शुक्र का वृषभ में गोचर

शुक्र का वृषभ में गोचर

शुक्र का वृषभ में गोचर

गुरुवार 6 अप्रैल, चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को बालव करण और व्याघात योग में प्रातः ग्यारह बजे के लगभग समस्त सांसारिक सुख, समृद्धि, विवाह, परिवार सुख, कला, शिल्प, सौन्दर्य, बौद्धिकता, राजनीति तथा समाज में मान प्रतिष्ठा में वृद्धि आदि का कारक शुक्र अपनी स्वयं की राशि वृषभ में प्रस्थान करेगा | शुक्र इस समय कृत्तिका नक्षत्र पर होगा | यहाँ से पन्द्रह अप्रैल से रोहिणी तथा छब्बीस अप्रैल से मृगशिरा नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए अन्त में दो मई को दिन में 13:49 के लगभग बुध की मिथुन राशि में प्रविष्ट हो जाएगा | आइये जानने का प्रयास करते हैं कि प्रत्येक राशि के जातकों के लिए शुक्र के वृषभ में गोचर के सम्भावित परिणाम क्या रह सकते हैं…

किन्तु ध्यान रहे, उपरोक्त परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है |

मेष : शुक्र आपका द्वितीयेश और सप्तमेश होकर आपके द्वितीय भाव में गोचर कर रहा है | आपको तथा आपके जीवन साथी को धनलाभ के साथ अच्छे स्वादिष्ट भोजन का आनन्द भी प्राप्त होता रह सकता है | परिवार में माँगलिक आयोजनों की भी सम्भावना है | आपका अपना व्यवसाय है अथवा पार्टनरशिप में कोई कार्य कर रहे हैं तो उसमें प्रगति तथा उसके माध्यम से धनलाभ की सम्भावना है | कोई नया कार्य इस अवधि में करना चाहते हैं तो जीवन साथी की पार्टनरशिप में लाभदायक सिद्ध हो सकता है | यदि ऐसा नहीं भी है तो जीवन साथी से अपने कार्य में सहायता अवश्य लें | आपकी वाणी इस समय अत्यन्त प्रभावशाली हो सकती है | पॉलिटिक्स से जुड़े लोगों के लिए यह गोचर भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | अविवाहित हैं तो जीवन साथी की खोज भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है |

वृषभ : आपका राश्यधिपति तथा षष्ठेश होकर शुक्र आपकी लग्न में ही गोचर कर रहा है | आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तनों के संकेत प्रतीत होते हैं | कुछ भी नया करना चाहते हैं तो परिवार के सदस्यों के साथ उस पर विचार विमर्श करके ही आगे बढ़ें, अन्यथा धनहानि की सम्भावनाएँ हैं | मान सम्मान में वृद्धि की सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है | समस्त प्रकार के भोग विलास के साधनों में आपकी रूचि बढ़ सकती है | जीवन साथी का सहयोग आपको प्राप्त होता रहेगा तथा दाम्पत्य जीवन में मधुरता के भी संकेत हैं | अविवाहित जातकों की जीवन साथी की खोज भी पूर्ण हो सकती है | किन्तु भली भाँति सोच समझकर ही आगे बढ़ना उचित रहेगा | स्वास्थ्य का जहाँ तक प्रश्न है तो विशेष रूप से महिलाओं को अपनी Gynaecologist से Regular Check-up कराते रहना चाहिए |

मिथुन : आपका पंचमेश और द्वादशेश होकर शुक्र का गोचर आपके द्वादश भाव में हो रहा है | आप सुख सुविधाओं पर बहुत धन इस अवधि में खर्च कर सकते हैं | साथ ही आपकी सन्तान कहीं बाहर उच्च शिक्षा के लिए भी जा सकती है | सन्तान के द्वारा भी व्यसनों में धन का अपव्यय हो सकता है | आप स्वयं भी केवल भ्रमण के लिए ही विदेश यात्रा कर सकते हैं | सन्तान तथा जीवन साथी के स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता है |

कर्क : आपका चतुर्थेश और एकादशेश होकर शुक्र का गोचर आपके लाभ स्थान में हो रहा है | आर्थिक दृष्टि से भाग्यवर्द्धक समय प्रतीत होता है | किसी महिला मित्र के माध्यम से आपको कुछ नया कार्य भी प्राप्त हो सकता है | साथ ही वाहन तथा प्रॉपर्टी की खरीद फ़रोख्त में भी लाभ की सम्भावना है | यदि आप कलाकार हैं तो आपको अपनी कला के प्रदर्शन के अवसर उपलब्ध होंगे जहाँ आपकी कला की प्रशंसा के साथ ही आपको आर्थिक लाभ तथा पुरूस्कार आदि भी प्राप्त होने की सम्भावना है | आपको अधिकारी वर्ग का तथा अपनी माता जी और बड़े भाई बहनों का विशेष सहयोग इस अवधि में प्राप्त रहेगा |

सिंह : आपका तृतीयेश और दशमेश होकर शुक्र का गोचर आपके दशम भाव में राश्यधिपति के साथ ही हो रहा है | यदि आप दस्कार हैं तो आपको अपनी कला के प्रदर्शन के अवसर उपलब्ध होंगे तथा आपके कार्य की प्रशंसा होगी | इसके अतिरिक्त यदि आप लेखक हैं, आप गीत-संगीत-नृत्य के कलाकार हैं, सौन्दर्य प्रसाधनों से सम्बन्धित कोई कार्य करते हैं अथवा ब्यूटी पार्लर का व्यवसाय है या Cosmetic Dentist हैं तो आपके लिए भी यह गोचर विशेष रूप से अनुकूल प्रतीत होता है | अपने कार्य में आपको विशेष रूप से महिलाओं सहकर्मियों का सहयोग प्राप्त होने की सम्भावना है | परिवार में भी आनन्द का वातावरण बना रहने की सम्भावना है |

कन्या : आपका द्वितीयेश और भाग्येश होकर शुक्र भाग्य स्थान में गोचर कर रहा है | आपके लिए भी समय भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आर्थिक रूप से स्थिति में दृढ़ता आने के साथ ही आपके लिए लम्बी विदेश यात्राओं के योग भी प्रतीत होते हैं | आपको महिला मित्रों के माध्यम से कुछ नवीन प्रोजेक्ट्स भी प्राप्त हो सकते हैं जिनके कारण आप बहुत समय तक व्यस्त रह सकते हैं | कार्य के सिलसिले में यात्राओं में वृद्धि के योग भी प्रतीत होते हैं | साथ ही धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में आपकी रूचि में वृद्धि हो सकती है | आप अपनी वाणी से दूसरों को प्रभावित करने में सफल हो सकते हैं |

तुला : लग्नेश और अष्टमेश होकर शुक्र आपकी राशि से अष्टम में गोचर कर रहा है | अप्रत्याशित लाभ की सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है | साथ ही आपकी रूचि रहस्य विद्याओं जैसे ज्योतिष, दर्शन और आध्यात्म के अध्ययन में प्रवृत्त हो सकती है | कोई शोध कार्य यदि आप कर रहे हैं तो वह भी इस अवधि में पूर्ण होने की सम्भावना है | जीवन साथी अथवा प्रेमी / प्रेमिका के साथ सम्बन्धों में अन्तरंगता में वृद्धि के संकेत हैं | किन्तु साथ ही स्वास्थ्य के प्रति भी सावधान रहने की आवश्यकता है | महिलाओं को विशेष रूप से अपनी Gynaecologist से नियमित चेकअप कराने की आवश्यकता है |

वृश्चिक : आपके लिए आपका सप्तमेश और द्वादशेश होकर शुक्र का गोचर आपके सप्तम भाव में हो रहा है | इस अवधि में आपका वैवाहिक जीवन सुखद रहने के संकेत हैं | कार्य की दृष्टि से भी समय अनुकूल प्रतीत होता है | कहीं विदेश से धनलाभ की सम्भावना है | आप जीवन साथी के साथ कहीं विदेश में निवास की योजना भी बना सकते हैं | पॉलिटिक्स से जुड़े लोगों के लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | यदि अविवाहित हैं तो इस अवधि में आपका विवाह भी सम्भव है | किन्तु साथ ही महिलाओं को विशेष रूप से स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई समस्या हो सकती है जिस पर पैसा खर्च हो सकता है | अतः नियमित रूप से अपनी Gynaecologist से चेकअप अवश्य कराती रहें |

धनु : आपका षष्ठेश और एकादशेश आपके छठे भाव में अपनी ही राशि में गोचर कर रहा है | पारिवारिक आयोजनों में अपने मामा अथवा मौसी आदि से भेंट करने के अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं तथा उनके माध्यम से आपको अपने कार्य में भी लाभ मिल सकता है | यदि आपका कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसका परिणाम आपके पक्ष में आ सकता है तथा उसके माध्यम से भी आपको अर्थलाभ हो सकता है | यदि आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो उसमें सफलता प्राप्त होने की सम्भावना है | नई नौकरी की खोज में हैं तो वह भी पूर्ण हो सकती है | किन्तु प्रेम सम्बन्धों में अथवा वैवाहिक जीवन में यदि समझदारी से नहीं चलेंगे तो साथी के साथ मनमुटाव भी हो सकता है |

मकर : आपका योगकारक आपके पंचम भाव में गोचर कर रहा है | एक ओर जहाँ आपके अपने कार्य के लिए यह गोचर अत्यधिक अनुकूल प्रतीत होता है वहीं दूसरी ओर आपकी सन्तान के लिए भी भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आप यदि वर्तमान कार्य छोड़कर कोई नया कार्य आरम्भ करना चाहते हैं तो उसके लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | परिवार में  प्रेम और आनन्द का वातावरण बने रहने की सम्भावना है | सामाजिक गतिविधियों में वृद्धि की सम्भावना है | साथ ही यदि आप कलाकार हैं अथवा सौन्दर्य प्रसाधनों से सम्बन्धित कोई कार्य करते हैं या आपका ब्यूटी पार्लर है तो आपके लिए भी यह गोचर विशेष रूप से अनुकूल प्रतीत होता है |

कुम्भ : आपका भी योगकारक शुक्र आपके चतुर्थ भाव में गोचर कर रहा है | अत्यन्त भाग्यवर्द्धक समय प्रतीत होता है | परिवार में माँगलिक आयोजन जैसे किसी का विवाह आदि हो सकते हैं जिनके कारण परिवार में उत्सव का वातावरण बन सकता है | परिवार में किसी नए सदस्य का आगमन – जैसे बच्चे का जन्म आदि – भी हो सकता है | आप अपने घर को Renovate करा सकते हैं अथवा नया घर या वाहन आदि खरीद सकते हैं | कार्यक्षेत्र में आपका प्रदर्शन सन्तोषजनक रहने की सम्भावना है | साथ ही धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में आपकी रूचि बढ़ सकती है |

मीन : आपके लिए तृतीयेश और अष्टमेश होकर शुक्र का गोचर आपके तृतीय भाव में हो रहा है | आप यदि किसी नौकरी में हैं तो उसमें परिवर्तन की सम्भावना है | साथ ही आपके उत्साह और पराक्रम में वृद्धि की भी सम्भावना है | आप यदि हाथ के कारीगर हैं तो आपको अचानक अपने कार्य के प्रदर्शन का भी अवसर प्राप्त हो सकता है और इसके लिए आपको दूर पास की यात्राएँ भी करनी पड़ सकती हैं | साथ ही जो लोग मीडिया से सम्बन्ध रखते हैं उनके लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | आपको अपने कार्यों में अपने छोटे भाई बहनों का सहयोग भी प्राप्त रहेगा |

अन्त में, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं | सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…