सूर्य का मेष में गोचर
शुक्रवार 14 अप्रैल वैशाख कृष्ण नवमी को दिन में 2:59 के लगभग भगवान् भास्कर अपने एक मित्र गुरु की राशि मीन से निकल कर दूसरे मित्र मंगल की राशि मेष तथा अश्विनी नक्षत्र पर राहु-केतु के मध्य बुध के साथ विचरण करने के लिए प्रस्थान करेंगे – अर्थात इस दिन मेष संक्रान्ति होगी | मेष राशि सूर्य की उच्च राशि भी है तथा सूर्य की अपनी सिंह राशि से नवम भाव है, साथ ही मेष राशि के लिए सूर्य पंचमेश हो जाता है | इस वर्ष मेष संक्रान्ति के समय सिंह लग्न, गर करण और साध्य योग रहेगा | अपनी इस यात्रा के दौरान भगवान भास्कर 28 अप्रेल से भरणी तथा बारह मई से कृत्तिका नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए अन्त में 15 मई को प्रातः 11:45 के लगभग शुक्र की वृषभ राशि में प्रस्थान कर जाएँगे | इस बीच 22 अप्रैल से सूर्य के मित्र देवगुरु बृहस्पति भी मेष राशि में प्रस्थान कर जाएँगे | अतः राहु-केतु के मध्य होते हुए भी मित्र ग्रह के साथ होने के कारण और उच्च राशि में होने के कारण इनको बल प्राप्त होगा | मेष राशिचक्र की प्रथम राशि भी है और सूर्य का मेष में गोचर सौर वर्ष का प्रथम दिवस भी होता है | यों प्रत्येक गृह के गोचर से जीवन में कुछ न कुछ परिवर्तन अवश्य आ सकता है, किन्तु सूर्य क्योंकि आत्मा का कारक ग्रह है, इसलिए सूर्य का गोचर यानी संक्रान्ति का विशेष महत्त्व होता है | इन्हीं समस्त तथ्यों को आधार बनाकर मेष राशि में सूर्य के संक्रमण के जनसाधारण पर होने वाले सम्भावित परिणामों पर दृष्टिपात करने का प्रयास किया गया है…
14 अप्रैल को बैसाखी का उल्लासमय पर्व भी है जो मुख्यतः पंजाब में फसल काटने के बाद नव वर्ष के आरम्भ के रूप में मनाया जाता है | साथ ही 14 से 20 अप्रैल तक असम का नववर्ष “रोंगाली बिहू” का पर्व रहेगा | इसके अतिरिक्त 14 अप्रैल को तमिलनाडु का नव वर्ष “पुथांडू” के रूप में मनाया जाता है और 15 अप्रैल को केरल का नव वर्ष “विशू” का पर्व है तथा बंगाल का नववर्ष “पोइला बोइशाख” भी इसी दिन है | कहने का तात्पर्य यही है कि सूर्य का मेष राशि में संक्रमण इतना अधिक महत्त्वपूर्ण है कि इस अवसर को लगभग पूरे देश में उत्साह के साथ एक विशेष पर्व के रूप में अलग अलग नामों से मनाया जाता है | अस्तु, सर्वप्रथम सभी को बैसाखी, रोंगाली बिहू, पुथांडू, विशू तथा पोइला बोइशाख के साथ मेष संक्रान्ति की अनेकानेक हार्दिक शुभकामनाएँ… प्रस्तुत है सूर्य के मेष राशि में संचार के सम्भावित परिणामों पर एक दृष्टि…
किन्तु ध्यान रहे, ये परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है |
मेष : आपकी राशि में आपका पंचमेश उच्च का हो जाता है, जो स्वयं में एक शुभ गोचर है | यह समय विशेष रूप से विद्यार्थियों के लिए और आपकी सन्तान के लिए अत्यन्त भाग्यवर्द्धक माना जा सकता है | सन्तान की ओर से कोई शुभ समाचार इस अवधि में प्राप्त हो सकता है | इस अवधि में आपके कार्य में उन्नति तथा मान सम्मान में वृद्धि की और किसी प्रकार के पुरूस्कार आदि प्राप्त होने की भी सम्भावना की जा सकती है | आपके उत्साह तथा आत्मविश्वास में वृद्धि होने के साथ ही कार्य के नवीन प्रस्ताव भी आपको प्राप्त हो सकते हैं | आप स्वयं किसी विषय में निपुणता प्राप्त करने का प्रयास कर सकते हैं | इसके अतिरिक्त आपके पिता के लिए भी यह गोचर अनुकूल फल देने वाला प्रतीत होता है | किन्तु जीवन साथी के साथ व्यर्थ की बहस से बचने की आवश्यकता है | स्वास्थ्य की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | माइग्रेन, नींद में कमी तथा जोड़ों अथवा माँसपेशियों से सम्बद्ध कोई समस्या हो सकती है | समय पर डॉक्टर से परामर्श करना उचित रहेगा | साथ ही जितना सम्भव हो खान पान पर ध्यान दें, शीतल पेय पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें और प्राणायाम का अभ्यास करें |
वृषभ : आपका चतुर्थेश होकर सूर्य आपके द्वादश भाव में गोचर कर रहा है | परिवार की ओर से शुभ समाचार प्राप्त हो सकते हैं | परिवार का कोई सदस्य किसी कार्य के लिए कहीं बाहर भी जा सकता है | आपके आत्मविश्वास में वृद्धि का समय है, किन्तु इतना अवश्य ध्यान रहे कि आवश्यकता से अधिक आत्मविश्वास कभी कभी हानिकारक भी हो सकता है | कार्य के सिलसिले में अथवा केवल भ्रमण के लिए ही सपरिवार कहीं विदेश यात्रा पर भी जा सकते हैं | आप किसी सम्पत्ति को बेचने का भी निर्णय इस अवधि में ले सकते हैं | इससे आपको धनलाभ तो होगा, किन्तु इसके कारण परिवार में किसी प्रकार का क्लेश भी सम्भव है | अतः जो भी निर्णय लें परिवार के सदस्यों को विश्वास में लेकर ही आगे बढ़ें | पेट से सम्बन्धित कोई समस्या भी हो सकती है, अतः आपके लिए भी खान पर नियन्त्रण के साथ साथ शीतल और पेय पदार्थों का सेवन तथा प्राणायाम का अभ्यास आवश्यक है | साथ ही ड्राइविंग के समय भी सावधानी रखने की आवश्यकता है | सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की भी आवश्यकता है |
मिथुन : आपका तृतीयेश आपके लाभ स्थान में गोचर कर रहा है | विशेष रूप से आपके भाई बहनों के लिए भाग्यवर्द्धक समय प्रतीत होता है | आप स्वयं भी किसी नौकरी में हैं तो पदोन्नति की सम्भावना है | अपना स्वयं का कार्य है तो उसमें भी लाभ की सम्भावना की जा सकती है | विशेष रूप से प्रॉपर्टी की खरीद फ़रोख्त में लाभ की सम्भावना की जा सकती है | आप कोई नया व्यवसाय आरम्भ करना चाहते हैं तो उसके लिए भी समय अनुकूल प्रतीत होता है | साथ ही नई नौकरी की तलाश में हैं तो इस अवधि में वह तलाश भी आपकी पूर्ण हो सकती है | आपको अपने भाई बहनों का सहयोग प्राप्त होता रहेगा | छात्रों के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता इस अवधि में रहेगी | सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की भी आवश्यकता है | यदि आप गर्भवती महिला हैं और सन्तानोत्पत्ति का समय निकट है तो आपको विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता है |
कर्क : आपका द्वितीयेश आपके कर्मस्थान में गोचर कर रहा है | एक ओर जहाँ इस अवधि में कार्य की अधिकता रह सकती है वहीं दूसरी ओर उसके द्वारा आर्थिक लाभ भी होता रहने की सम्भावना है | आप कोई नया कार्य इस अवधि में करना चाहते हैं तो उसके लिए समय अनुकूल है | कार्य के सिलसिले में किसी ऐसे स्थान की यात्रा करनी पड़ सकती है जहाँ की जलवायु आपके अनुकूल न हो और इसके कारण आपका मन खिन्न हो सकता है | परिवार में किसी भी तनाव से बचने के लिए परिवार के बुजुर्ग सदस्यों की मध्यस्थता से विवाद को निबटाने का प्रयास आपके हित में रहेगा | छोटे भाई बहनों के साथ मानसिक शान्ति भंग हो सकती है | वहीं सामाजिक स्तर पर साथ ही आपके मान सम्मान में वृद्धि के भी संकेत हैं | कुछ नए प्रोजेक्ट्स भी आपको इस अवधि में प्राप्त हो सकते हैं जिनके कारण बहुत समय तक आप व्यस्त रह सकते हैं और धनोपार्जन कर सकते हैं | सूर्य का यह गोचर कर्क राशि के जातकों को विशेष रूप से कर्मयोगी तथा यशस्वी बनाता है | यदि आप राजनीति में हैं तो आपके लिए समय अत्यन्त सफलता देने वाला प्रतीत होता है |
सिंह : आपका राश्यधिपति सूर्य उच्च का होकर आपके भाग्य स्थान में प्रवेश कर रहा है | निश्चित रूप से भाग्यवर्द्धक समय है | यदि पिछले कुछ समय से आप अपने कार्य को लेकर अथवा किसी अन्य कारण से चिन्तित हैं तो इस अवधि में वह चिन्ता आपकी दूर हो सकती है | कार्य स्थल में आपके मान सम्मान में वृद्धि के संकेत हैं हैं तथा कुछ ऐसे प्रोजेक्ट्स आपको मिल सकते हैं जिनके कारण आप बहुत समय तक व्यस्त रह सकते हैं और अर्थलाभ कर सकते हैं | आपकी वाणी इस समय प्रभावशाली बनी हुई है जिसका लाभ आपको अपने कार्य में प्राप्त हो सकता है | छोटे भाई बहनों के साथ किसी प्रकार का विवाद सम्भव है | स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई समस्या भी यदि है तो इस अवधि में उस समस्या से भी मुक्ति की सम्भावना है | धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में भी आपकी रूचि बढ़ सकती है | दूर पास की यात्राओं के योग भी बन रहे हैं | यात्राएँ आपके लिए सुखद रहेंगी |
कन्या : आपका द्वादशेश आपके अष्टम भाव में गोचर कर रहा है | एक ओर जहाँ अचानक ही आपकी विदेश यात्राओं में वृद्धि हो सकती है, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है | आपको गर्मी तथा पेट से सम्बन्धित कोई समस्या हो सकती है, अतः जितना सम्भव हो गर्मी से बचने का प्रयास करें तथा पेय पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करें | पाइल्स की समस्या भी हो सकती है, अतः तेज़ मिर्च मसाले वाले भोजन से यथा सम्भव बचने का प्रयास करें | कार्य की दृष्टि से समय अनुकूल रहने की सम्भावना है और विदेश यात्रा के दौरान किसी महिला मित्र की सहायता से आपको कुछ नया कार्य भी प्राप्त हो सकता है | कोई नवीन कार्य आरम्भ करना चाहते हैं तो उसे अभी कुछ समय के लिए स्थगित करना उचित रहेगा | यदि आपका कोई कोर्ट केस चल रहा है तो इस अवधि में या तो अनुकूल दिशा में उस केस में प्रगति हो सकती है अथवा उसका निर्णय आपके पक्ष में आ सकता है |
तुला : आपका एकादशेश होकर सूर्य आपके सप्तम भाव में गोचर कर रहा है | आपका अपना व्यवसाय है अथवा पार्टनरशिप में कार्य कर रहे हैं तो उसमें उन्नति के साथ साथ आय में वृद्धि की भी सम्भावना है | बड़े भाई बहनों तथा जीवन साथी के माध्यम से भी आपको अर्थलाभ हो सकता है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति की सम्भावना है | बॉस की अवहेलना आपके लिए उचित नहीं रहेगी | बहुत समय से यदि आपके अथवा आपके जीवन साथी के कार्य से सम्बन्धित कोई समस्या चल रही है तो उसका निराकरण इस अवधि में सम्भव है | कोई बड़ा परिवर्तन इस अवधि में आपके जीवन में हो सकता है, जो आपके हित में होगा | किन्तु जीवन साथी अथवा प्रेमी / प्रेमिका के स्वभाव में कुछ तेज़ी आ सकती है, अतः स्वयं पर नियन्त्रण रखना आवश्यक है | साथ ही अपने तथा जीवन साथी के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की भी आवश्यकता है | धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है |
वृश्चिक : आपका दशमेश आपके छठे भाव में गोचर कर रहा है, जो दशम भाव से नवम भाव है | यदि किसी कारणवश कार्यक्षेत्र में आपको विरोध का सामना करना पड़ा है तो अब उन विरोधियों के परास्त होने की सम्भावना प्रतीत होती है | कार्यक्षेत्र में आपको नई पहचान मिलने की तथा यश में वृद्धि की सम्भावना है | साथ ही जो विद्यार्थी किसी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं उन्हें भी इस अवधि में सफलता प्राप्त हो सकती है | स्पोर्ट्स के लोगों का प्रदर्शन आत्मविश्वास से भरपूर रहने की सम्भावना है | हो सकता है आपके किसी प्रश्न पर बहुत से लोगों की अलग अलग राय हों और आप उस कारण द्विविधा में पड़ जाएँ | अतः अपनी योजनाओं के विषय में दूसरे लोगों से कम ही बात करें तथा अपनी बुद्धि का उपयोग अधिक करें | अचानक ही किसी ऐसे स्थान से कार्य का प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है जहाँ के विषय में आपने कल्पना भी नहीं की होगी, किन्तु उसे स्वीकार करने से पूर्व उसके विषय में पूरी जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें | पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है | स्वयं भी ड्राइविंग के समय सावधान रहने की आवश्यकता है |
धनु : आपके लिए सूर्य का यह गोचर अत्यन्त महत्त्व का है | आपका नवमेश आपके पञ्चम भाव में गोचर कर रहा है | आपके स्वयं के लिए तो यह गोचर भाग्यवर्द्धक है ही, आपकी सन्तान के लिए तथा विद्यार्थियों के लिए भी यह समय विशेष रूप से भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आपके तथा आपकी सन्तान के जीवन में अनेक सकारात्मक परिवर्तनों की सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है तथा सन्तान की ओर से कोई शुभ समाचार भी प्राप्त हो सकता है | आपकी निर्णायक क्षमता इस अवधि में बहुत प्रखर होगी तथा आपका ध्यान केवल अपने लक्ष्य पर ही केन्द्रित रहेगा | आपकी रूचि धार्मिक तथा आध्यात्मिक गतिविधियों में बढ़ सकती है | सामाजिक जीवन में आपके यश में वृद्धि की सम्भावना है | आप कार्य के सिलसिले में अथवा यों ही घूमने के लिए दूर पास की यात्रा पर भी जा सकते हैं | आपके बड़े भाई बहनों के लिए यह गोचर कुछ समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है | धार्मिक तथा आध्यात्मिक गतिविधियों में वृद्धि की सम्भावना है |
मकर : आपका अष्टमेश आपके चतुर्थ भाव में गोचर कर रहा है | एक ओर जहाँ पारिवारिक स्तर पर कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, वहीं दूसरी ओर परिवार के किसी सदस्य की ओर से किसी प्रकार के शुभ समाचार भी आपको प्राप्त हो सकते हैं जिसके कारण परिवार में उत्सव का सा माहौल बन सकता है | यदि बहुत समय से आप अपने लिए नया घर बनाने का अथवा खरीदने का प्रयास कर रहा हैं तो वह सपना आपका इस अवधि में पूर्ण हो सकता है | आपको किसी पैतृक सम्पत्ति का लाभ भी होने की सम्भावना है | कार्यक्षेत्र में वातावरण अनुकूल रहने की तथा आपका प्रदर्शन अच्छा रहने की सम्भावना है | किन्तु गुप्त शत्रुओं की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | कार्यस्थल पर अपने आँख काना खुले रखेंगे तो समस्याओं से बचे रह सकते हैं | आपको पेट से सम्बन्धित कोई समस्या हो सकती है | साथ ही अपनी माता जी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है |
कुम्भ : आपका सप्तमेश तृतीय भाव में गोचर कर रहा है | पराक्रम में वृद्धि का समय प्रतीत होता है | यद्यपि कुछ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है | इसके अतिरिक्त शरीर में आलस्य तथा थकान आदि की समस्या भी हो सकती है | अतः स्वास्थ्य का ध्यान रखने की विशेष आवश्यकता है | विवाहित हैं तो दाम्पत्य जीवन मधुर बना रह सकता है और यदि अविवाहित हैं और प्रेम सम्बन्ध किसी एक साथ चल रहा है तो उसमें भी प्रगाढ़ता आने की सम्भावना है | आपके छोटे भाई बहनों के लिए समय अधिक भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | साथ ही हाथ के कारीगरों के लिए विशेष रूप से अनुकूल समय है | जीवन साथी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की विशेष रूप से आवश्यकता है |
मीन : आपका षष्ठेश होकर सूर्य आपके द्वितीय भाव में गोचर कर रहा है | यदि कोई लीगल केस इस समय चल रहा है तो उसके अनुकूल दिशा में प्रगति की सम्भावना है | सम्भव है इस अवधि में किसी कोर्ट केस का निर्णय आपके पक्ष में आ जाए और उसके माध्यम से आपको धनलाभ भी हो जाए | लम्बे समय से चली आ रही किसी बीमारी से मुक्ति की भी सम्भावना है | किसी दूर देश की यात्रा की सम्भावना है | यह यात्रा आपके कार्य के लिए भी भाग्यवर्धक सिद्ध हो सकती है | आपको परिवार के सदस्यों का तथा पिता का सहयोग इस अवधि में प्राप्त होता रहेगा | यदि कहीं आपकी कोई पेमेण्ट रुकी हुई है तो प्रयास करने पर वह भी इस अवधि में आपको प्राप्त हो सकती है | किन्तु आपके क्रोध में वृद्धि की सम्भावना है जिसके कारण आपके सम्बन्धों में कड़वाहट भी उत्पन्न हो सकती है | अतः वाणी तथा स्वभाव पर नियन्त्रण रखने की आवश्यकता है | साथ ही सर में दर्द, ज्वर आदि की समस्या भी हो सकती है |
अन्त में, ग्रहों के गोचर तो अपने नियमित समय पर होते ही रहते हैं… सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है… तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…