फाल्गुन मास के व्रतोत्सव
फाल्गुन मास – 6 फरवरी से 7 मार्च – के व्रतोत्सव
सोमवार 6 फरवरी को वर्ष का अन्तिम मास – फाल्गुन मास आरम्भ हो जाएगा | फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा का आगमन 5 फरवरी को अर्द्ध रात्रि में बारह बजे लगभग होगा | 6 फरवरी को सूर्योदय 7:06 पर है और इस समय मकर लग्न में सूर्य, कुम्भ में शनि और शुक्र, मीन में गुरु तथा चन्द्रमा स्वराशि में है | साथ ही इस समय बालव करण और सौभाग्य अतिगण्ड योग होगा | फाल्गुन मास की पूर्णिमा को फाल्गुन नक्षत्र पर चन्द्रमा विचरण करता है इसलिए इसका नाम फाल्गुन है | महाशिवरात्रि तथा जीवन के सभी रंगों को एक रंग में समाहित कर देने वाला अध्यात्म तथा प्रेम का बहुरंगी पर्व होली भी इसी मास में आता है | ऐसी भी मान्यता है कि सीता जी का तथा चन्द्रमा का जन्म इसी माह में हुआ था | ये एक ऐसा महीना होता है जब न अधिक ठिठुराती ठण्ड शीत होती है और न ही ग्रीष्म का ताप तपाता है – ऐसे मौसम में स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की विशेष रूप से आवश्यकता होती है | अपनी जीवन शैली तथा खान पान में सुधार करने की आवश्यकता होती है |
इस माह का आगमन ही हर दिशा में रंगों की वर्षा सी करता प्रतीत होता है | मन को लुभा लेने वाला जादू हर दिशा में छा जाता है | प्रकृति की अनुपम छटा इस मास में दीख पड़ती है | साथ ही पतझड़ की समाप्ति हो जाने के कारण यह इस तथ्य का भी प्रतीक है कि कोई भी समस्या सदा के लिए नहीं होती – हर समस्या का समय आने पर अन्त अवश्य होता है और नवीन जीवन का आरम्भ होता है | मान्यता है कि इस मास में ब्रह्म मुहूर्त में जाग कर यदि भगवान भास्कर की उपासना की जाए तो सूर्य की सहस्र रश्मियों के साथ स्वास्थ्य लाभ होता है | ऐसा सम्भवतः इसलिए भी माना जाता हो कि हेमन्त ऋतु के इस भगवान भास्कर ही अपनी धवल धूप द्वारा कडाके की शीत लहर को दूर भगाते हैं | चारों ओर कामदेव के प्रिय मित्र ऋतुराज वसन्त के श्रृंगार पलाश की आभा प्रसारित हो जाती है | यही कारण है इस महीने को आनन्द और उल्लास का महीना कहा जाता है | साथ ही वसन्त का प्रभाव होने के कारण इस महीने में प्रेम और पारस्परिक सम्बन्धों में भी प्रगाढ़ता में वृद्धि होती है |
इस मास में आने वाले सभी पर्वों की अग्रिम रूप से अनेकशः हार्दिक शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत है इस माह में आने वाले प्रमुख व्रतोत्सवों की सूची…
सोमवार 6 फरवरी – फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा / तिथ्यारम्भ 5 फरवरी अर्द्ध रात्रि में बारह बजे से 6 फरवरी को अर्द्धरात्र्योत्तर 2:18 तक / फाल्गुन मास आरम्भ
गुरूवार 9 फरवरी – फाल्गुन कृष्ण चतुर्थी / संकष्टी चतुर्थी
सोमवार 13 फरवरी – फाल्गुन कृष्ण सप्तमी / कुम्भ संक्रान्ति / सूर्य का कुम्भ में गोचर प्रातः 9:45 पर
गुरूवार 16 फरवरी – फाल्गुन कृष्ण एकादशी / विजया एकादशी स्मार्त
शुक्रवार 17 फरवरी – फाल्गुन कृष्ण एकादशी / द्वादशी / विजया एकादशी वैष्णव
शनिवार 18 फरवरी – फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी / शनि त्रयोदशी / प्रदोष व्रत / महाशिवरात्रि व्रत
रविवार 19 फरवरी – फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी / अन्वाधान / दर्श अमावस्या
सोमवार 20 फरवरी – फाल्गुन अमावस्या / सोमवती अमावस्या
मंगलवार 21 फरवरी – फाल्गुन शुक्ल प्रतिपदा / द्वितीया / फुलेरा दूज
रविवार 26 फरवरी – फाल्गुन शुक्ल सप्तमी / भानु सप्तमी
सोमवार 27 फरवरी – फाल्गुन शुक्ल अष्टमी / होलाष्टक आरम्भ
बुधवार 1 मार्च – फाल्गुन शुक्ल दशमी / रंग दशमी
गुरूवार 2 मार्च – फाल्गुन शुक्ल एकादशी स्मार्त / रंग की एकादशी
शुक्रवार 3 मार्च – फाल्गुन शुक्ल एकादशी वैष्णव / आमलकी एकादशी
शनिवार 4 मार्च – फाल्गुन शुक्ल द्वादशी / प्रदोष व्रत
मंगलवार 7 मार्च – फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा / वसन्त पूर्णिमा / छोटी होली / पूर्णिमा तिथि आरम्भ 6 मार्च को सायं 4:17 से 7 मार्च को सायं 6:09 तक / होलिका दहन मुहूर्त 7 मार्च को सायं 6:24 से रात्रि 8:51 तक सिंह लग्न, बव करण और धृति योग में / चैतन्य महाप्रभु जयन्ती / फाल्गुन मास समाप्त
बुधवार 8 मार्च – चैत्र कृष्ण प्रतिपदा / होली / धुलेण्डी
फाल्गुन मास में आने वाले सभी पर्व सभी के लिए मंगलमय हों यही कामना है…