शुक्र का कन्या राशि में गोचर

शुक्र का कन्या राशि में गोचर

शुक्र का कन्या राशि में गोचर

शनिवार 24 सितम्बर, आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को शकुनि करण और शुभ योग में रात्रि नौ बजकर तीन मिनट के लगभग समस्त सांसारिक सुख, समृद्धि, विवाह, परिवार सुख, कला, शिल्प, सौन्दर्य, बौद्धिकता, राजनीति तथा समाज में मान प्रतिष्ठा में वृद्धि आदि का कारक शुक्र शत्रु ग्रह सूर्य की सिंह राशि से निकल कर मित्र ग्रह बुध की कन्या राशि में प्रविष्ट हो जाएगा | इस प्रस्थान के समय शुक्र उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र पर होगा | यहाँ विचरण करते हुए शुक्र दो अक्तूबर से हस्त नक्षत्र और तेरह अक्तूबर से चित्रा नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए अन्त में 18 अक्तूबर को रात्रि 9:40 के लगभग अपनी स्वयं की राशि तुला में प्रवेश कर जाएगा | कन्या राशि में भ्रमण की इस सम्पूर्ण अवधि में शुक्र अस्त ही रहेगा | कन्या राशि शुक्र की वृषभ राशि से पञ्चम भाव तथा तुला राशि से बारहवाँ भाव बनता है, तथा कन्या राशि के लिए शुक्र द्वितीयेश और भाग्येश बन जाता है | शुक्र पर यहाँ रहते हुए गुरु की दृष्टि बनी रहेगी | उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी सूर्य, हस्त का नक्षत्र का स्वामी चन्द्रमा तथा चित्रा नक्षत्र का स्वामी ग्रह मंगल है | आइये जानने का प्रयास करते हैं कि प्रत्येक राशि के लिए शुक्र के कन्या राशि में गोचर के सम्भावित परिणाम क्या रह सकते हैं…

मेष : शुक्र आपका द्वितीयेश और सप्तमेश होकर आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहा है | एक ओर आपके उत्साह और मनोबल में वृद्धि के संकेत हैं तो वहीं दूसरी ओर आपके लिए यह गोचर चुनौतियों से भरा प्रतीत होता है | उन मित्रों को पहचानकर उनसे दूर होने की आवश्यकता है जो आपसे प्रेम दिखाते हैं लेकिन मन में ईर्ष्या का भाव रखते हैं | पार्टनरशिप में कोई व्यवसाय है तो उसमें व्यवधान उत्पन्न हो सकता है | प्रेम सम्बन्धों और वैवाहिक जीवन में आपकी वाणी के कारण किसी प्रकार की दरार के संकेत हैं | किन्तु यदि आप कलाकार अथवा वक्ता हैं तो आपके कार्य की दृष्टि से अनुकूल समय प्रतीत होता है | किसी कोर्ट केस का निर्णय आपके पक्ष में आ सकता है |

वृषभ : आपका राश्यधिपति तथा षष्ठेश होकर शुक्र आपके पंचम भाव में गोचर कर रहा है | सन्तान के साथ यदि कुछ समय से किसी प्रकार की अनबन चल रही है तो उसके दूर होने की सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है | मान सम्मान में वृद्धि के संकेत हैं | नौकरी के लिए इन्टरव्यू दिया है तो उसमें भी सफलता की सम्भावना है | यदि किसी नौकरी में हैं तो उसमें पदोन्नति की सम्भावना भी की जा सकती है | कार्य स्थल में वातावरण आपके अनुकूल रह सकता है | सन्तान के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन होने की सम्भावना है |

मिथुन : आपका पंचमेश और द्वादशेश होकर शुक्र का गोचर आपकी राशि से चतुर्थ भाव में हो रहा है | उत्साह में वृद्धि का समय प्रतीत होता है | आप कोई नया वाहन अथवा घर खरीदने की योजना बना सकते हैं | किन्तु परिवार में किसी प्रकार के तनाव की भी समभावना है | स्वास्थ्य की दृष्टि से यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | किन्तु महिलाओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है | आपके तथा आपकी सन्तान की विदेश यात्राओं में भी वृद्धि हो सकती है |

कर्क : आपका चतुर्थेश और एकादशेश होकर शुक्र का गोचर आपकी राशि से तीसरे  भाव में हो रहा है | आपके मित्रों तथा सम्बन्धियों में वृद्धि के योग हैं | भाई बहनों तथा सहकर्मियों के साथ सम्बन्धों में माधुर्य बना रहने की सम्भावना है | आपकी किसी बहन का विवाह भी इस अवधि में सम्भव है | आर्थिक स्थिति में दृढ़ता के संकेत हैं | किसी महिला मित्र के माध्याम से धन प्राप्ति के भी योग बन रहे हैं | प्रॉपर्टी अथवा वाहनों की खरीद फरोख्त में लाभ की सम्भावना है |

सिंह : आपका तृतीयेश और दशमेश होकर शुक्र का गोचर आपकी राशि से दूसरे भाव में हो रहा है | आपकी वाणी तथा व्यक्तित्व में निखार आने के साथ ही आपको किसी प्रकार का पुरूस्कार आदि भी प्राप्त हो सकता है | यदि आप दस्कार हैं, कलाकार हैं अथवा सौन्दर्य प्रसाधनों से सम्बन्धित कोई कार्य आपका है, या मीडिया से किसी प्रकार सम्बद्ध हैं तो आपके कार्य की प्रशंसा के साथ ही आपको कुछ नए प्रोजेक्ट्स भी प्राप्त होने की सम्भावना है | इन प्रोजेक्ट्स के कारण आप बहुत दीर्घ समय तक व्यस्त रह सकते हैं तथा अर्थ लाभ कर सकते हैं |

कन्या : आपका द्वितीयेश और भाग्येश होकर शुक्र आपकी राशि में ही गोचर कर रहा है | आर्थिक रूप से स्थिति में दृढ़ता आने के साथ ही आपके लिए कार्य से सम्बन्धित लम्बी विदेश यात्राओं के योग भी प्रतीत होते हैं | आपको कुछ नवीन प्रोजेक्ट्स भी प्राप्त हो सकते हैं जिनके कारण आप बहुत समय तक व्यस्त रह सकते हैं | आपकी वाणी तथा व्यक्तित्व ऐसा है कि लोग स्वयं ही आपकी ओर आकर्षित हो जाते हैं | धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में आपकी रूचि में वृद्धि हो सकती है | आपकी सन्तान के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है और सन्तान का सुख आपको प्राप्त रहेगा |

तुला : लग्नेश और अष्टमेश होकर शुक्र आपकी राशि से बारहवें भाव में गोचर कर रहा है | स्वास्थ्य की दृष्टि से यह गोचर अनुकूल नहीं प्रतीत होता | लम्बी विदेश यात्राओं के योग हैं, किन्तु इन यात्राओं के दौरान आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की तथा दुर्घटना आदि के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है | साथ ही ऐसा कोई कार्य न करें जिसके कारण आपके मान सम्मान की हानि होने की सम्भावना है |

वृश्चिक : आपके लिए आपका सप्तमेश और द्वादशेश होकर शुक्र का गोचर आपके लाभ स्थान में हो रहा है | कार्य से सम्बन्धित यात्राओं में वृद्धि के साथ ही आर्थिक स्थिति में दृढ़ता के भी संकेत हैं | आप अपने जीवन साथी के साथ कहीं देशाटन के लिए भी जा सकते हैं | आपको अपने मित्रों तथा बड़े भाई का सहयोग प्राप्त होता रहेगा | सामाजिक गतिविधियों में वृद्धि के भी संकेत हैं | यदि किसी प्रेम सम्बन्ध में हैं तो वह विवाह में परिणत हो सकता है | दाम्पत्य जीवन में अन्तरंगता के संकेत हैं |

धनु : आपका षष्ठेश और एकादशेश आपकी राशि से दशम भाव में गोचर कर रहा है | उत्साह में वृद्धि के संकेत हैं | यदि आपका कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसके अनुकूल दिशा में प्रगति की सम्भावना है | यदि आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो उसमें भी आपको सफलता प्राप्त हो सकती है | किन्तु साथ ही विरोधियों की ओर से भी सावधान रहने की आवश्यकता है | किसी बात पर भाई बहनों अथवा बॉस के साथ कोई विवाद भी उत्पन्न हो सकता है | अपने आचरण से थोड़ा Diplomatic होने की आवश्यकता है | साथ ही स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है | पैसे के लेन देन के समय सावधान रहें |

मकर : आपका योगकारक आपकी राशि से नवम भाव में गोचर कर रहा है | आपके कार्य में हर प्रकार से लाभ के संकेत हैं | नौकरी में हैं तो पदोन्नति के साथ स्थानान्तरण के भी संकेत हैं | आपका अपना व्यवसाय है तो उसमें भी प्रगति की सम्भावना है | कलाकारों को किसी प्रकार का पुरूस्कार आदि भी प्राप्त हो सकता है | परिवार में धार्मिक अथवा माँगलिक कार्यों के आयोजनों की सम्भावना है | सामाजिक गतिविधियों में वृद्धि के साथ ही मान प्रतिष्ठा में वृद्धि के भी संकेत हैं | लम्बी दूरी की यात्राओं के भी योग हैं |

कुम्भ : आपका योगकारक शुक्र आपकी राशि से अष्टम भाव में गोचर कर रहा है | परिवार में अप्रत्याशित रूप से किसी विवाद के उत्पन्न होने की सम्भावना है | किन्तु साथ ही भौतिक सुख सुविधाओं में वृद्धि की भी सम्भावना है | आपको किसी वसीयत के माध्यम से प्रॉपर्टी अथवा वाहन का लाभ भी हो सकता है | यदि आप स्वयं कोई प्रॉपर्टी अथवा वाहन खरीदना चाहते हैं तो इस विचार को अभी कुछ समय के लिए स्थगित करना ही हित में होगा | परिवार में माँगलिक आयोजन जैसे किसी का विवाह आदि हो सकते हैं जिनके कारण परिवार में उत्सव का वातावरण बन सकता है | साथ ही धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में आपकी रूचि बढ़ सकती है | मन की भावनाओं पर नियन्त्रण रखने की आवश्यकता है |

मीन : आपके लिए तृतीयेश और अष्टमेश होकर शुक्र का गोचर आपके सप्तम भाव में हो रहा है | छोटे भाई बहनों के कारण जीवन साथी के साथ किसी प्रकार का विवाद सम्भव है | आप स्वयं भी इस दौरान ऐसा कोई कार्य न करें जिसके कारण आपकी मान प्रतिष्ठा को किसी प्रकार की हानि होने की सम्भावना हो | कार्यक्षेत्र में आपको कठिन परिश्रम करना पड़ सकता है | अपने, भाई बहनों के तथा जीवन सतही के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है |

किन्तु ध्यान रहे, ये समस्त फल सामान्य हैं | व्यक्ति विशेष की कुण्डली का व्यापक अध्ययन करके ही किसी निश्चित परिणाम पर पहुँचा जा सकता है | साथ ही, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं – यह एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसका प्रभाव मानव सहित समस्त प्रकृति पर पड़ता है अवश्य, किन्तु वास्तव में तो सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…