बुध का वृषभ में गोचर
बुधवार सात जून आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी को रात्रि 7:51 के लगभग बालव करण और ब्रह्म योग में बुध मेष राशि से वृषभ राशि में प्रस्थान कर जाएगा | बुध इस समय कृत्तिका नक्षत्र पर है | यहाँ भ्रमण करते हुए चौदह जून से रोहिणी नक्षत्र और 21 जून से मृगशिरा नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए चौबीस जून को अपनी स्वयं की मिथुन राशि में प्रस्थान कर जाएगा | इस बीच 19 जून को बुध अस्त भी हो जाएगा | अपनी स्वयं की एक राशि मिथुन से वृषभ राशि बारहवाँ भाव है तथा बुध की अपनी दूसरी राशि कन्या – जो कि बुध की उच्च तथा मूल त्रिकोण राशि भी है – से वृषभ राशि नवम भाव है | साथ ही वृषभ राशि के लिए बुध द्वितीयेश और पंचमेश हो जाता है | सामान्य रूप से कह सकते हैं कि कन्या तथा वृषभ राशि के जातकों के लिए यह गोचर विशेष रूप से अनुकूल रह सकता है | इन्हीं सब तथ्यों के आधार पर आइये जानने का प्रयास करते हैं कि बुध के वृषभ राशि में गोचर के विभिन्न राशियों के जातकों पर क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं…
किन्तु ध्यान रहे, ये परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु किसी योग्य और अनुभवी Astrologer के द्वारा उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है |
मेष : आपके लिए तृतीयेश और षष्ठेश होकर बुध का गोचर आपके द्वितीय भाव में हो रहा है | आपकी सम्वाद शैली इस अवधि में प्रभावशाली रहेगी, किन्तु थोड़ा Diplomatic होने की आवश्यकता है | सत्य बोलें, किन्तु कड़वा न बोलें | कार्य की दृष्टि से तथा आर्थिक दृष्टि से आपके लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | जो कार्य रुका हुआ था वह पुनः आगे बढ़ सकता है और उसके कारण आर्थिक स्थिति में भी दृढ़ता आएगी | भाई बहनों के साथ कुछ विवाद सम्भव है, किन्तु अपने बुद्धिबल से आप उस विवाद का स्वयं ही समाधान भी करने में सक्षम हो सकते हैं | किसी कोर्ट केस का परिणाम आपके पक्ष में आ सकता है |
वृषभ : आपका द्वितीयेश और पंचमेश होकर बुध का गोचर आपकी राशि में ही हो रहा है | आपके व्यवहार में उदारता, कोमलता एवं सौम्यता दिखाई देगी जिसका प्रभाव आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन पर निश्चित ही पड़ेगा | आपकी सम्वाद तथा लेखन शैली इस अवधि में प्रभावशाली रहेगी तथा इसके कारण आपको अर्थलाभ की भी सम्भावना है | अविवाहित हैं तो इस अवद्धि में जीवन साथी की खोज भी पूरी हो सकती है, किन्तु विवाह में अभी समय लग सकता है | सन्तान के लिए समय अनुकूल प्रतीत होता है |
मिथुन : आपके लिए बुध लग्नेश और चतुर्थेश होकर योगकारक है तथा आपकी राशि से बारहवें भाव में गोचर कर रहा है | एक ओर जहाँ आपके अपने लिए और परिवार के लिए स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ हो सकती हैं वहीं दूसरी ओर इस अवधि में आप विदेश यात्रा के लिए भी जा सकते हैं अथवा अपना निवास बदलने की योजना बना सकते हैं | किसी कारणवश मानसिक तनाव हो सकता है | योग और प्राणायाम को अपनी दिनचर्या का अंग बना लेंगे तो इस समस्या से बच सकते हैं |
कर्क : कर्क राशि के लिए तृतीयेश और द्वादशेश होकर बुध का गोचर आपके लाभ स्थान में हो रहा है | आपके लिए यह गोचर अत्यन्त अनुकूल प्रतीत होता है | यदि आपका व्यवसाय किसी रूप में विदेश से सम्बद्ध है तब तो आपके लिए विशेष रूप से लाभ की सम्भावना है | भाई बहनों का सहयोग भी अपने कार्य में आपको प्राप्त रहने की सम्भावना है | मित्रों के साथ आमोद प्रमोद में भी समय व्यतीत हो सकता है | कार्य के सिलसिले में आपको दूर पास की यात्राएँ भी करनी पड़ सकती हैं, किन्तु इन यात्राओं के दौरान आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा |
सिंह : आपके लिए बुध द्वितीयेश और एकादशेश होकर आपके दशम भाव में गोचर कर रहा है | आपके लिए विशेष रूप से भाग्योदय का समय प्रतीत होता है | व्यवसाय में प्रगति, नौकरी में पदोन्नति तथा अर्थ और यश प्राप्ति के संकेत हैं | साथ ही यदि आप कोई नया कार्य आरम्भ करना चाहते हैं तो उसके लिए भी अनुकूल समय प्रतीत होता है | धार्मिक तथा आध्यात्मिक गतिविधियों में आपकी रूचि बढ़ सकती है | अपनी आकाँक्षाओं की पूर्ति में आपको अपने पिता का सहयोग भी प्राप्त होता रहेगा |
कन्या : आपके लिए आपका लग्नेश तथा दशमेश होकर बुध योगकारक ग्रह है तथा भाग्य स्थान में गोचर कर रहा है | आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन के योग हैं | समाज में आपका मान-सम्मान तथा प्रभाव में वृद्धि की सम्भावना है | साथ ही कार्य की दृष्टि से भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | नौकरी में हैं तो आप वर्तमान नौकरी छोडकर कोई अन्य नौकरी भी कर सकते हैं | अपना स्वयं का व्यवसाय है तो कार्य के सिलसिले में लम्बी विदेश यात्राओं के भी योग बन रहे हैं जहाँ आप बहुत समय तक व्यस्त रह सकते हैं |
तुला : आपके लिए बुध भाग्येश तथा द्वादशेश है तथा आपके अष्टम भाव में गोचर कर रहा है | अचानक ही धन हानि की सम्भावना है | या हो सकता है कि आप कोई रहस्य जानने के प्रयास में अपने व्यक्तिगत अथवा व्यावसायिक जीवन को स्वयं ही कोई हानि पहुँचा लें | अतः सावधान रहने की आवश्यकता है | रहस्य को रहस्य ही रहने दें | विदेश यात्राओं के योग हैं किन्तु ये यात्राएँ सम्भव है आशा के अनुकूल न सिद्ध हों, अतः इन्हें कुछ समय के लिए स्थगित करना ही हित में रहेगा | स्वास्थ्य के प्रति भी सावधान रहने की आवश्यकता है |
वृश्चिक : आपके लिए बुध अष्टमेश और एकादशेश है तथा आपके सप्तम भाव में गोचर कर रहा है | यदि पार्टनरशिप में कोई कार्य कर रहे हैं तो लाभ की सम्भावना है | किन्तु आपके स्वभाव में नकारात्मकता आपके व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक जीवन पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है | साथ ही किसी ग़लतफ़हमी के कारण जीवन साथी के साथ सम्बन्धों में भी तनाव उत्पन्न हो सकता है | अच्छा यही रहेगा कि कार्य से अवकाश लेकर कुछ समय के लिए कहीं भ्रमण के लिए चले जाएँ | स्वास्थ्य का ध्यान रखने की भी आवश्यकता है |
धनु : आपके लिए सप्तमेश और दशमेश होकर बुध योगकारक हो जाता है तथा आपकी राशि से छठे भाव में गोचर कर रहा है | अपने जीवन साथी के स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता है | साथ ही जीवन साथी के साथ किसी प्रकार का तनाव भी इस अवधि में सम्भव है | कार्य क्षेत्र में आपका प्रदर्शन अच्छा रहेगा जिसके फलस्वरूप नौकरी में पदोन्नति अथवा अपना व्यवसाय है तो उसमें भी प्रगति की सम्भावना है | सामाजिक गतिविधियों में वृद्धि के साथ ही मान सम्मान में भी वृद्धि की सम्भावना है | किसी कोर्ट केस का परिणाम आपके पक्ष में आ सकता है |
मकर : बुध आपका षष्ठेश और भाग्येश है तथा आपकी राशि से पञ्चम भाव में गोचर कर रहा है | उत्साह तथा आत्मविश्वास में वृद्धि के संकेत हैं | आप जो भी निर्णय इस अवधि में लेंगे सोच विचार कर ही लेंगे जिसके कारण आपके कार्य भी समय पर पूर्ण होने की सम्भावना है | आप उच्च शिक्षा के लिए अथवा कोई नया कोर्स करने के लिए किसी अन्य स्थान पर जा सकते हैं | आपकी सन्तान के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | प्रेम सम्बन्धों में भी सुधार की सम्भावना है | धार्मिक कार्यों में भी आपकी रूचि बढ़ सकती है |
कुम्भ : आपका पंचमेश और अष्टमेश होकर बुध आपकी राशि से चतुर्थ भाव में गोचर कर रहा है | आपको अचानक ही किसी ऐसे स्थान से लाभ हो सकता है अथवा नौकरी का निमन्त्रण प्राप्त हो सकता है जहाँ के विषय में आप आशा छोड़ चुके होंगे | किन्तु परिवार में किसी प्रकार का विवाद भी सम्भव है | साथ ही आपको अपनी माता जी तथा सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की भी आवश्यकता है | स्वयं भी ड्राइविंग में सावधान रहने की आवश्यकता है | प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी जो लोग कर रहे हैं उन्हें कठिन परिश्रम की आवश्यकता है |
मीन : आपके लिए चतुर्थेश और सप्तमेश होकर बुध आपका योगकारक बन जाता है तथा आपके तृतीय भाव में गोचर कर रहा है | एक ओर जहाँ आपके छोटे भाई बहनों के लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है वहीं दूसरी ओर आपके जीवन साथी के लिए भी यह गोचर भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आप स्वयं भी कोई नया घर खरीदने की योजना बना सकते हैं | आपको अपने परिवारजनों का तथा मित्रों का सहयोग प्राप्त होता रहेगा |
अन्त में, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं – यह एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसका प्रभाव मानव सहित समस्त प्रकृति पर पड़ता है | वास्तव में सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…