सूर्य का सिंह में गोचर

सूर्य का सिंह में गोचर

सूर्य का सिंह में गोचर

कल गुरुवार 17 अगस्त श्रावण (शुद्ध) शुक्ल प्रतिपदा को दिन में 1:33 के लगभग बव करण और परिघ योग में सूर्यदेव अपने मित्र ग्रह चन्द्र की कर्क राशि से निकल कर अपनी स्वयं की राशि सिंह में और मघा नक्षत्र पर प्रस्थान कर जाएँगे, जहाँ मंगल, बुध और चन्द्र के साथ मिलकर दो दिनों के लिए चतुर्ग्रही योग बनाएँगे और उसके बाद मंगल तथा चन्द्र कन्या राशि में प्रस्थान कर जाएँगे | यहाँ भ्रमण करते हुए 31 अगस्त से पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और चौदह सितम्बर से उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए अन्त में 17 सितम्बर को दिन में 1:31 के लगभग बुध की कन्या राशि में प्रस्थान कर जाएँगे | सिंह राशि में भ्रमण करते हुए भगवान भास्कर पर शनि तथा गुरुदेव की दृष्टियाँ रहेंगी | साथ ही शनि और सूर्य सम-सप्तक योग में भी हैं – अर्थात दोनों की परस्पर दृष्टियाँ हैं – कुम्भ के लिए सूर्य सप्तमेश है तथा शनि षष्ठेश और सप्तमेश हो जाता है तथा गुरु सिंह के लिए पंचमेश और अष्टमेश | सिंह सूर्य की मूल त्रिकोण राशि भी है | और जब कोई ग्रह अपनी मूल त्रिकोण राशि अथवा अपनी उच्च राशि में आता है तो वह बली माना जाता है |

इस बीच हरियाली तीज, नाग पञ्चमी, कल्कि जयन्ती, श्रावणी, गायत्री जयन्ती, कजरी तीज तथा श्री कृष्ण जन्म महोत्सव जैसे उल्लासमय पर्व हैं तो श्वेताम्बर जैन सम्प्रदाय के अष्टदिवसीय पजूसन पर्व भी आरम्भ हो रहे हैं | इस प्रकार भगवान भास्कर के सिंह राशि में प्रस्थान के साथ ही इतने सारे व्रत उपवास तथा पर्वों का आरम्भ होने जा रहा है, जिनके लिए सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ… 

अब जानने का प्रयास करते हैं सिंह राशि में सूर्य के संक्रमण के जनसाधारण पर क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं | किन्तु ध्यान रहे, ये सभी परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है |

मेष : आपकी राशि से पंचमेश आपके पंचम भाव में ही गोचर कर रहा है | यदि आप अथवा आपकी सन्तान उच्च शिक्षा अथवा किसी Professional Course के लिए जाना चाहते हैं तो आपके लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | साथ ही सन्तान प्राप्ति के भी योग प्रतीत होते हैं | आय के नवीन अवसरों के साथ ही मन सम्मान में वृद्धि के भी संकेत हैं | बहुत दिनों से रुके हुए कार्य भी इस अवधि में पूर्ण होने की सम्भावना है | स्वास्थ्य के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | बड़े भाई तथा अधिकारीगणों का सहयोग उपलब्ध रहने की सम्भावना है | आपकी निर्णय क्षमता में वृद्धि की सम्भावना की जा सकती है | आपकी सन्तान का स्वभाव भी उग्र हो सकता है किन्तु उसका सहयोग आपको प्राप्त रहेगा | परिवार में उत्सव का वातावरण हो सकता है | इस अवधि में आप कहीं देशाटन के लिए भी जा सकते हैं |

वृषभ : आपकी राशि से चतुर्थेश चतुर्थ भाव में ही गोचर कर रहा है | एक ओर जहाँ आपको अपनी माता का सुख प्राप्त होगा वहीं दूसरी ओर आपके पिता के लिए किसी प्रकार के शारीरिक कष्ट की सम्भावना भी हो सकती है | आपके कार्य की दृष्टि से यह गोचर अत्यन्त अनुकूल प्रतीत होता है | नौकरी में पदोन्नति तथा अपने स्वयं के व्यवसाय में प्रगति की सम्भावना की जा सकती है | यदि नौकरी में हैं तो अधिकारीगणों का सहयोग आपको उपलब्ध रह सकता है – आवश्यकता है कार्य स्थल की Politics से दूर रहने की | स्वयं का व्यवसाय है तो उसमें भी प्रगति की सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है – यदि आपने समझदारी से काम लिया तो यह प्रगति स्थाई भी हो सकती है | जो कार्य अब तक रुके हुए थे उनके भी पूर्ण होने की सम्भावना है | परिवार में मंगल कार्यों का आयोजन हो सकता है | जीवन साथी का सहयोग आपको प्राप्त रहेगा किन्तु उसके स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है |

मिथुन : आपकी राशि से तृतीयेश का गोचर आपके तृतीय भाव में ही हो रहा है | आपके लिए यह गोचर अत्यन्त भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आपके लिए मान सम्मान और यश में वृद्धि के योग प्रतीत होते हैं | साथ ही आपके उत्साह में भी इस अवधि में वृद्धि की सम्भावना की जा सकती है | जिसके कारण आप अपने कार्य समय पर पूर्ण करने में सक्षम हो सकते हैं | किन्तु आपके छोटे भाई बहनों के लिए यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं प्रतीत होता | उनके अपने स्वभाव के कारण उन्हें मानसिक और शारीरिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है जिसके कारण उनके कार्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है | साथ ही आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति भी सजग रहने की आवश्यकता है | विवाहित हैं तो जीवन साथी के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है |

कर्क : आपकी राशि से द्वितीयेश का गोचर द्वितीय भाव में ही हो रहा है | आपके कार्य में प्रगति तथा आय में वृद्धि के साथ ही मान सम्मान में भी वृद्धि के योग हैं | परिवार में तथा कार्य स्थल पर सौहार्दपूर्ण वातावरण रहने की सम्भावना है | आपकी सन्तान के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | सन्तान की ओर से कोई शुभ समाचार भी इस अवधि में प्राप्त हो सकता है | किन्तु इसके साथ ही आपका स्वभाव भी उग्र हो सकता है | साथ ही नेत्रों से सम्बन्धित कोई समस्या, किसी प्रकार की फोड़े फुंसी आदि की समस्या अथवा मानसिक तनाव के कारण माइग्रेन या उच्च रक्तचाप की समस्या भी हो सकती है | इस सबसे बचने के लिए खान पान पर नियन्त्रण रखने की आवश्यकता है | ध्यान और प्राणायाम को अपनी दिनचर्या का अंग बना लेंगे तो बहुत सी समस्याओं से बच सकते हैं |

सिंह : आपके लिए आपके राश्यधिपति का अपनी ही राशि में गोचर हो रहा है | आपके लिए यह गोचर विशेष रूप से लाभप्रद प्रतीत होता है | आपकी ऊर्जा में वृद्धि तथा व्यक्तित्व में ओज के ही साथ आपके कार्य में भी प्रगति की सम्भावना की जा है | कुछ रुके हुए कार्य भी इस अवधि में सम्पन्न हो सकते हैं | आपके व्यक्तित्व का प्रभाव लोगों पर पड़ेगा और इस कारण आपके मान सम्मान में भी वृद्धि की सम्भावना है | अपना स्वयं का व्यवसाय है तो बड़े भाई का सहयोग भी प्राप्त रह सकता है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति की भी सम्भावना है | किन्तु आपको अपने क्रोध को नियन्त्रण में रखना होगा | आपको अपने जीवन साथी के स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता है |

कन्या : आपके लिए आपके द्वादशेश का गोचर आपके द्वादश भाव में ही हो रहा है | यदि आपका कार्य कहीं विदेशों से सम्बद्ध है तो कार्य में प्रगति तथा विदेश यात्राओं में वृद्धि की सम्भावना की जा सकती है | यदि आप किसी सरकारी नौकरी में हैं तो आपका कहीं ट्रांसफर भी हो सकता है | साथ ही छोटे भाई बहनों के साथ मनमुटाव की सम्भावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता | यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो इस अवधि में उसका निर्णय आपके पक्ष में आ सकता है | प्रॉपर्टी से सम्बन्धित किसी विवाद में अनुकूल दिशा में प्रगति सम्भव है | स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है, विशेष रूप से नेत्रों में किसी भी प्रकार की कोई समस्या अनुभव हो तो तुरन्त चिकित्सक की सलाह लें |

तुला : आपकी राशि से एकादशेश का एकादश भाव में ही हो रहा है | आपके लिए आय में वृद्धि की ओर तथा नौकरी में पदोन्नति की सम्भावना की जा सकती है | आपका अपना कार्य है तो उसमें भी प्रगति की सम्भावना है | किसी प्रकार का अवार्ड या सम्मान आदि भी आपको इस अवधि में प्राप्त हो सकता है | किन्तु साथ ही किसी घनिष्ठ मित्र अथवा बड़े भाई के साथ किसी प्रकार का मतभेद भी हो सकता है | आप कोई नया वाहन भी इस अवधि में खरीद सकते हैं | आपके अपने स्वास्थ्य की दृष्टि से समय अनुकूल प्रतीत होता है, किन्तु सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है | छात्रों के लिए यह गोचर अनुकूल फल देने वाला प्रतीत होता है |

वृश्चिक : आपकी राशि से दशमेश का गोचर दशम भाव में ही हो रहा है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति और मान सम्मान में वृद्धि के संकेत हैं | अपना स्वयं का व्यवसाय है तो उसमें भी प्रगति की सम्भावना है, किन्तु विरोधियों अथवा आपके लिए कार्य कर रहे व्यक्तियों की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | आपके लिए कार्य तथा आय के नवीन स्रोत इस अवधि में उपस्थित हो सकते हैं | परिवार में किसी प्रकार के मंगल कार्य की भी सम्भावना है | किन्तु आपको अपनी माता जी के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है | साथ ही यदि आप गर्भवती महिला हैं और डिलीवरी निकट है तो आपको सावधान रहने की आवश्यकता है |

धनु : आपकी राशि के लिए आपका भाग्येश भाग्य स्थान में ही गोचर कर रहा है | आपके लिए वास्तव में यह गोचर भाग्यवर्धक प्रतीत होता है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति के साथ ही कहीं ट्रांसफर भी हो सकता है | अपना स्वयं का कार्य है तो उसमें भी लाभ की सम्भावना है | आपके लिए पराक्रम और मान सम्मान में वृद्धि के संकेत प्रतीत होते हैं | किसी प्रकार का अवार्ड या सम्मान आदि भी आपको इस अवधि में प्राप्त हो सकता है | प्रॉपर्टी से सम्बन्धित किसी विवाद में आपके पक्ष में निर्णय आ सकता है अथवा अनुकूल दिशा में सुनवाई आगे बढ़ सकती है | विदेश यात्राओं के भी योग प्रतीत होते हैं | धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में रूचि बढ़ सकती है | किसी रोग से मुक्ति भी इस अवधि में सम्भव है | परिवार में सुख समृद्धि में वृद्धि की सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है |

मकर : आपकी राशि से अष्टमेश का गोचर आपके अष्टम भाव में ही हो रहा है | आपके लिए यह गोचर मिश्रित फल देने वाला प्रतीत होता है | आपके कार्य में आपके स्वयं के अथवा आपके पिता या परिवार के किसी बुज़ुर्ग व्यक्ति के स्वास्थ्य के कारण विघ्न उपस्थित हो सकता है | अचानक ही आपके विरोधियों के भी स्वर मुखर हो सकते हैं | आपको स्वयं को ज्वर, मानसिक तनाव के कारण माइग्रेन, उच्च रक्तचाप अथवा नेत्र विकार अथवा गुप्तांगों से सम्बन्धित किसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है | किन्तु खान पान पर ध्यान देंगे और अपने स्वभाव को संयमित रखेंगे तो बहुत सी समस्याओं से बच सकते हैं | किन्तु यदि आप प्रॉपर्टी से सम्बन्धित किसी व्यवसाय में हैं तो उसमें अचानक लाभ की सम्भावना की जा सकती है |

कुम्भ : आपके लिये भी गोचर मिश्रित फल देने वाला गोचर प्रतीत होता है, क्योंकि आपकी राशि से सप्तमेश का गोचर आपके सप्तम भाव में ही हो रहा है | पार्टनरशिप में कोई कार्य कर रहे हैं तो उसमें प्रगति की सम्भावना की जा सकती है | किन्तु आपके बिजनेस पार्टनर का स्वभाव इस अवधि में कुछ उग्र हो सकता है | साथ ही दाम्पत्य जीवन में जीवन साथी का सहयोग और साथ तो प्राप्त रहेगा किन्तु उसके स्वभाव की उग्रता के कारण आपको मानसिक तनाव भी हो सकता | अच्छा यही रहेगा कि अपनी वाणी और Temperament पर नियन्त्रण रखें | दूर पास की यात्राओं के योग भी बन रहे हैं | प्रॉपर्टी से सम्बन्धित व्यवसाय में कुछ लाभ की सम्भावना की जा सकती है |

मीन : आपकी राशि से षष्ठेश होकर सूर्य का गोचर आपके छठे भाव में ही हो रहा है | एक ओर आपके विरोधियों में वृद्धि की सम्भावना है वहीं दूसरी ओर आपके उत्साह में वृद्धि की भी सम्भावना है जिसके कारण आप अपने विरोधियों पर स्वयं ही विजय प्राप्त करने में समर्थ हो सकते हैं | किसी प्रकार का कोई लीगल केस का भी सामना करना पड़ सकता है | किन्तु साथ ही परिवार के लोगों का सहयोग आपको प्राप्त रहेगा और उनके कारण आपके आत्मबल में भी वृद्धि होगी | स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है | आपके ननिहाल के पक्ष के साथ या तो मनमुटाव हो सकता है अथवा किसी का स्वास्थ्य चिन्ता का विषय हो सकता है | आपकी अपनी भी किसी प्रकार की सर्जरी इस अवधि में सम्भव है |

अन्त में, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं | सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…