शनि का मीन में गोचर
मेष तथा वृषभ राशियों के लिए शनि का मीन में गोचर
इस वर्ष शनिवार 29 मार्च, चैत्र अमावस्या को रात्रि 9:46 के लगभग किंस्तुघ्न करण और ब्रह्म योग में शनि का गोचर मीन राशि में हो जाएगा, जहाँ 3 जून 2027 तक भ्रमण करने के बाद मंगल की राशि मेष में पहुँच जाएँगे | यद्यपि मेष में वक्री होकर 20 अक्टूबर 2027 को एक बार फिर से रेवती नक्षत्र और मीन राशि में आएँगे और चार दिन बाद 24 दिसम्बर 2027 से मार्गी होते हुए 23 फरवरी 2028 को मेष राशि और अश्वनी नक्षत्र पर वापस पहुँच जाएँगे | धीमी गति के कारण लम्बी यात्रा है शनि की अतः इस बीच शनि कई बार अस्त भी रहेगा और कई बार वक्री चाल भी चलेगा | इन्हीं सब तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जानने का प्रयास करेंगे शनि के मीन राशि में गोचर के मेष तथा वृषभ राशि के जातकों पर क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं…
किन्तु ध्यान रहे, ये सभी परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है | क्योंकि शनि का जहाँ तक प्रश्न है तो “शं करोति शनैश्चरतीति च शनि:” अर्थात, जो शान्ति और कल्याण प्रदान करे और धीरे चले वह शनि… अतः शनिदेव का गोचर कहीं भी हो, घबराने की या भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है… अपने कर्म की दिशा सुनिश्चित करके आगे बढ़ेंगे तो कल्याण ही होगा… अतः धैर्यपूर्वक शनि की चाल पर दृष्टि रखते हुए कर्मरत रहिये… निश्चित रूप से गुरुदेव की कृपा से शनि के इस गोचर में भी कुछ तो अमृत प्राप्त होगा, क्योंकि गुरु की राशियों में स्थित शनि शुभ फल देने में समर्थ होता है… अस्तु,
मेष राशि – आपके लिए शनि आपके कर्म स्थान तथा लाभ स्थान का स्वामी है और आपके बारहवें भाव में गोचर करने जा रहा है, जहाँ से इसकी दृष्टियाँ आपके दूसरे भाव पर, छठे भाव पर तथा नवम भाव पर रहेंगी | आपकी राशि से दूसरा भाव वृषभ शनि के मित्र ग्रह शुक्र की राशि है | छठा भाव कन्या भी शनि के मित्र बुध की राशि है, तथा नवम भाव अर्थात् भाग्य स्थान का धनु का अधिपति गुरु है | साथ ही आपके लिए साढ़ेसाती का प्रथम चरण भी आरम्भ हो रहा है | आपके लिए एक ओर तो लम्बी विदेश यात्राओं के योग बन रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इन यात्राओं में आय से अधिक व्यय भी सम्भव है और स्वास्थ्य के लिए भी ये यात्राएँ सम्भव है अनुकूल न रहें | अतः यदि इन यात्राओं से बचा जा सकता है तो उसके विषय में विचार अवश्य करें |
कार्य की दृष्टि से यह गोचर अनुकूल रहने वाला प्रतीत होता है | यदि आपका कार्य विदेश से सम्बन्ध रखता है तो आपके लिए विशेष रूप से कार्य में प्रगति की सम्भावना की जा सकती है | इसके अतिरिक्त कलाकारों, फैशन इण्डस्ट्री से जुड़े व्यक्तियों, Cosmetic इत्यादि का कार्य कर रहे व्यक्तियों के लिए भी कार्य इन प्रगति की सम्भावना की जा सकती है | आप जितना अधिक श्रम करेंगे उतना ही आपके भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा | पराक्रम में वृद्धि की सम्भावना भी की जा सकती है | किन्तु यदि आपने बिना सोचे विचारे कोई भी कार्य किया तो अकारण ही धनहानि भी सम्भव है | धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि की सम्भावना है |
अपनी वाणी तथा खान पान पर नियन्त्रण रखने की आवश्यकता है | स्वास्थ्य की दृष्टि से देखें तो इस अवधि में आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ सकती है और बहुत सी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से प्रभावित हो सकते हैं | आँखों से सम्बन्धित समस्या अथवा खान पान से सम्बन्धित समस्या सम्भव है | विशेष रूप से जुलाई से नवम्बर तक तथा जुलाई 2026 से फरवरी 2027 जब वक्री अवस्था में रहेगा शनि उस समय विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है अन्यथा बहुत अधिक पैसा भी खर्च हो सकता है | इसके अतिरिक्त आपके घर अथवा कार्यालय में कार्य आर रहे कर्मचारियों के लिए भी स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं | शनि स्तोत्र का जाप अथवा शनि के मन्त्र का जाप साढ़ेसाती के प्रभाव को कम कर सकता है | साथ ही मन को शान्त रखने तथा शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग ध्यान आदि के सहारा लें |
वृषभ राशि – आपके लिए नवम और दशम भाव का स्वामी होकर शनि योगकारक बन जाता है और इस समय आपके एकादश भाव यानी लाभ स्थान में गोचर करेगा | शनि को कर्म का कारक भी कहा जाता है | यहाँ से आपकी लग्न – जिसका अधिपति शुक्र शनि का मित्र ग्रह है, पञ्चम भाव – जिसका अधिपति भी शनि का मित्र है तथा अष्टम भाव पर शनि की दृष्टियाँ रहेंगी | आपके लिए कार्य की दृष्टि से यह गोचर भाग्यवर्द्धक माना जा सकता है | यदि किसी नई नौकरी की तलाश में हैं तो वह भी आपको प्राप्त हो सकती है, लेकिन उसके लिए भाग दौड़ अधिक करनी पड़ेगी | कार्य में पदोन्नति तथा आय में वृद्धि की भी सम्भावना है | आवश्यकता है आलस्य को दूर करके कर्मरत रहने की | कोई रुका हुआ कार्य पूर्ण होने की भी सम्भावना है | यदि आप अनुकूल दिशा में प्रयास करते रहे तो आपके रुके हुए कार्य भी इस अवधि में पूर्ण होने की सम्भावना है |
सहकर्मियों का सहयोग आपको उपलब्ध रहेगा | कार्यस्थल पर सौहार्द का वातावरण बने रहने की सम्भावना है जिसके कारण आप अपने कार्य समय पर पूर्ण करने में सक्षम होंगे | आप अचानक ही अपना कार्य क्षेत्र बदलने की अथवा जिस जॉब में अभी हैं उसे बदलने की योजना बना सकते हैं – जो आपके हित में रह सकती है | वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपके सम्बन्धों में दृढ़ता की सम्भावना की जा सकती है जिसके कारण कार्य स्थल पर चाल रहा गतिरोध समाप्त हो सकता है | नौकरी में पदोन्नति और व्यापार में सफलता के भी योग हैं | आर्थिक स्थिति में सुधार और दृढ़ता के संकेत भी प्रतीत होते हैं |
आप इस अवधि में सन्तान के विषय में अधिक विचार करेंगे और उसकी सुख सुविधाओं के प्रबन्ध में व्यस्त रह सकते हैं | वक्री शनि की अवधि यानी जुलाई से नवम्बर के मध्य तथा जुलाई 2026 से फरवरी 2027 के मध्य सन्तान के स्वास्थ्य की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है |
स्वास्थ्य का जहाँ तक प्रश्न है तो यदि अपना Temperament सही नहीं रखा तो तनाव के कारण नींद में कमी तथा उससे जुड़ी अन्य समस्याएँ भी हो सकती हैं | आलस्य का त्याग कर योग और प्राणायाम पर ध्यान दें |
अन्त में बस इतना ही कि यदि कर्म करते हुए भी सफलता नहीं प्राप्त हो रही हो तो किसी अच्छे ज्योतिषी के पास दिशानिर्देश के लिए अवश्य जाइए, किन्तु अपने कर्म और प्रयासों के प्रति निष्ठावान रहिये – क्योंकि ग्रहों के गोचर तो अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं, केवल आपके कर्म और उचित प्रयास ही आपको जीवन में सफल बना सकते हैं… अगले लेख में मिथुन और कर्क राशि पर शनि के मीन राशि में गोचर पर वार्ता होगी…