आश्विन मास 2023 के व्रतोत्सव
आश्विन मास – 30 सितम्बर से 28 अक्टूबर 2023 – के व्रतोत्सव
शुक्रवार 29 सितम्बर को प्रौष्ठपदी पूर्णिमा के साथ भाद्रपद मास समाप्त होकर शनिवार तीस सितम्बर से कृष्ण प्रतिपदा के साथ आश्विन मास आरम्भ हो जाएगा जो 28 अक्तूबर को शरद पूर्णिमा के साथ समाप्त हो जाएगा | वैदिक कैलेन्डर का सप्तम मास आश्विन मास – बहुत से पर्वों का – व्रत उपवासों का महीना होता है | सर्वप्रथम बात करते हैं आश्विन मास के नाम की | जिस मास में जिस नक्षत्र का उदय होता है उसके आधार पर उस मास का नाम रखा जाता है | अश्विन मास में आश्विन नक्षत्र होता है – अर्थात इस मास की चतुर्दशी/पूर्णिमा को चन्द्रमा आश्विन नक्षत्र पर होता है – इसलिए इसका नाम आश्विन पड़ा | आश्विन नक्षत्र का नाम अश्विनी कुमारों के नाम पर रखा गया है जो देवताओं के वैद्य भी कहे जाते हैं | इस मास का वैदिक नाम ईश है | साथ ही आश्विन का एक अर्थ “नासत्य” भी होता है – अर्थात जो सत्य न हो | जो इसी बात से विदित हो जाता है कि इस मास का आरम्भ होता है दिवंगत पूर्वजों के प्रति सम्मान और श्रद्धा के पर्व श्राद्ध पक्ष से – जो द्योतक है इस सत्य का कि जगत असत्य है, माया है, इसके लोभ मोह में नहीं फँसना चाहिए | इसके अतिरिक्त भी और भी बहुत से पर्व इस मास में आते हैं | भगवती के नौ रूपों की पूजा अर्चना का नव दिवसीय अनुष्ठान आश्विन नवरात्र जिन्हें शारदीय नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है, विजया दशमी तथा आश्विन पूर्णिमा जिसे शरद पूर्णिमा भी कहा जाता है सभी इसी मास में आते हैं | वर्षा रानी अपने प्रियतम ऊदे भूरे मेघों के साथ अपने निवास को वापस लौट जाती हैं और उनके स्थान पर श्वेत धूप अपने मित्र नील नभ के साथ आ विराजती हैं | साथ ही हल्की हल्की ठण्ड का आभास भी इस मास में होना आरम्भ हो जाता है – जो अश्विनी शब्द का एक अन्य अर्थ है | और ये सभी अर्थ आश्विन नाम को सार्थक सिद्ध करते हैं | लोक भाषा में इसे “क्वार” का महीना भी कहते हैं – अश्विनी कुमार के “कुमार” शब्द का अपभ्रंश होते होते कुमार से “क्वार” बन गया |
इस वर्ष शुक्रवार 29 सितम्बर को अपराह्न 3:28 के लगभग मकर लग्न, बालव करण और वृद्धि योग में प्रतिपदा तिथि का आगमन होगा, सूर्योदय काल में 30 सितम्बर को प्रतिपदा तिथि होने के कारण इसी दिन से आश्विन मास का आरम्भ माना जाएगा | सूर्योदय इस दिन 6:13 पर कन्या लग्न, कौलव करण और ध्रुव योग में होगा | अस्तु, सर्वप्रथम मासारम्भ में दिवंगत पूर्वजों के प्रति श्रद्धा सुमन समर्पित करते हुए सभी को इस मास में आने वाले नवरात्रोत्सव, विजया दशमी तथा शरद पूर्णिमा की अग्रिम रूप से अनेकशः हार्दिक शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत है इस मास में आने वाले व्रतोत्सवों की सूची…
शुक्रवार 29 सितम्बर – प्रौष्ठपदी पूर्णिमा / पूर्णिमा का श्राद्ध / भाद्रपद मास समाप्त
शनिवार 30 सितम्बर – आश्विन कृष्ण प्रतिपदा / प्रतिपदा का श्राद्ध
रविवार 1 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण द्वितीय / द्वितीया का श्राद्ध
सोमवार 2 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण तृतीया / तृतीया का श्राद्ध
मंगलवार 3 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण चतुर्थी / चतुर्थी का श्राद्ध
बुधवार 4 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण पञ्चमी / पञ्चमी का श्राद्ध
गुरुवार 5 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण षष्ठी / षष्ठी का श्राद्ध
शुक्रवार 6 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण सप्तमी / सप्तमी का श्राद्ध
शनिवार 7 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण अष्टमी / अष्टमी का श्राद्ध
रविवार 8 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण नवमी / नवमी का श्राद्ध
सोमवार 9 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण दशमी / दशमी का श्राद्ध
मंगलवार 10 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण एकादशी / एकादशी का श्राद्ध
बुधवार 11 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण द्वादशी / द्वादशी का श्राद्ध
गुरुवार 12 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण त्रयोदशी / त्रयोदशी का श्राद्ध
शुक्रवार 13 अक्टूबर – आश्विन कृष्ण चतुर्दशी / चतुर्दशी का श्राद्ध
शनिवार 14 अक्टूबर – आश्विन अमावस्या / पितृविसर्जनी अमावस्या / महालया
रविवार 15 अक्टूबर – आश्विन शुक्ल प्रतिपदा / 14 अक्तूबर को रात्रि 11:25 के लगभग किन्स्तुघ्न करण, वैद्धृति योग और मिथुन लग्न में प्रतिपदा तिथि का आगमन – जो 15 तारीख को अर्द्धरात्रि में 12:32 तक रहेगी | 15 तारीख को सूर्योदय 6:21 पर कन्या लग्न में होगा | इस समय भी किन्तुघ्न करण और वैद्धृति योग रहेगा तथा सूर्य और चन्द्र दोनों ही चित्रा नक्षत्र पर होंगे | अतः घट स्थापना 15 सितम्बर को कन्या लग्न में प्रातः 6:21 से लग्न की समाप्ति 6:38 तक / अभिजित मुहूर्त प्रातः 11:44 से 12:30 तक / शारदीय नवरात्र / प्रथम नवरात्र / भगवती के शैलपुत्री रूप की उपासना / महाराजा अग्रसेन जयन्ती
सोमवार 16 अक्टूबर – आश्विन शुक्ल द्वितीया / द्वितीय नवरात्र / भगवती के ब्रह्मचारिणी रूप की उपासना
मंगलवार 17 अक्टूबर – आश्विन शुक्ल तृतीया / तृतीय नवरात्र / भगवती के चन्द्रघंटा रूप की उपासना
बुधवार 18 अक्टूबर – आश्विन शुक्ल चतुर्थी / चतुर्थ नवरात्र / भगवती के कूष्माण्डा रूप की उपासना / तुला संक्रान्ति / सूर्य का तुला राशि में संक्रमण 17 तारीख को अर्द्धरात्र्योत्तर (18 को सूर्योदय से पूर्व) 1:30 पर / 18 को सूर्योदय 6:23 पर / सूर्योदय से दिन में 12 बजे तक पुण्य काल
गुरुवार 19 अक्टूबर – आश्विन शुक्ल पञ्चमी / पञ्चम नवरात्र / भगवती के स्कन्दमाता रूप की उपासना
शुक्रवार 20 अक्टूबर – आश्विन शुक्ल षष्ठी / छठा नवरात्र / भगवती के कात्यायनी रूप की उपासना / सरस्वती आह्वाहन पूजा मुहूर्त प्रातः 6:25 से 8:52 तक
शनिवार 21 अक्तूबर – आश्विन शुक्ल सप्तमी / सप्तम नवरात्र / भगवती के कालरात्रि रूप की उपासना / सरस्वती पूजा मुहूर्त प्रातः 6:25 से 8:17 तक
रविवार 22 अक्तूबर – आश्विन शुक्ल अष्टमी / अष्टम नवरात्र / भगवती के महागौरी रूप की उपासना / सरस्वती बलिदान मुहूर्त प्रातः 6:26 से 7:19 तक / सरस्वती विसर्जन मुहूर्त सायं 6:44 से अर्द्ध रात्रि में 12:21 तक
सोमवार 23 अक्तूबर – आश्विन शुक्ल नवमी / नवम नवरात्र / भगवती के सिद्धिदात्री रूप की उपासना
मंगलवार 24 अक्तूबर – आश्विन शुक्ल दशमी / प्रतिमा विसर्जन मुहूर्त प्रातः 6:27 से 8:42 तक / विजया दशमी मुहूर्त मध्याह्न 1:58 से 2:43 तक / अपराजिता देवी की उपासना / विद्यारम्भ / माधवाचार्य जयन्ती
बुधवार 25 अक्टूबर – आश्विन शुक्ल एकादशी / पापांकुशा एकादशी
गुरुवार 26 अक्टूबर – आश्विन शुक्ल द्वादशी / प्रदोष व्रत
शनिवार 28 अक्तूबर – आश्विन पूर्णिमा व्रत / शरद पूर्णिमा / कोजागरी पूर्णिमा / मीराबाई जयन्ती / वाल्मीकि जयन्ती / आश्विन मास समाप्त
अन्त में एक बार पुनः मासारम्भ में दिवंगत पूर्वजों के प्रति श्रद्धा सुमन समर्पित करते हुए सभी को इस मास में आने वाले नवरात्रोत्सव, विजया दशमी तथा शरद पूर्णिमा की अग्रिम रूप से अनेकशः हार्दिक शुभकामनाएँ…