शुक्र का कर्क में गोचर
मंगलवार 30 मई, ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को रात्रि 7:39 के लगभग वणिज करण और सिद्धि योग में समस्त सांसारिक सुख, समृद्धि, विवाह, परिवार सुख, कला, शिल्प, सौन्दर्य, बौद्धिकता, राजनीति तथा समाज में मान प्रतिष्ठा में वृद्धि आदि के कारक शुक्र का अपने शत्रु ग्रह चन्द्र की राशि कर्क में प्रस्थान होगा | इस दिन यद्यपि दोपहर 1:07 तक दशमी तिथि रहेगी – गंगा दशहरा भी इसी दिन है, किन्तु शुक्र के संक्रमण के समय एकादशी तिथि रहेगी | इस प्रस्थान के समय शुक्र पुनर्वसु नक्षत्र पर होगा | कर्क राशि में भ्रमण करते हुए शुक्र तीन जून से पुष्य नक्षत्र तथा 17 जून से आश्लेषा नक्षत्र पर विचरण करते हुए अन्त में सात जुलाई को सिंह राशि तथा मघा नक्षत्र पर प्रस्थान कर जाएगा | एक ओर जहाँ कर्क राशि के लिए शुक्र चतुर्थेश और एकादशेश हो जता है वहीं शुक्र की वृषभ राशि से कर्क राशि तीसरा भाव तथा तुला राशि से दशम भाव बनती है | इन्हीं सब आधारों पर आइये जानने का प्रयास करते हैं कि प्रत्येक राशि के लिए शुक्र के कर्क में गोचर के सम्भावित परिणाम क्या रह सकते हैं…
मेष : शुक्र आपका द्वितीयेश और सप्तमेश होकर आपके चतुर्थ भाव में गोचर कर रहा है | पारिवारिक तथा आर्थिक दृष्टि से यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | परिवार में माँगलिक आयोजनों की सम्भावना है | किन्तु साथ ही परिवार में क्लेश से भी बचने का प्रयास करने की आवश्यकता होगी | कार्य में उन्नति तथा आर्थिक स्तर में दृढ़ता की सम्भावना की जा सकती है | यदि आपका पार्टनरशिप में कोई व्यवसाय है तो उसके लिए समय अनुकूल प्रतीत होता है | आप पार्टनरशिप में कोई नया कार्य भी आरम्भ कर सकते हैं | नया घर तथा वाहन के लाभ की सम्भावना है | घर को Renovate भी करा सकते हैं | माता जी के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता होगी |
वृषभ : आपका राश्यधिपति तथा षष्ठेश होकर शुक्र आपके तीसरे भाव में गोचर कर रहा है | आपकी निर्णायक क्षमता तथा उत्साह में वृद्धि का समय प्रतीत होता है, जिसके कारण आप अपने कार्य समय पर पूर्ण करने में समर्थ हो सकते हैं | आपके भाई बहनों के लिए समय अनुकूल प्रतीत होता है | किन्तु आपका विवाद भी भाई बहनों के साथ हो सकता है अतः सावधान रहने की आवश्यकता है | साथ ही महिलाओं को अपनी Gynaecologist से Regular Check-up कराते रहने की आवश्यकता है |
मिथुन : आपका पंचमेश और द्वादशेश होकर शुक्र का गोचर आपकी राशि से दूसरे भाव में हो रहा है | सन्तान के साथ सम्बन्धों में मधुरता बनी रहने की सम्भावना है | जिनका व्यवसाय विदेशों से सम्बन्ध रखता है उनके लिए धनप्राप्ति के नवीन स्रोत प्रत्यक्ष होने की सम्भावना है | विदेश यात्राओं में भी वृद्धि हो सकती है | किन्तु इन यात्राओं के दौरान खान पान पर ध्यान देने की आवश्यकता है अन्यथा कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या हो सकती है | सन्तान के साथ व्यर्थ के विवाद से बचने की आवश्यकता है |
कर्क : आपका चतुर्थेश और एकादशेश होकर शुक्र का गोचर आपकी राशि में ही हो रहा है | किसी महिला मित्र के माध्यम से आपको नवीन प्रोजेक्ट्स मिलने तथा अर्थलाभ की सम्भावना है | आप नया घर अथवा नया वाहन भी खरीद सकते हैं अथवा वर्तमान निवास को Renovate करा सकते हैं | यदि आप कलाकार हैं तो आपको अपनी कला के प्रदर्शन के अवसर उपलब्ध होंगे जहाँ आपकी कला की प्रशंसा के साथ ही आपको आर्थिक लाभ तथा पुरूस्कार आदि भी प्राप्त होने की सम्भावना है | इसके अतिरिक्त यदि आपका कार्य किसी प्रकार से भी प्रॉपर्टी से सम्बन्ध रखता है तो आपके लिए समय अनुकूल प्रतीत होता है | आपके व्यक्तित्व में इस अवधि में निखार आएगा और दूसरों पर उसका प्रभाव भी पड़ेगा |
सिंह : आपका तृतीयेश और दशमेश होकर शुक्र का गोचर आपके बारहवें भाव में हो रहा है | यदि आप दस्कार हैं या गीत-संगीत-नृत्य के कलाकार हैं तो आपको अपनी कला के प्रदर्शन के अवसर उपलब्ध होंगे तथा आपके कार्य की प्रशंसा होगी | कला के प्रदर्शन के लिए विदेश यात्राओं में वृद्धि के भी योग हैं | कोई ऐसा प्रोजेक्ट आपको प्राप्त हो सकता है जिसका सम्बन्ध कहीं विदेश से हो | यह कार्य आपके लिए आर्थिक दृष्टि से लाभदायक रह सकता है | किन्तु यात्राओं अथवा Socila get togather के दौरान स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है | महिलाओं को रेग्युलर चेकअप कराते रहना चाहिए |
कन्या : आपका द्वितीयेश और भाग्येश होकर शुक्र एकादश में गोचर कर रहा है | आर्थिक रूप से स्थिति में दृढ़ता आने के साथ ही आपके लिए कार्य से सम्बन्धित लम्बी विदेश यात्राओं के योग भी प्रतीत होते हैं | आपको महिला मित्रों के माध्यम से कुछ नवीन प्रोजेक्ट्स भी प्राप्त हो सकते हैं जिनके कारण आप बहुत समय तक व्यस्त रह सकते हैं | सन्तान की ओर से कोई शुभ समाचार प्राप्त होने की सम्भावना है | किन्तु सन्तान के साथ व्यर्थ की बहस सम्बन्धों में तनाव का कारण बन सकती है, अतः इस ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | साथ ही धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में आपकी रूचि में वृद्धि हो सकती है |
तुला : लग्नेश और अष्टमेश होकर शुक्र आपकी राशि से दशम स्थान में गोचर कर रहा है | कार्य क्षेत्र में किसी प्रकार का अप्रत्याशित व्यवधान उपस्थित हो सकता है | यह व्यवधान आपके सहकर्मियों के विरोध के कारण भी हो सकता है और आपके स्वास्थ्य के कारण भी हो सकता है | अतः अपने Temperament को सही रखने के लिए प्राणायाम और ध्यान को अपनी दिनचर्या का अंग बनाएँ तथा गर्मी से बचने के लिए शीतल पेय पदार्थों का सेवन करें | साथ ही सहकर्मियों के साथ संयमपूर्ण व्यवहार रखने की आवश्यकता है |
वृश्चिक : आपके लिए आपका सप्तमेश और द्वादशेश होकर शुक्र का गोचर आपके भाग्य स्थान में हो रहा है | कार्य से सम्बन्धित यात्राओं में वृद्धि के संकेत हैं | आप तथा आपके जीवन साथी दोनों के लिए यह गोचर कार्य में उन्नति तथा आर्थिक स्थिति में दृहता देने वाला प्रतीत होता है | आप अपने जीवन साथी के साथ किसी धार्मिक स्थल की यात्रा के लिए भी जा सकते हैं | किन्तु जीवन साथी के स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है |
धनु : आपका षष्ठेश और एकादशेश आपकी राशि से अष्टम भाव में गोचर कर रहा है | एक ओर आपके लिए आर्थिक दृष्टि से यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है तो वहीं दूसरी ओर यदि आपका कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसमें अचानक ही किसी प्रकार का व्यवधान आने की भी सम्भावना है | अतः अपने वक़ीलों से अच्छी तरह विचार विमर्श करने की आवश्यकता है | नौकरी में हैं तो अधिकारी वर्ग से किसी प्रकार का पंगा लेना आपके हित में नहीं होगा | स्वास्थ्य का ध्यान रखने की विशेष रूप से आवश्यकता है |
मकर : आपका योगकारक आपकी राशि से सप्तम भाव में गोचर कर रहा है | एक ओर जहाँ आपके अपने कार्य के लिए यह गोचर अत्यधिक अनुकूल प्रतीत होता है वहीं दूसरी ओर आपकी सन्तान तथा जीवन साथी के लिए भी भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आप यदि वर्तमान कार्य छोड़कर कोई नया कार्य आरम्भ करना चाहते हैं तो उसके लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | घर और वाहन का लाभ इस अवधि में आपको हो सकता है | आप अपने वर्तमान निवास को भी Renovate करा सकते हैं | पॉलिटिक्स से जिन लोगों का सम्बन्ध है उनके लिए यह गोचर विशेष रूप से नुकूल प्रतीत होता है, किन्तु साथ ही विरोधियों की संख्या में वृद्धि की सम्भावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता |
कुम्भ : आपका योगकारक शुक्र आपकी राशि से छठे भाव में गोचर कर रहा है | परिवार में माँगलिक आयोजन जैसे किसी का विवाह आदि हो सकते हैं जिनके कारण परिवार में उत्सव का वातावरण बन सकता है | किन्तु साथ ही छोटे भाई बहनों अथवा किसी घनिष्ठ मित्र के कारण परिवार में तनाव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है | अतः इस ओर से सावधान रहने की भी आवश्यकता है | साथ ही धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में आपकी रूचि बढ़ सकती है | कार्य से सम्बन्धित यात्राओं के भी संकेत हैं | किन्तु यात्राओं के दौरान स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है |
मीन : आपके लिए तृतीयेश और अष्टमेश होकर शुक्र का गोचर आपके पञ्चम भाव में हो रहा है | छोटे भाई बहनों के कारण अथवा सन्तान के कारण किसी प्रकार का विवाद सम्भव है | इस विवाद के कारण आपका स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है | भाई बहनों तथा सन्तान के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है | धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है, किन्तु पोंगा पण्डितों की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | बॉस से किसी प्रकार की बहस आपके हित में नहीं रहेगी |
किन्तु ध्यान रहे, ये परिणाम सामान्य परिणाम हैं, कुण्डली विशेष का बहुत से सूत्रों के आधार पर अध्ययन करके ही किसी सम्भावित परिणाम पर पहुँच सकते हैं… साथ ही, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर निरन्तर होते रहते हैं… मनुष्य को भाग्यवादी न होकर आशावान और कर्मशील बने रहना चाहिए… हम सभी जीवन में आशायुत रहते हुए कर्मशील बने रहे, यही कामना है…