Career Guidance – व्यवसाय और नौकरी

कर्तव्यपरायण रहना व्यक्ति का सबसे बड़ा धर्म होता है | हमने जन्म लिया है तो कर्म तो करना आवश्यक है | परिवार तथा समाज के प्रति हमारे कुछ कर्तव्य होते हैं | और कर्तव्यों के निर्वहन के लिए निश्चित रूप से धन की आवश्यकता होती है | आज इतने सारे कोर्स उपलब्ध हैं जिनमें योग्यता प्राप्त करके अच्छी नौकरी हासिल की जा सकती है अथवा व्यवसाय को बढाया जा सकता है | अनेक नए नए क्षेत्र सामने आ रहे हैं | ऐसे में क्या करें क्या न करें की स्थिति होना स्वाभाविक है | इस स्थिति में सबसे पहले तो छात्रों की कुण्डली देखकर उन्हें सलाह दी जाती है कि उन्हें शिक्षा के किस क्षेत्र में जाना चाहिए | उसकी कुण्डली में नौकरी का योग बन रहा है अथवा अपना स्वयं का व्यवसाय भी कर सकता है | व्यक्ति की कुण्डली से यह ज्ञान हो जाता है कि व्यक्ति किस कार्य में सफालता प्राप्त कर सकता है | तथा नौकरी उसके लिए उचित रहेगी अथवा उसे अपना व्यवसाय आरम्भ करना चाहिए | तो जिस कार्य में सफलता के योग आते हों उसी कार्य से सम्बन्धित शिक्षा ग्रहण की जाए तो अधिक उत्तम रहेगा | जब तक उचित ज्ञान के साथ साथ उचित तथा अनुकूल दिशा में प्रयास नहीं किया जाएगा तो सफलता प्राप्ति में सन्देह रहेगा | साथ ही, यदि व्यक्ति पार्टनरशिप में कार्य करना चाहता है, तो जिस प्रकार विवाह के लिए कुण्डलियों का मिलान किया जाता है उसी प्रकार पार्टनरशिप के लिए भी कुण्डली का मिलान करके यह बताया जा सकता है कि अमुक व्यक्ति के साथ मिलकर कार्य करने से लाभ होने की सम्भावना है अथवा हानि |

साथ ही कार्य नहीं चल रहा है, व्यवसाय में हानि हो रही है, नौकरी नहीं मिल रही है – इस स्थिति में आपकी कुण्डली का अध्ययन करके इस विषय में भी उपाय बताए जाते हैं |

साथ ही, आप अपना स्वयं का ऑफिस सेट करना चाहते हैं तो उसके लिए भी शुभ मुहूर्त बताया जाता है |