गुरु मिथुन में

गुरु मिथुन में

गुरु मिथुन में

शनि महाराज के राशि परिवर्तन के बाद अब गुरुदेव राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं | बुधवार चौदह मई, वैशाख कृष्ण द्वितीया को रात्रि 10:37 के लगभग गर करण और शिव योग में देवगुरु बृहस्पति शत्रु ग्रह शुक्र की वृषभ राशि से निकलकर दूसरे शत्रु ग्रह बुध की मिथुन राशि में प्रस्थान कर जाएँगे | अपने इस गोचर में गुरुदेव दो बार राशि परिवर्तन करेंगे जिसके कारण गुरु अतिचारी हो जाएँगे | शनि के बाद गुरु ऐसा दूसरा ग्रह है जिसकी गति धीमी होती है और एक राशि से दूसरी राशि पर जाने में इसे लगभग बारह से तेरह महीनों का समय लग सकता है | इस समय गुरुदेव मृगशिर नक्षत्र पर आरूढ़ हैं | मिथुन राशि में भ्रमण करते हुए 18 अक्टूबर को रात्रि 8:35 के लगभग गुरु अतिचारी होकर अपनी उच्च राशि में कर्क में पहुँच जाएँगे | 11 नवम्बर को रात्रि 9:51 पर गुरु वक्री होना आरम्भ होंगे और इसी अवस्था में पाँच दिसम्बर को सायं 7:26 के लगभग वापस मिथुन राशि में पहुँच जाएँगे | जहाँ 11 मार्च को प्रातः 9:24 तक वक्री रहने के बाद मार्गी होना आरम्भ होंगे, और फिर दो जून 2026 को पुनर्वसु नक्षत्र पर रहते हुए ही अपनी उच्च की राशि कर्क में प्रस्थान कर जाएँगे | इस बीच नौ जून से नौ जुलाई तक गुरुदेव अस्त भी रहेंगे | इस अवधि में गुरु मृगशिर, आर्द्रा और पुनर्वसु नक्षत्रों पर रहेंगे | जिनमें मृगशिर नक्षत्र का स्वामी मंगल है जिसके साथ गुरुदेव की मित्रता है, आर्द्रा नक्षत्र का स्वामित्व राहु को प्राप्त है जिसके साथ सामान्य सम्बन्ध गुरुदेव के हैं, तथा पुनर्वसु नक्षत्र का अधिपति स्वयं गुरुदेव हैं | गुरु के मिथुन राशि में गोचर की अवधि में अतिचारी होने के कारण ऐसी मान्यता है कि प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि हो सकती है, राजनैतिक दलों तथा राष्ट्रों के मध्य संघर्ष में वृद्धि हो सकती हैवर्तमान में जिस प्रकार की स्थितियाँ हाल भी रही हैंऔर ऐसा बुधजिसका स्वभाव पारद के समान माना जाता हैकी प्रकृति के कारण सम्भव है, तथा रोगों का संक्रमण बढ़ सकता है | गुरु एक शुभ ग्रह है तथा इसे ज्ञान, विज्ञान, बुद्धि, धर्म और आध्यात्म, राजनीति, कूटनीति के साथसाथ भाग्य वृद्धि, विवाह तथा सन्तान और पिता के सुख के कारक हैं तथा मिथुन राशि बुध की राशि है जिसका सम्बन्ध Communication, singing, वाणी, बुद्धि इत्यादि से माना जाता है | भाचक्र की तीसरी राशि है | सामान्य रूप से जान साधारण के लिए यह समय नवीन विचारों के आदान प्रदान का, बौद्धिक तथा सामाजिक गतिविधियों में वृद्धि का रह सकता है |

राशियों की यदि बात करें तो, गुरु और बुध परस्पर एक दूसरे के लिए योगकारक भी हैं | गुरु की एक राशि धनु से मिथुन राशि सप्तम भाव तथा दूसरी राशि मीन से मिथुन चतुर्थ भाव है | इसी प्रकार मिथुन के लिए गुरु सप्तमेश और दशमेश है | अतः बुध और गुरु में भले ही शत्रुता हो लेकिन इनकी चारों राशियोंमिथुन, कन्या, धनु और मीन के लिए तो यह गोचर अत्यन्त शुभ रहने वाला प्रतीत होता है | मिथुन राशि से गुरु की पञ्चम दृष्टि तुला राशि पर, सप्तम दृष्टि स्वयं गुरु की राशि धनु पर तथा नवम दृष्टि कुम्भ राशि पर रहेगी | इस प्रकार इन राशियों के लिए भी अनुकूल फलों की ही सम्भावना की जा सकती है | इसके अतिरिक्त अतिचारी होने की स्थिति में गुरु जितने समय का कर्क राशि में रहेगा उतनी अवधि में वहाँ से भी उसके फल प्राप्त होंगेऔर ध्यान रहेकर्क राशि में गुरु उच्च का हो जाता है | उसके विषय में बाद में लिखेंगे | इन्हीं समस्त तथ्यों के आधार जानने का प्रयास करते हैं कि सभी बारह राशियों के जातकों के लिए गुरु के मिथुन में गोचर के क्या सम्भावित परिणाम रह सकते हैं | “सम्भावितइसलिए, क्योंकि ये सभी परिणाम चन्द्र राशि पर आधारित हैं, और चन्द्रमा एक राशि में लगभग सवा दो दिन रहता है और इस अवधि में अनगिनत बच्चों का जन्म हो जाता हैऔर सबही के लिए तो कोई ग्रह एक समान नहीं हुआ करता | साथ ही, सबसे प्रमुख तो व्यक्ति अपना कर्म होता है जो किसी भी ग्रह दशा को अपने अनुकूल बनाने की सामर्थ्य रखता है

प्रस्तुत है सभी बारह राशियों के जातकों के लिए गुरु के मिथुन राशि में गोचर के सम्भावित परिणाम

मेष : राशिचक्र की प्रथम राशि | आपके लिए गुरु नवमेश तथा द्वादशेश होकर आपकी राशि से तृतीय भाव में गोचर कर रहा हैजो मुख्य रूप से पराक्रम का तथा छोटे भाई बहनों का भाव है | यहाँ से इसकी दृष्टियाँ आपके सप्तम भाव, भाग्य स्थान तथा लाभ स्थानों पर रहेंगी | भाग्य में वृद्धि के योग बन रहे हैं | यात्राओं मेंविशेष रूप से धार्मिक यात्राओं में वृद्धि की सम्भावना की जा सकती है | किसी नौकरी में हैं तो वहाँ प्रमोशन की सम्भावना भी दिखाई देती है | अपना स्वयं का व्यवसाय है अथवा पार्टनरशिप में कोई कार्य है तो उसमें भी प्रगति और आर्थिक लाभ का समय प्रतीत होता है | अधिकारी वर्ग और सहकर्मियों का सहयोग आपको प्राप्त रहेगा |  यदि पार्टनरशिप में कोई नवीन कार्य भी आरम्भ करना चाहते हैं तो उसके लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | विशेष रूप से  हाथ के कारीगरों, कलाकारों, मीडिया आदि से सम्बन्ध रखने वाले जातकों तथा लेखन आदि से जुड़े जातकों के लिए तो यह गोचर निश्चित रूप से अत्यन्त अनुकूल प्रतीत होता है | आपके कार्य की प्रशंसा के साथ ही आपकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होने की सम्भावना है | अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए देश विदेश में यात्राओं में भी वृद्धि की सम्भावना है जहाँ आपके कार्य की प्रशंसा की जाएगी और आपको कुछ सम्मान आदि भी प्राप्त हो सकता है | अपना स्वयं का व्यवसाय है और उसमें यदि कुछ समय से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था तो अब उन समस्याओं से मुक्ति का समय प्रतीत होता है | आपको अधिकारी वर्ग का, पिता का, भाई बहनों, जीवन साथी तथा मित्रों का समुचित सहयोग इस अवधि में उपलब्ध रहेगा | परिवार में आनन्द का वातावरण बना रहेगा जिसके कारण आप पूर्ण मनोयोग से अपने कार्य पूर्ण करने में सक्षम होंगे | कुछ नवीन प्रोजेक्ट्स भी आपको प्राप्त हो सकते हैं जिनके कारण आप दीर्घ समय तक व्यस्त रहते हुए अर्थ लाभ कर सकते हैं | मान सम्मान में तथा सामाजिक कार्यों में वृद्धि की सम्भावना है | यदि अविवाहित हैं तो इस वर्ष जीवन साथी की खोज भी पूर्ण हो सकती है | एक और महत्त्वपूर्ण तथ्य, आपकी साढ़ेसाती का प्रथम चरण आरम्भ हो चुका है, किन्तु गुरु के इस गोचर से साढ़ेसाती के यदि कोई दुष्परिणाम हैं भी तो उनमें भी कमी आने की सम्भावना है |

वृषभ : आपके लिए आपकी राशि से अष्टमेश तथा एकादशेश होकर गुरु का गोचर आपके द्वितीय भाव में होने जा रहा हैजो धन का भाव है, वाणी का भाव है, परिवार तथा संचित धन का भाव है | यहाँ से गुरु की दृष्टियाँ आपके छठे भाव, अष्टम भाव तथा दशम भाव पर रहेंगी | आपके लिए कार्य में उन्नति के संकेत हैं | नौकरी में पदोन्नति के साथ ही आय में वृद्धि की भी सम्भावना है | अपना स्वयं का व्यवसाय है तो उसमें भी प्रगति और अर्थ लाभ के संकेत हैं | कुछ नवीन प्रोजेक्ट्स का लाभ हो सकता है जिनके कारण आप वर्ष भर व्यस्त रहते हुए धनोपार्जन कर सकते हैं | पैतृक सम्पत्ति से भी लाभ की सम्भावना की जा सकती है | साथ ही अचानक ही किसी वसीयत अथवा किसी ऐसे स्थान से लाभ की सम्भावना की जा सकती है जहाँ के विषय में आपने कल्पना ही नहीं की होगी | कार्य स्थल पर सहकर्मियों तथा अधिकारी वर्ग के साथ आपके सम्बन्ध सौहार्दपूर्ण रहेंगे जिसके कारण आप अपना कार्य सुचारू रूप से करने में सक्षम होंगे | स्वास्थ्य की दृष्टि से चौदह जून से दस जुलाई के मध्य ख़ान पर नियन्त्रण रखने की आवश्यकता है | साथ ही इस अवधि में बॉस से किसी प्रकार का पंगा आपके हित में नहीं रहेगा | बहुत समय से यदि कुछ कार्य रुके हुए हैं अथवा उनमें किन्हीं कारणों से व्यवधान की स्थिति चल रही है तो वे कार्य भी पुनः आरम्भ होकर पूर्णता को प्राप्त हो सकते हैं | यदि कहीं से ऋण लिया हुआ है तो इस अवधि में उससे भी मुक्ति सम्भव है | किसी पुराने रोग से मुक्ति भी इस अवधि में सम्भव है | पैतृक सम्पत्ति का लाभ सम्भव है | कार्य के सिलसिले में दूर पास की यात्राओं के योग भी प्रतीत होते हैं | कलाकारों के लिए, अध्ययन अध्यापन के क्षेत्र से सम्बद्ध व्यक्तियों के लिए तथा राजनीति से सम्बन्ध रखने वाले जातकों के लिए यह गोचर बहुत अनुकूल प्रतीत होता है | माँ सम्मान में वृद्धि के साथ हाई आपको किसी पुरस्कार आदि से भी सम्मानित किया जा सकता है |

मिथुन : आपके लिए तो योगकारक होकर गुरुदेव का गोचर स्वयं आपकी राशि में ही हो रहा है और यहाँ से आपके पञ्चम भाव, सप्तम भाव तथा नवम भावों पर इसकी दृष्टियाँ रहेंगी | पञ्चम भाव से शिक्षा तथा सन्तान आदि का विचार किया जाता है, सप्तम भाव से दाम्पत्य जीवन तथा अन्य किसी भी प्रकार की पार्टनरशिप का और नवम भाव भाग्य तथा धर्म का स्थान होता है | आपके विचारों तथा आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तनों की सम्भावना की जा सकती है | आपकी सन्तान की और से आपको कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है | छात्रों के लिए यह गोचर अनुकूल फल देने वाला प्रतीत होता है | यदि आप स्वयं भी उच्च शिक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आपके लिए भी अनुकूल फलों की सम्भावना की जा सकती है | भाग्य आपके अनुकूल रहेगा | रुके हुए कार्य भी इस अवधि में पूर्ण हो सकते हैं | नौकरी की तलाश में हैं तो आपके मन के अनुकूल जॉब मिलने की सम्भावना है | अपना स्वयं का व्यवसाय है तो उसमें भी प्रगति की सम्भावना है | आपकी सोच इस अवधि में सकारात्मक बनी रहेगी जिसका लाभ आपको पारिवारिक और व्यावसायिक दोनों क्षेत्रों में दिखाई देगा | परिवार में प्रसन्नता का वातावरण बना रहेगा | सुख और भोग विलास के साधनों में वृद्धि की भी सम्भावना है | आप किसी नौकरी में हैं तो आपकी पदोन्नति के साथ ही अर्थ लाभ और किसी पुरस्कार आदि की प्राप्ति की भी सम्भावना है | आपके साहस और निर्णायक क्षमता में वृद्धि के कारण आप केवल अपने कार्य समय पर पूर्ण करने में सक्षम होंगे, अपितु अपनें अधीनस्थ कर्मचारियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकते हैं दूर पास की यात्राओं के भी योग प्रतीत होते हैं जो आपके लिए कार्य की दृष्टि से लाभदायक रहेंगी | नौकरी में अच्छा इंक्रीमेंट और बोनस प्राप्त हो सकता है जिसके कारण आप अपने ऋणों का समय पर भुगतान करके उनसे मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं  | साथ ही आप अपनी फ़िज़ूलख़र्ची बन्द करके पैसा कहीं इन्वेस्ट भी कर सकते हैं ताकि भविष्य में उसका लाभ प्राप्त हो सके | दाम्पत्य जीवन में भी प्रगाढ़ता और आनन्द के संकेत प्रतीत होते हैं | धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में वृद्धि के संकेत हैं | शारीरिक और मानसिक समस्याओं से मुक्ति के संकेत हैं | सन्तान के जन्म की भी सम्भावना है | यदि अविवाहित हैं तो इस अवधि में विवाह की भी सम्भावना है | धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है |

कर्क : आपकी राशि से बारहवें भाव में गुरु का गोचर होने जा रहा है जहाँ से उसकी दृष्टियाँ आपके चतुर्थ भाव, छठे भाव तथा अष्टम भावों पर रहेंगी | गुरु आपके लिए षष्ठेश तथा नवमेश है तथा आपकी राशि के स्वामी ग्रह चन्द्र से उसकी मित्रता है | आपकी राशि में आकर गुरु उच्च का हो जाता है | द्वादश भाव व्यय, रोग तथा आध्यात्मिक गतिविधियों से सम्बन्ध रखता है | चतुर्थ भाव परिवार का, अचल सम्पत्ति का, वाहन का, भोग विलास की सुख सुविधाओं तथा माता का भाव कहा जाता है | परिवार में वातावरण कैसा रहेगा इसके लिए भी चतुर्थ भाव की ही देखा जाता है | आपकी राशि के लिए, क्योंकि गुरु उच्चगामीयानी अपनी उच्च राशि की ओर धीरे धीरे बढ़ रहे हैंहो रहे हैं और योगकारक हैं अतः अनुकूल फलों की ही सम्भावना की जा सकती है | धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि की सम्भावना है | तीर्थस्थानों की यात्रा भी कर सकते हैं परिवार सहित | भौतिक सुख सुविधाओं पर पैसा अधिक खर्च कर सकते हैं | किसी वसीयत के माध्यम से सम्पत्ति का लाभ सम्भव है | आप स्वयं भी कोई नवीन सम्पत्ति ख़रीद सकते हैं | किन्तु यदि सम्पत्ति बेचना चाहते हैं तो अभी ऐसा ही करें | जो लोग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए अनुकूल परिणामों की सम्भावना की जा सकती है | कंप्यूटर के क्षेत्र से जिनका सम्बन्ध है, जिन लोगों का सम्बन्ध अध्ययन अध्यापन के क्षेत्र से है उन लोगों के लिए भी गुरु का यह गोचर अनुकूल परिणाम दे सकता है | कार्य के सिलसिले में देश विदेश की यात्राओं में भी वृद्धि की सम्भावना है | परिवार में सुख शान्ति की सम्भावना है | पॉलिटिक्स से जुड़े लोगों के लिए भी किसी अतिरिक्त कार्यभार तथा मान सम्मान की सम्भावना की जा सकती है | स्वास्थ्य अथवा कोर्ट कचहरी के चक्कर में धन भी बहुत अधिक ख़र्च हो सकता है जिसके कारण आपका बजट गड़बड़ा सकता है अतः इस ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | आपको लीवर तथा पेट से सम्बन्धित कोई बीमारी गम्भीर रूप धारण कर सकती है अतः अपने खान पर नियन्त्रण रखने तथा समय पर डॉक्टर को दिखाने की आवश्यकता है | गर्भवती महिलाओं को भी विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता है | यदि कोई प्रेम प्रसंग चल रहा है तो उसे अभी विवाह की स्थिति तक ले जाना ही आपके हित में रहेगा |

सिंह : आपके लिए गुरुदेव पञ्चमेश तथा अष्टमेश होकर आपकी राशि से एकादश भाव में गोचर करने जा रहे हैं | एकादश भाव लाभ स्थान होता है, बड़े भाई बहनों के लिए भी इस भाव को देखा जाता है, उच्च अधिकारियों आदि के लिए भी एकादश भाव को ही देखा जाता है | यहाँ से गुरुदेव की दृष्टियाँ आपके तृतीय भाव यानी पराक्रम के भाव, पञ्चम यानी सन्तान और उच्च शिक्षा के भाव तथा सप्तम यानी किसी भी प्रकार की पार्टनरशिप के भावों पर रहेंगी | आपके लिए प्रत्येक कार में सफलता की सम्भावना की जा सकती है | जीवन में किसी क्षेत्र में यदि बहुत समय से कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है तो अब उन बाधाओं से मुक्ति का समय प्रतीत होता है | आपके उत्साह और पराक्रम में वृद्धि के साथ ही आपकी आय में भी वृद्धि की सम्भावना है | यदि किसी नौकरी में हैं तो अधिकारी वर्ग का सहयोग और कृपा आप पर रहेगी और आपकी पदोन्नति भी हो सकती है | आप अपने कार्य से सम्बन्धित एडवांस कोर्स कर सकते हैं | उच्च शिक्षा के लिए अनुकूल समय प्रतीत होता है | उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को अनुकूल परिणाम प्राप्त हो सकते हैं | सन्तान तथा भाई बहनों के साथ सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध बने रहेंगे | आपकी सन्तान की ओर से भी कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है | दाम्पत्य जीवन में माधुर्य के साथ ही यदि अभी तक अविवाहित हैं तो जीवन साथी की खोज भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | पॉलिटिक्स से सम्बन्ध जातकों को अनुकूल फल प्राप्ति की सम्भावना है | एक महत्त्वपूर्ण बात, आपके लिए शनि की ढैया आरम्भ हो चुकी है, उस ढैया के दुष्परिणाम भी यदि कुछ होते हैं तो उनमें भी गुरुदेव के इस गोचर से कमी आने की सम्भावना है | आप इस अवधि में जो भी कार्य करेंगे सोच विचार कर ही करेंगे जिनका लाभ आपको प्राप्त होगा | अपना स्वयं का व्यवसाय है तो उसमें भी प्रगति और धनलाभ की सम्भावनाएँ हैं | पार्टनरशिप में जिन लोगों का व्यवसाय है उनके लिए विशेष रूप से यह गोचर भाग्यवर्धक प्रतीत होता है | कोई नवीन प्रोजेक्ट भी इस अवधि में आप आरम्भ कर सकते हैं | कार्य से सम्बन्धित यात्राओं में वृद्धि की सम्भावना है | आय के नवीन स्रोत आपके समक्ष उपस्थित हो सकते हैं | सन्तान के जन्म के कारण उत्सव का वातावरण बनेगा | आपको अपने जीवन साथी के माध्यम से भी अर्थ लाभ की सम्भावना है | आपकी सन्तान की ओर से कोई शुभ समाचार इस अवधि में आपको प्राप्त हो सकता है | आध्यात्मिक गतिविधियों में वृद्धि की सम्भावना है |

कन्या : आपके लिए गुरुदेव चतुर्थेश और सप्तमेश होकर आपके लिए योगकारक हो जाते हैं और आपकी राशि से दशम भाव यानी कर्म के भाव में योगकारक की ही राशि में प्रस्थान करने जा रहे हैं | यहाँ से उनकी दृष्टियाँ आपके द्वितीय भाव, चतुर्थ भाव तथा छठे भावों पर रहेंगी | छठा भाव रोग का भाव, कानूनी प्रक्रिया का भाव तथा शत्रु का भाव माना जाता है | साथ ही मेडिकल प्रोफेशन के लिए और वक़ालत के लिए भी दशम और छठे भाव के ग्रहों को मिलाकर देखा जाता है | यदि आप इन दोनों में से किसी व्यवसाय में हैं तो आपके लिए यह गोचर अनुकूल फल प्रदान कर सकता है | अन्य जातकों के लिए, यदि आपने समझदारी से काम नहीं लिया और अपने आँख कान खुले नहीं रखे तो तो सम्भव है कार्य स्थल पर कुछ छोटी मोटी समस्याओं का सामना करना पड़ जाएकिन्तु इस ओर से चिन्तित होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आप स्वयं अपने बुद्धि बल, अपनी वाणी तथा अपने प्रयासों से इन समस्याओं का निदान कर सकने में समर्थ होंगे | परिवार के सदस्यों के साथ सम्बन्ध सौहार्दपूर्ण बने रहने की सम्भावना है तथा उनका सहयोग भी आपको प्राप्त रहेगा | कार्य में प्रगति तथा आय में वृद्धि की सम्भावना की जा सकती है | सामाजिक गतिविधियों में वृद्धि के साथ ही माँ सम्मान में भी वृद्धि की सम्भावना है | यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसका अनुकूल परिणाम सकता है | किसी लम्बी बीमारी से मुक्ति भी इस अवधि में सम्भव है | पोलिटिक्स से सम्बद्ध जातकों के लिए भी यह गोचर अनुकूल फल देने वाला प्रतीत होता है | आपको कुछ विशेष ज़िम्मेदारियाँ आपकी पार्टी की ओर से दी जा सकती हैं जिनके कारण आपकी व्यसत्ताएँ भी बढ़ सकती हैं | जिन लोगों का पैतृक व्यवसाय है अथवा जो लोग प्रॉपर्टी से सम्बद्ध व्यवसाय में हैं उनके लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | आप अपने निवास को Renovate भी करा सकते हैं | सुख सुविधाओं के साधनों में भी रुचि बढ़ सकती है | कोई नवीन प्रॉपर्टी भी आप इस अवधि में ख़रीद सकते हैं | आपकी वाणी प्रभावशाली रहेगी जिसका लाभ आपको अपने कार्य में निश्चित रूप से प्राप्त होगा | किन्तु इसके साथ ही स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है | विशेष रूप से पेट और लीवर से सम्बन्धित समस्याएँ गम्भीर रूप धारण कर सकती है, अतः अपने खान पान पर नियन्त्रण रखने की विशेष रूप से आवश्यकता है |

तुला : आपके लिए तृतीयेश और षष्ठेश होकर गुरु का गोचर आपके भाग्य स्थान में होने जा रहा है जहाँ से इसकी दृष्टियाँ आपकी राशि पर, तृतीय भाव पर तथा पञ्चम भाव पर रहेंगी | आपके लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | आपके उत्साह, निर्णायक क्षमता, उत्साह तथा पराक्रम में वृद्धि के कारण आप कुछ नवीन योजनाओं पर विचार कर सकते हैं | सम्बन्धित व्यक्तियों को यदि अपनी योजनाएँ बताएँगे तो उनका क्रियान्वयन भी सम्भव है | आपके व्यवहार में सकारात्मकता में वृद्धि के कारण आप बहुत सोच विचार कर ही कार्य करेंगे जिसका शुभ परिणाम भी आपको प्राप्त होगा | नौकरी में हैं तो पदोन्नति की सम्भावना है | आपके जीवन साथी के माध्यम से भी अर्थ लाभ की सम्भावना है | कार्य के सिलसिले में दूर पास की यात्राओं के योग भी प्रतीत होते हैं | नौकरी में हैं तो अधिकारी वर्ग का सहयोग आपको उपलब्ध रहेगा | अपने स्वयं का व्यवसाय है, अथवा पार्टनरशिप में कोई व्यवसाय कर रहे हैं तो उसमें भी उन्नति और अर्थ लाभ की सम्भावना है | परिवार में आनन्द का वातावरण बना रहेगा | समाज में मान सम्मान तथा प्रतिष्ठा में वृद्धि की सम्भावना है | आपकी सन्तान की ओर से कोई शुभ समाचार इस अवधि में प्राप्त हो सकता है | साय ही, यदि आप भी कोई एडवाँस कोर्स करना चाहते हैं तो उसके लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | किन्तु ध्यान रहे, आवश्यकता से अधिक उत्साह कभी कभी हानिकारक भी हो सकता है | आपके लिए एक ओर जहाँ आर्थिक स्थिति में सुधार और दृढ़ता की सम्भावना है वहीं प्रॉपर्टी से सम्बन्धित मामलों में भी लाभ की सम्भावना प्रतीत होती है | भौतिक सुख सुविधाओं में वृद्धि के साथ हाई आप कोई नवीन प्रॉपर्टी भी इस अवधि में ख़रीद सकते हैं | यदि कोई न्यायिक प्रक्रिया चल रही है तो उसमें आरम्भ में कुछ प्रतिकूलता आपको अनुभव हो सकती है, किन्तु बाद में सम्भव है निर्णय आपके पक्ष में जाए | इसके लिए आपको अपनी बुद्धि से काम लेना होगा | स्वास्थ्य की दृष्टि से समय अनुकूल प्रतीत होता है | फिर भी जितना सम्भव हो समय समय पर डॉक्टर से चैकअप अवश्य कराते रहें | छात्रों को अनुकूल परिणाम की सम्भावना की जा सकती है | धार्मिक तथा आध्यात्मिक गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है | छोटे भाई बहनों के साथ यदि कुछ समय से मतभेद चल रहा है तो वह भी इस अवधि में दूर हो सकता है |

वृश्चिक : आपके लिए गुरु आपकी राशि से द्वितीयेश और पञ्चमेश है तथा आपके अष्टम भाव में गोचर कर रहा है | यहाँ से गुरुदेव की दृष्टि आपके बारहवें भाव, द्वितीय भाव तथा चतुर्थ भावों पर रहेंगी | यद्यपि गुरु अपने योगकारक की ही राशि में गोचर कार रहा है किन्तु हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अष्टम भाव में शत्रु ग्रह की राशि है | एक तो अष्टम भाव दूसरे शत्रु ग्रह की राशि | अष्टम भाव से जीवन में आकस्मिक घटनाओं का विचार किया जाता है | आपके लिए इस गोचर को कुछ अधिक अनुकूल नहीं कहा जा सकता | अचानक ही कुछ समस्याओं का सामना आपको करना पड़ सकता है | अचानक ही ऐसी यात्राएँ करनी पड़ सकती हैं जिनके कारण धन की हानि होने के साथ ही कष्ट भी प्राप्त हो सकता है | यदि यात्रा करनी पड़ जाए तो अपने महत्त्वपूर्ण काग़ज़ों को सम्हाल कर रखने की आवश्यकता है | परिवारजनो के साथ सम्पत्ति को लेकर भी किसी प्रकार का वैमनस्य भी सम्भव है | इससे पूर्व कि विवाद कोर्ट तक पहुँचे, बात को सम्हालने का प्रयास आपके हित में होगा, अन्यथा धन और सम्मान दोनों की हानि सम्भव है | नौकरी और व्यवसाय में भी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | यदि कहीं पैसा इन्वेस्ट किया हुआ तो उसकी वापसी में सन्देह है | कार्य स्थल पर कुछ गुप्त शत्रु आपकी छवि धूमिल करने का प्रयास कर सकते हैं, अतः अपने आँख और कान खुले रखने की आवश्यकता है | यदि आपने अपनी वाणी पर नियंत्रण नहीं रखा तो आपको उसका परिणाम भुगतना पड़ सकता है | वास्तव में तो आपके लिए यह समय आत्म मन्थन का समय है, अतः हर ओर से ध्यान हटाकर बृहस्पति के मन्त्र का जाप करें तथा भविष्य के लिए योजनाएँ तैयार करें | विदेश यात्राओं पर धन ख़र्च हो सकता है | यद्यपि किसी वसीयत के माध्यम से अथवा किसी ऐसे स्रोत से धन सम्पत्ति का लाभ भी हो सकता है जहाँ के विषय में आपने कल्पना भी नहीं की होगी | किन्तु उसे स्वीकार करने से पूर्व भली भाँति सारे Documents का निरीक्षण अवश्य करा लें कि यह सम्पत्ति किसी विवाद में तो फँसी हुई नहीं है | एक बात अनुकूल प्रतीत होती है, यदि आपकी कहीं से पेमेण्ट रुकी हुई है अथवा किसी को लोन दिया हुआ है तो इस अवधि में उसकी रिकवरी हो सकती हैयदि आपने उचित प्रयास किया तो | स्वास्थ्य का भी विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता है क्योंकि स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं पर धन अधिक व्यय हो सकता है | इसके लिए अपने ख़ान पान और जीवन शैली को सन्तुलित करने की आवश्यकता होगी |

धनु :  आपके लिए गुरुदेव लग्नेश और चतुर्थेश होकर स्वयं ही योगकारक हैं और एक दूसरे योगकारक की राशि में आपके सप्तम भाव में प्रस्थान करने जा रहे हैंजहाँ से इनकी दृष्टियाँ आपके लाभ स्थान, लग्न तथा तृतीय भावों पर रहेंगी | आपके लिए यह गोचर बहुत अधिक शुभ रहने वाला प्रतीत होता है | आपके पराक्रम में वृद्धि के साथ ही आपके लिए सम्भावनाओं के अनेक अवसर उपस्थित हो सकते हैंआवश्यकता है संकोच त्याग कर सोच समझकर उन पर ध्यान देने की | नौकरी में हैं तो अधिकारी वर्ग का सहयोग आपको उपलब्ध रहेगा तथा आपकी पदोन्नति के साथ ही आपकी आय में भी वृद्धि की सम्भावना की जा सकती है | अपना स्वयं का व्यवसाय है अथवा पार्टनरशिप में कोई व्यवसाय है तो उसमें प्रगति तथा अर्थ लाभ की सम्भावना है | पार्टनरशिप में यदि कोई नवीन व्यवसाय आरम्भ करने की योजना है तो उसके लिए भी यह समय अनुकूल प्रतीत होता है | आपके व्यवहार और व्यक्तित्व तथा वाणी एक ऐसा सकारात्मक परिवर्तन इस अवधि में परिलक्षित होगा कि बहुत सारे लोग आपका अनुसरण कर सकते हैं और इस सबका लाभ भी आपको प्राप्त होगा | किसी प्रकार पुरुस्कार और सम्मान आदि की सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है | आपको अपने कार्य में मित्रों का तथा परिवारजनों का पूर्ण सहयोग प्राप्त रहेगा | बहन भाइयों के साथ सम्बन्धों में मधुरता में वृद्धि होगी | सामाजिक गतिविधियों में वृद्धि तथा मान सम्मान में वृद्धि के योग हैं | आपके जीवन साथी के लिए भी अर्थलाभ का समय है | यदि कहीं पैसा इन्वेस्ट किया हुआ तो उसकी वापसी भी इस अवधि में सम्भव है | अध्ययन अध्यापन से सम्बन्धित जिनका कार्य है उनके लिए भी समय अनुकूल प्रतीत होता है | आपका कोई शोध प्रबन्ध इस अवधि में पूर्ण होकर प्रकाशित हो सकता है और उसके कारण आपको कोई पुरस्कार भी प्राप्त हो सकता है | कार्य से सम्बन्धित यात्राएँ सुखकर तथा लाभदायक रहेंगी | सन्तान की ओर से कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है | छात्रों के लिए अनुकूल परिणाम की आशा की जा सकती है | राजनीति से जुड़े लोगों के लिए भी यह समय अत्यन्त अनुकूल प्रतीत होता है और उन्हें अपने दल में कोई महत्त्वपूर्ण पद प्राप्त हो सकता है | अविवाहित हैं तो जीवन साथी की खोज भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | और एक महत्त्वपूर्ण बात, आपकी शनि की ढैया आरम्भ हो चुकी है, किन्तु गुरुदेव के इस गोचर से ढैया के दुष्परिणाम यदि कोई हैं तो उनमें भी कमी आने की सम्भावना है |

मकर : आपके लिए गुरु आपकी राशि से तृतीयेश और द्वितीयेश है तथा इस समय आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करने जा रहा है | यहाँ से इसकी दृष्टियाँ आपके कर्म स्थान, बारहवें भाव तथा धन भाव पर रहेंगी | छठे भाव से क़ानूनी समस्याओं, स्वास्थ्य तथा प्रतियोगिता इत्यादि का विचार किया जाता है | आपके लिए यह गोचर मिश्रित फल देने वाला प्रतीत होता है | आपको अपने प्रयासों में सफलता तो प्राप्त होगी, किन्तु उसके लिए आपको अधिक प्रयास करने की आवश्यकता होगी | आपको अपने स्वयं के अथवा परिवार में किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य से सम्बन्धित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है तथा उनके कारण पैसा भी अधिक खर्च हो सकता है | आपको स्वयं को अथवा परिवार में किसी अन्य व्यक्ति को अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ सकता है | साथ ही बीमारी के चलते आपके कार्य पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा | यदि इन समस्याओं से बचना है तो अपने खान पान तथा अपनी जीवन शैली को नियन्त्रित करने की आवश्यकता होगी | कार्य स्थल अथवा व्यापार से सम्बन्धित कोई लीगल केस का सामना भी करना पड़ सकता है | जिन परिवारजनों के लिए आप पूर्ण रूप से समर्पित हैं उन्हीं के साथ मन मुटाव के चलते आपको मानसिक कष्ट का भी आपको अनुभव हो सकता है | यदि किसी नौकरी में हैं तो अपने अधिकारी वर्ग को प्रसन्न रखने के लिए भी आपको बहुत अधिक प्रयास करना पड़ सकता है | विवाहित हैं तो ससुराल पक्ष की ओर से भी किसी प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | आय से अधिक ख़र्च होने के कारण आपका बजट भी गड़बड़ा सकता है | आपके लिए आवश्यक है कि कार्य से सम्बन्धित अपनी योजनाओं के विषय में अपने मित्रों से कुछ विचार विमर्श करें | अपने टैक्स आदि समय पर भरते रहें और किसी अच्छे वक़ील से परामर्श करें | यदि ऐसा कर लेंगे तो फिर आपके लिए यह गोचर अनुकूल भी हो सकता है | ज्योतिष का लाभ ही यह है कि आपको एक दिशा मिल जाए ताकि उस पर चलकर आप आगे बढ़ सकें | चिन्ता की आवश्यकता नहीं है | यदि आरम्भ का कुछ समय आपने अच्छे से निकाल लिया तो फिर धीरे धीरे परिस्थियाँ स्वयं ही अनुकूल होने लग जाएँगी तथा आपके स्वास्थ्य में भी सुधार होने लग जाएगा | यह गोचर विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवाओं से सम्बद्ध जातकों के लिए तथा लीगल प्रोफेशन से जुड़े लोगों के लिए अनुकूल प्रतीत होता है | घर अथवा ऑफिस में कार्य रहे सहायकों पर दृष्टि रखने की आवश्यकता है | यों आपकी निर्णायक क्षमता और आपकी बुद्धि में वृद्धि होने की सम्भावना है जिसके कारण आप अपनी समस्याओं से स्वयं के प्रयासों से ही मुक्ति प्राप्त करने में सक्षम होंगे | साथ ही बृहस्पति के मन्त्र का जाप आपके लिए विपरीत प्रभाव को कम करेगा |

कुम्भ : आपके लिए गुरु का मिथुन में गोचर अत्यन्त अनुकूल प्रतीत होता है | गुरु आपके लिए द्वितीयेश और एकादशेश है तथा इस समय आपकी राशि से पञ्चम भाव में गोचर करने जा रहा है, यहाँ से गुरु की दृष्टियाँ आपके भाग्य स्थान, लाभ स्थान तथा स्वयं आपकी राशि पर रहेंगी जो बहुत ही शुभ संकेत हैं | यद्यपि आपके लिए साढ़ेसाती का यह तीसरा  और अन्तिम चरण है, किन्तु गुरु के इस गोचर से साढ़ेसाती के दुष्परिणाम यदि हैं भी तो उनमें भी कमी हो सकती है और गुरु का यह गोचर आपके लिए अत्यन्त भाग्यवर्धक सिद्ध हो सकता है | आप यदि किसी नौकरी में हैं तो पदोन्नति के साथ ही किसी अन्य स्थान पर ट्रांसफ़र की भी सम्भावना है | यह ट्रांसफर आपके हित में रहेगा | हाथ के कारीगरों के लिए विशेष रूप से यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | आपकी कलाकृतियों की एग्जीविशन लग सकती हैं जिनमें आपके कार्य की प्रशंसा होगी | इन प्रदर्शनियों के लिए आपको दूर पास की यात्राओं के अवसर भी उपलब्ध हो सकते हैं | आपका अपना स्वयं का व्यवसाय है अथवा आप अपने पैतृक व्यवसाय में हैं या उनके साथ पार्टनरशिप में कोई कार्य कर रहे हैं तो आपके लिए व्यापार में उन्नति और अर्थलाभ की सम्भावना प्रबल है | पिता, बड़े भाई, मित्रों तथा अधिकारी वर्ग का सहयोग आपको उपलब्ध रहेगा | उच्च शिक्षा का प्रयास यदि आप कर रहे हैं तो उसमें भी सफलता के साथ ही तुरन्त ही कोई मनोनुकूल नौकरी भी आपको प्राप्त हो सकती है | आप मनोरंजन के लिए सपरिवार यात्राएँ भी कर सकते हैं | धार्मिक गतिविधियों में भी वृद्धि की सम्भावना है और आप तीर्थ यात्राओं के लिए भी जा सकते हैं | सन्तान की ओर से भी शुभ समाचार प्राप्त हो सकते हैं | परिवार में किसी बच्चे के जन्म के कारण आनन्द और उत्सव का वातावरण बनेगा | यदि जीवन साथी की तलाश है तो वह इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | आपकी सन्तान उच्च शिक्षा के लिए कहीं विदेश जा सकती है | आपकी रुचि धार्मिक गतिविधियों में बढ़ सकती है | स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | परिवार में माँगलिक कार्यों का आयोजन हो सकता है | सामाजिक गतिविधियों के साथ ही पद प्रतिष्ठा और मान सम्मान में भी वृद्धि के संकेत हैं | यद्यपि जितने समय गुरुदेव अतिचारी रहेंगेयानी 18 अक्टूबर से पाँच दिसम्बर तक का समयआपके स्वास्थ्य की दृष्टि से कुछ अधिक अच्छा नहीं रहेगा | किन्तु इस अवधि में यदि आपने अपने अपने ख़ान पान और जीवन शैली को नियन्त्रित कर लिया, अपनी वाणी को नियन्त्रित कर लिया तो यह समय भी अनुकूल ही रहेगा |

मीन : आपकी राशि के लिए गुरुदेव लग्नेश और दशमेश होकर योगकारक हो जाते हैं और दूसरे योगकारक की राशि में  चतुर्थ भाव में भ्रमण करने जा रहे हैं, जहाँ से इनकी दृष्टियाँ आपकी राशि से अष्टम भाव, दशम भाव तथा बारहवें भावों पर रहेंगी | आपके लिए यह गोचर मिश्रित फल देने वाला प्रतीत होता है | चतुर्थ भाव से मुख्य रूप से मानसिक शक्ति, भौतिक सुख सुविधाओं, परिवार तथा माता का विचार किया जाता है | एक ओर जहाँ साढ़ेसाती का दूसरा चरण होने के कारण आप मानसिक अशान्ति का अनुभव कर सकते हैं, वहीं दूसरी ओर आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार तथा दृढ़ता आने की भी सम्भावना है | इस अवधि में आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है |  विशेष रूप से पारिवारिक सुख सुविधाओं पर आप बहुत अधिक ख़र्च कर सकते हैं | परिवार में किसी का शादी ब्याह भी ख़र्चों का कारण हो सकता है | परिवार के साथ यात्राओं पर आप जा सकते हैं जिनके कारण भी ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है | अतः आपको बजट बनाकर चलना होगा ताकि अनावश्यक ख़र्चों से बचा जा सके | कार्य में सफलता के लिए कुछ अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है | किन्तु वहीं दूसरी ओर  कार्यक्षेत्र में अनुकूल परिणाम भी प्राप्त हो सकते हैं | आपको अपने अधिकारी वर्ग का सहयोग प्राप्त रहेगा जिसके कारण कार्य क्षेत्र में आपकी पदोन्नति भी हो सकती है | जो लोग अध्ययन अध्यापन के क्षेत्र में कार्यरत हैं, मैनेजमेंट जैसे किसी व्यवसाय में हैं अथवा कम्प्यूटर आदि से सम्बन्धित कोई कार्य है तो उनके लिए यह गोचर बहुत अनुकूल रह सकता है | कार्य स्थल पर चली रही समस्याओं से मुक्ति की आशा इस अवधि में की जा सकती है | आपकी अपने कार्य से सम्बन्धित कोई पुस्तक इस अवधि में प्रकाशित हो सकती है जिसके कारण आपको कोई पुरस्कार आदि भी प्राप्त हो सकता है | आपका स्वयं का व्यवसाय है तो आप उसका भी विस्तार इस अवधि में कर सकते हैं | यदि प्रॉपर्टी बेचना चाहते हैं तो अभी इस योजना को स्थगित करना होगा | कार्य के सिलसिले में देश विदेश की यात्राओं में वृद्धि होगी | इन यात्राओं इन आपके कार्य में तो सफलता प्राप्त होगी किन्तु स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहना होगा | गुरुदेव के अतिचारी होने की स्थिति में आपको कुछ विशेष प्रकार से लाभ भी हो सकते हैं | आपकी पदोन्नति होकर आपका ट्रांसफर किसी अनुकूल स्थान पर हो सकता है | आपके व्यक्तित्व और व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन के कारण आपका व्यक्तित्व प्रभावशाली बना रहेगा जिसका लाभ आपको जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्राप्त होगा | साथ ही पॉलिटिक्स से सम्बन्ध रखने वाले जातकों के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | किन्तु जैसा कि पूर्व में लिखा है, सम्भवतः कार्य की अधिकता के कारण अथवा सन्तुष्ट होने के अपने स्वभाव के कारण आपको मानसिक अशान्ति अथवा तनाव का अनुभव हो सकता है | इसके लिए यदि आप ध्यान और प्राणायाम के अभ्यास करते हैं तो ये आपके लिए उचित रहेंगे |

अन्त में पुनः यही कहेंगे, क्योंकि ये सभी परिणाम चन्द्र राशि पर आधारित हैं, और चन्द्रमा एक राशि में लगभग सवा दो दिन रहता है और इस अवधि में अनगिनत बच्चों का जन्म हो जाता हैऔर सबही के लिए तो कोई ग्रह एक समान नहीं हुआ करता | किसी भी ग्रह के गोचर का फलकथन करते समय ज्योतिष के अन्य सूत्रों पर भी ध्यान देना आवश्यक है  साथ ही, सबसे प्रमुख तो व्यक्ति अपना कर्म होता है जो किसी भी ग्रह दशा को अपने अनुकूल बनाने की सामर्थ्य रखता है