सूर्य का कन्या में गोचर 2023

सूर्य का कन्या में गोचर 2023

सूर्य का कन्या में गोचर 2023

रविवार 17 सितम्बर भाद्रपद शुक्ल द्वितीया को दिन में 1:31 के लगभग तैतिल करण और ब्रह्म योग में सूर्यदेव अपनी स्वयं की राशि सिंह से निकल कर बुध की कन्या राशि में प्रस्थान कर जाएँगे | संक्रमण काल में तृतीया तिथि रहेगी | अपने इस गोचर के समय भगवान भास्कर उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र पर होंगे, जहाँ से 27 सितम्बर से हस्त नक्षत्र और ग्यारह अक्तूबर से चित्रा नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए अन्त में 17 अक्टूबर को अर्द्धरात्र्योत्तर 1:30 के लगभग तुला राशि में प्रविष्ट हो जाएँगे | कन्या राशि के लिए सूर्य द्वादशेश हो जाता है तथा सिंह राशि के लिए कन्या राशि द्वितीय भाव बन जाती है | इन्हीं समस्त तथ्यों के आधार पर संक्षिप्त में जानने का प्रयास करते हैं कन्या राशि में सूर्य के संक्रमण के जनसाधारण पर क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं…

किन्तु, ये सभी परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता, अपितु उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है |

मेष : आपकी राशि से पंचमेश आपके छठे भाव में गोचर करेगा | आपके उत्साह तथा प्रतियोगी क्षमताओं में वृद्धि का समय प्रतीत होता है जिसके कारण आप अपने कार्य समय पर पूर्ण करने में सक्षम हो सकेंगे | आर्थिक स्तर में उन्नति की सम्भावना भी की जा सकती है | किसी प्रकार का कोई लीगल केस यदि चल रहा है तो उसमें अनुकूल परिणाम की अपेक्षा की जा सकती है | साथ ही परिवार के लोगों का सहयोग आपको प्राप्त रहेगा और उनके कारण आपके आत्मबल में भी वृद्धि होगी | अपने तथा सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है | अकारण ही आपके स्वभाव में चिडचिडापन आ सकता है जो सम्बन्धों के लिए उचित नहीं होगा, अतः सावधान रहने की आवश्यकता है |

वृषभ : आपकी राशि से चतुर्थेश आपकी राशि से पंचम भाव में गोचर करेगा | यदि आप अथवा आपकी सन्तान उच्च शिक्षा अथवा किसी Professional Course के लिए जाना चाहते हैं तो आपके लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | साथ ही सन्तान प्राप्ति के भी योग प्रतीत होते हैं | आय के नवीन अवसरों के साथ ही मान सम्मान में वृद्धि के भी संकेत हैं | स्वास्थ्य के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | किन्तु यदि आपने अपने Temperament पर नियन्त्रण नहीं रखा तो प्रेम सम्बन्धों अथवा पारिवारिक सम्बन्धों में दरार की भी सम्भावना है | आपकी सन्तान का स्वभाव भी उग्र हो सकता है किन्तु उसका सहयोग आपको प्राप्त रहेगा |

मिथुन : आपकी राशि से तृतीयेश का गोचर आपकी राशि से चतुर्थ भाव में हो रहा है | आपके उत्साह में वृद्धि की सम्भावना है | जिसके कारण आप अपने कार्य समय पर पूर्ण करने में सक्षम हो सकते हैं | परिवार में मंगल कार्यों का आयोजन हो सकता है किन्तु साथ ही किसी कारणवश कुछ क्लेश की स्थिति भी बन सकती है अतः इस ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | साथ ही आपके छोटे भाई बहनों के लिए भी यह गोचर यों तो अनुकूल प्रतीत होता है, किन्तु उनके अपने स्वभाव के कारण उन्हें मानसिक और शारीरिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है जिसके कारण उनके कार्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है |

कर्क : आपकी राशि से द्वितीयेश का गोचर आपकी राशि से तीसरे भाव में हो रहा है | भाई बहनों के साथ सम्बन्धों में सुधार की सम्भावना की जा सकती है | किन्तु आपका अपना स्वभाव इस अवधि में कुछ उग्र हो सकता है | यदि आपको ऐसा प्रतीत होता है तो ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास कीजिए | आर्थिक दृष्टि से यह गोचर आपके लिए अनुकूल प्रतीत होता है | आपके पिता तथा भाई बहनों का सहयोग भी आपको प्राप्त रहेगा | आपका यदि स्वयं का व्यवसाय है अथवा मीडिया या आई टी से आपका कोई सम्बन्ध है तो आपके लिए उन्नति का समय प्रतीत होता है | आपकी रूचि इस समय धार्मिक गतिविधियों में भी बढ़ सकती है |

सिंह : आपके लिए आपके राश्यधिपति का अपनी राशि से दूसरे भाव में गोचर हो रहा है | आर्थिक दृष्टि से तथा कार्य की दृष्टि से यह गोचर अत्यन्त महत्त्वपूर्ण प्रतीत होता है | आपको किसी घनिष्ठ मित्र के माध्यम से कुछ नवीन प्रोजेक्ट्स भी प्राप्त हो सकते हैं | आपकी वाणी इस अवधि में अधिक प्रभावशाली बनी रहेगी जिसका लाभ आपको अपने कार्य में अवश्य होना चाहिए | किसी पुराने मित्र से भी इस अवधि में भेंट हो सकती है और उसके माध्यम से भी आपके कार्य में उन्नति की सम्भावना की जा सकती है | किसी प्रकार के पुरूस्कार, सम्मान अथवा पदोन्नति की सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है |

कन्या : आपके लिए आपके द्वादशेश का गोचर आपकी ही राशि में हो रहा है | आपके लिए यह गोचर कुछ अधिक अनुकूल नहीं प्रतीत होता | आप यदि कहीं दूर के शहर अथवा विदेश में कार्य करते हैं तो इस अवधि में आप वापस लौटने का मन बना सकते हैं | किन्तु आपको अपने कार्य के सिलसिले में किसी विदेशी मित्र के माध्यम से सहायता प्राप्त हो सकती है | यदि आप किसी सरकारी नौकरी में हैं तो आपका ट्रांसफर किसी ऐसे स्थान पर हो सकता है जो आपके मन के अनुकूल न हो | आपके छोटे भाई बहनों के साथ किसी प्रकार की बहस न होने पाए इस ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | अपने और जीवन साथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है |

तुला : आपकी राशि से बारहवें भाव में राशि से एकादशेश सूर्य का गोचर एक ओर आय में वृद्धि के संकेत दे रहा है तो वहीं दूसरी ओर खर्चों में वृद्धि के भी संकेत प्रतीत होते हैं | कार्य के सिलसिले में यात्राओं में वृद्धि के भी योग प्रतीत होते हैं | ये यात्राएँ आपके लिए भाग्यवर्द्धक भी सिद्ध हो सकती हैं | किन्तु यात्राओं के दौरान अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता होगी | साथ ही किसी घनिष्ठ मित्र अथवा बड़े भाई के साथ किसी प्रकार का मतभेद भी हो सकता है | जीवन साथी के साथ सम्बन्धों में माधुर्य बनाए रखने के लिए अपनी वाणी पर नियन्त्रण आवश्यक है | ड्राइविंग के समय सावधान रहने की आवश्यकता है |

वृश्चिक : आपकी राशि से दशमेश का गोचर आपके लाभ स्थान में होने जा रहा है | कार्य की दृष्टि से समय अनुकूल प्रतीत होता है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति और मान सम्मान में वृद्धि के संकेत हैं | साथ ही आपके उत्साह में वृद्धि के कारण आपका अपना स्वयं का व्यवसाय है तो उसमें भी प्रगति की सम्भावना की जा सकती है | कार्यस्थल पर विरोधियों की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | बड़े भाई, पिता तथा मित्रों का सहयोग आपको प्राप्त रहेगा | आपके लिए कार्य तथा आय के नवीन स्रोत इस अवधि में उपस्थित हो सकते हैं | आपकी सन्तान के लिए भी अनुकूल समय प्रतीत होता है, किन्तु उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता होगी |

धनु : आपकी राशि के लिए आपका भाग्येश आपकी राशि से दशम भाव में गोचर करेगा | आपके लिए यह गोचर भाग्यवर्धक प्रतीत होता है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति के साथ ही कहीं ट्रांसफर भी हो सकता है | अपना स्वयं का कार्य है तो उसमें भी लाभ की सम्भावना है | आपके लिए पराक्रम और मान सम्मान में वृद्धि के संकेत प्रतीत होते हैं | किसी प्रकार का अवार्ड या सम्मान आदि भी आपको इस अवधि में प्राप्त हो सकता है | विदेश यात्राओं के भी योग प्रतीत होते हैं | धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में रूचि बढ़ सकती है | आपको चाहिए कि इस गोचर का लाभ उठाएं तथा अपने रुके हुए कार्य पूर्ण करने का प्रयास करें | खर्चों पर नियन्त्रण रखने की आवश्यकता है |

मकर : आपकी राशि से अष्टमेश का गोचर आपके नवम भाव में हो रहा है | आपके लिए मिश्रित फल देने वाला गोचर प्रतीत होता है | एक ओर अचानक ही किसी ऐसे स्थान से लाभ हो सकता है जहाँ के विषय में आपने सोचा भी नहीं होगा, तो वहीं दूसरी ओर कार्यक्षेत्र में किसी प्रकार के विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है | आय के नवीन साधन उपलब्ध हो सकते हैं | प्रॉवक़ीलों और डॉक्टर्स के लिये यह गोचर भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | परिवार में किसी धार्मिक कार्य का आयोजन भी सम्भव है | किसी कारणवश आपको निराशा का अनुभव भी हो सकता है और इस कारण से आपकी स्वयं की रूचि भी धार्मिक गतिविधियों में बढ़ सकती है |

कुम्भ : आपकी राशि से सप्तमेश का गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में होने जा रहा है | आपके लिये यह गोचर कुछ अधिक अनुकूल नहीं प्रतीत होता | यदि आप पार्टनरशिप में कोई कार्य कर रहे हैं तो अपने पार्टनर के साथ आपका किसी बात पर विवाद हो सकता है जिसका विपरीत प्रभाव आपके कार्य पर पड़ सकता है | दाम्पत्य जीवन में भी कुछ अनबन हो सकती है | अच्छा यही रहेगा कि अपनी वाणी और Temperament पर नियन्त्रण रखें | आपकी सन्तान के लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | साथ ही यदि आप एक विद्यार्थी हैं तो आपके लिए भी अनुकूल फल देने वाला गोचर प्रतीत होता है | महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता है |

मीन : आपका षष्ठेश होकर सूर्य का गोचर आपके सप्तम भाव में हो रहा है | आपकी अपनी वाणी तथा उग्र स्वभाव के कारण जीवन साथी अथवा व्यावसायिक पार्टनर के साथ किसी प्रकार का विवाद उग्र रूप ले सकता है | परिवार के लोगों के साथ भी किसी प्रकार की बहस सम्भव है | ननसाल की ओर से कोई अशुभ समाचार भी प्राप्त हो सकता है अथवा सम्बन्धों में किसी प्रकार की कड़वाहट उत्पन्न हो सकती है | तनाव के कारण आपके तथा आपके जीवन साथी के सर में दर्द, उच्च रक्त चाप जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | अच्छा यही रहेगा कि कार्य से कुछ समय निकाल कर कहीं घूमने चले जाएँ |

अन्त में, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं | सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…