वैदिक ज्योतिष एक ऐसा विज्ञान है जो हमारे जीवन के उतार चढ़ावों के सम्भावित कारणों को जानने में हमारी मदद करता है | क्योंकि यदि जीवन के उतार चढ़ावों के विषय में कुछ सम्भावनाएँ भी पता लग जाएँ – कब कब क्या क्या हो सकता है, कुछ बुरा होने की सम्भावना है तो उससे किस प्रकार बचा जा सकता है और यदि कुछ शुभ होने की सम्भावना है तो उस सम्भावना को यथार्थ में किस तरह परिवर्तित किया जा सकता है – इन सब बातों के विषय में यदि कुछ भान हो जाए तो उसके बहुत लाभ हो सकते हैं |
आज के जीवन में – जहाँ व्यवसायों को लेकर इतनी भागदौड़ लगी रहती है वहाँ यदि जीवन के कुछ विशेष क्षेत्रों में दिशा निर्देश मिल जाए तो बहुत राहत मिल जाती है – फिर चाहे वह दिशा निर्देश सन्तान की शिक्षा के विषय में हो, अपने स्वयं के व्यवसाय या इंटरव्यू आदि के सम्बन्ध में हो, पारस्परिक सम्बन्धों को लेकर हो अथवा सफलता असफलता आदि के विषय में हो | व्यक्ति के जीवन में दिन प्रतिदिन जो परिवर्तन होते रहते हैं उनके विषय में यदि पहले से कुछ जानकारी मिल जाए तो व्यक्ति उनके अनुसार अपनी दिनचर्या में फेर बदल कर सकता है | साथ ही इस प्रकार के दिशा निर्देश से व्यक्ति की मानसिकता में भी अभूतपूर्व परिवर्तन आते देखे गए हैं | जीवन के प्रति व्यक्ति की सोच ही पूर्ण रूप से बदल जाती है और पहले से भी अधिक सकारात्मक हो जाती है |
हम इसे इस तरह समझ सकते हैं कि मान लीजिये आपको कहीं जाना है या कोई सड़क पार करनी है – उस सड़क के बीचों बीच एक बड़ा सा गड्ढा है और आगे जाने के लिए कोई दूसरा मार्ग भी नहीं है | छोटे मोटे गड्ढों को तो आए दिन ही पार करना पड़ता है और उनसे किसी प्रकार की कोई विशेष हानि भी नहीं होती है | लेकन यदि सड़क के बिल्कुल बीचों बीच बड़ा सा गड्ढा आ जाए और पहले से उसके विषय मं कुछ पता न हो तो इससे कोई बहुत बड़ी दुर्घटना भी घट सकती है | यदि पहले से कोई उस गड्ढे के विषय में बता दे या वहाँ पर उसके विषय में बोर्ड लगा दिया जाए तो आप उस गड्ढे को संभल कर पार करेंगे | और तब या तो आप दुर्घटना से पूरी तरह ही बच जाएँगे या फिर यदि संभलते संभलते भी उसमें गिर गए तो चोट कम से कम लगेगी – क्योंकि बहुत सोच समझ कर आप इस गढ्ढे को पार करेंगे | ज्योतिष विज्ञान इसी गड्ढे को बताने का कार्य करता है – यही दिशा निर्देश ज्योतिष के माध्यम से प्राप्त होते हैं |
आप कर्म तो कर रहे हैं किन्तु उसमें सफलता प्राप्त नहीं हो रही है | कारण, या तो कर्म आपकी रूचि का नहीं है या आपमें उसे करने की उचित योग्यता नहीं है या आपको लक्ष्य बहुत दूर जान पड़ता है और फलस्वरूप आप निराश होकर उतना श्रम नहीं कर पाते जितना कि आवश्यक है | ऐसे में यदि कोई आपको दिशानिर्देश दे कि अमुक कार्य अमुक प्रकार से करोगे तो सफलता मिलने की सम्भावनाएँ बढ़ जाएँगी – तो आप पूर्ण उत्साह के साथ उस कार्य में लग जाएँगे |
ज्योतिषी आपकी जन्मकुण्डली का ज्योतिष विज्ञान के सूत्रों के आधार पर अध्ययन करके प्राप्त परिणामों पर अपने अनुभव के आधार पर विचार करता है और तब आपको बताता है कि आपकी कुण्डली के अध्ययन से किस प्रकार की सम्भावना दिखाई पड़ रही है | और इस प्रकार की सम्भावित जानकारी प्राप्त हो जाने पर व्यक्ति अपने अनुकूल मार्ग का चयन कर सकता है |
लेकिन अन्त में यही कहेंगे कि समस्याओं के समाधान हेतु ज्योतिषीय फल कथनों पर विश्वास अवश्य करें, किन्तु अपनी बुद्धि का भी उपयोग करना न भूलें | अपनी बुद्धि का उपयोग करके और अच्छी तरह सोच विचारकर ही किसी कर्म में प्रवृत्त होने पर विचार करें |