चल रही थी पूज्य मामा जी श्री सुवीर शर्मा आहिताग्नि जी से – जो न केवल प्रकाण्ड वेदपाठी ब्राह्मण हैं अपितु हिन्दी, संस्कृत तथा अंग्रेज़ी भाषाओं के भी बहुत बड़े ज्ञाता हैं | बात बात में उन्होंने कनागत शब्द की जो व्युत्पत्ति समझाई उस ओर हमारा भी कभी ध्यान ही नहीं गया था – कन्यायां गतः सूर्यः इति कन्यागतः – अर्थात इस समय सूर्य प्रायः कन्या राशि में विद्यमान रहता है इस कारण से इस पक्ष को “कन्यागतः” कहा जाता था – जो कालान्तर में अपभ्रंश होता हुआ “कनागत” बन गया | चन्द्रमा की गति के अनुसार कभी इसमें कुछ दिनों का अन्तर हो भी सकता है, किन्तु प्रायः श्राद्ध पक्ष के समाप्त होते होते भगवान भास्कर कन्या राशि में प्रस्थान कर जाते हैं | इस वर्ष भी शनिवार 17 सितम्बर आश्विन कृष्ण सप्तमी को प्रातः सात बजकर बाईस मिनट के लगभग सूर्य का संक्रमण कन्या राशि में हो रहा है | यों तो आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से 15 दिन के पितृ पक्ष का आरम्भ माना जाता है | किन्तु जिनके प्रियजन पूर्णिमा को ब्रह्मलीन हुए हैं, जिनकी अकाल मृत्यु हुई है अथवा जिनके देहावसान की तिथि के विषय में ज्ञात नहीं है उनका श्राद्ध पक्ष आरम्भ होने से एक दिन पूर्व अर्थात भाद्रपद पूर्णिमा को करने का विधान है |

इस वर्ष श्राद्ध की तिथियाँ इस प्रकार रहेंगी…

शनिवार 10 सितम्बर – भाद्रपद पूर्णिमा – पूर्णिमा का श्राद्ध

रविवार 11 सितम्बर – आश्विन कृष्ण प्रतिपदा आश्विन मासारम्भ / श्राद्ध पक्षारम्भ / प्रतिपदा का श्राद्ध

सोमवार 12 सितम्बर – आश्विन कृष्ण द्वितीया / द्वितीया का श्राद्ध

मंगलवार 13 सितम्बर – आश्विन कृष्ण तृतीया / तृतीया का श्राद्ध

बुधवार 14 सितम्बर – आश्विन कृष्ण चतुर्थी / चतुर्थी का श्राद्ध

गुरूवार 15 सितम्बर – आश्विन कृष्ण पञ्चमी / पञ्चमी का श्राद्ध

शुक्रवार 16 सितम्बर – आश्विन कृष्ण षष्ठी / षष्ठी का श्राद्ध

शनिवार 17 सितम्बर – आश्विन कृष्ण सप्तमी / सप्तमी का श्राद्ध

रविवार 18 सितम्बर – आश्विन कृष्ण अष्टमी / अष्टमी का श्राद्ध

सोमवार 19 सितम्बर – आश्विन कृष्ण नवमी / नवमी का श्राद्ध

मंगलवार 20 सितम्बर – आश्विन कृष्ण दशमी / दशमी का श्राद्ध

बुधवार 21 सितम्बर – आश्विन कृष्ण एकादशी / एकादशी का श्राद्ध

गुरूवार 22 सितम्बर – आश्विन कृष्ण द्वादशी / द्वादशी का श्राद्ध

शुक्रवार 23 सितम्बर – आश्विन कृष्ण त्रयोदशी / त्रयोदशी का श्राद्ध

शनिवार 24 सितम्बर – आश्विन कृष्ण चतुर्दशी / चतुर्दशी का श्राद्ध

रविवार 25 सितम्बर – आश्विन अमावस्या / पितृविसर्जनी अमावस्या / महालया

आज हम जो कुछ भी हैं उन्हीं अपने पूर्वजों के कारण हैं… हमारा अस्तित्व उन्हीं के कारण है… उनके उपकारों का कुछ मोल तो नहीं दिया जा सकता, किन्तु उनके प्रति श्रद्धा सुमन तो समर्पित किये ही जा सकते हैं… तो आइये श्रद्धापूर्वक अपने पूर्वजों का स्मरण करते हुए समर्पित करें उनके प्रति श्रद्धा-सुमन…

————कात्यायनी———-